शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कहर बनकर बरस रहा है. वहीं, प्रदेश में अब तक मानसून से 5745 करोड़ का नुकसान आंका गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 2008 करोड़ का नुकसान हुआ है. 7996 परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं तो वहीं, सैकड़ों सड़कों के साथ करीब 90 पुलों को भी क्षति पहुंची है, जबकि 19 पुल बाढ़ में बह गए हैं. लोक निर्माण विभाग बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली का काम रहा है और विभाग ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में टिप्पर, जेसीबी सहित 876 मशीनें लगा रखी हैं. हालांकि बारिश से सड़कों को ठीक करने का काम प्रभावित हो रहा है. प्रदेश में करीब 300 सड़कें अभी भी बंद हैं. इनमें 169 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन और 101 सड़कें मंडी जोन के तहत बंद हैं. कांगड़ा जोन में 25 और हमीरपुर जोन के तहत 5 सड़कें बंद हैं.
जल शक्ति विभाग की 8516 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: मानसून की भारी बारिश से पानी की परियोजनाओं को भी क्षति पहुंची है. विभाग की करीब 8516 योजनाओं को बरसात से क्षति पहुंची है. इनमें 6712 पेयजल से संबंधित हैं, जिनमें से 6552 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी गई हैं. इसके अलावा सिंचाई की 1533 फ्लड कंट्रोल की 181 और सीवरेज की 83 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1544 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 167 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है.
7996 परिवारों के मकान हुए क्षतिग्रस्त: मानसून में अबकी बार बड़ी संख्या में रिहायशी और अन्य भवन भूस्खलन और फ्लड की चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 7996 परिवारों के आशियाने बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 748 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 246 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. 2292 से गौशालाएं भी बारिश में ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों की वजह से 197 लोगों की मौत भी बरसात में हुई है.
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