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रामपुर में मजदूर यूनियन का धरना प्रदर्शन, प्रशासन से की ये मांग

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Published : Jul 13, 2020, 8:32 PM IST

Updated : Jul 13, 2020, 9:37 PM IST

रामपुर में जन विरोधी नीतियों को लेकर मजदूर यूनियन ने धरना देकर विरोध जताया. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार से मांगें पूरी नहीं होने पर 9 अगस्त को जेल भरो आंदोलन करने की चेतावनी दी गई.

Labor union protest in Rampur
रामपुर में मजदूर यूनियन का धरना प्रदर्शन

रामपुर: अखिल भारतीय भवन एवं सड़क निर्माण फेडरेशन के आह्वान पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ निर्माण मजदूर यूनियन ब्लॉक इकाई निरमण्ड ने धरना देकर विरोध जताया. निरमण्ड के महासचिव पूर्ण ठाकुर,अध्यक्ष परस राम ने केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश सरकार की नीतियों को जन विरोधी बताया.

उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के इस संकट काल को भी शासक वर्ग और सरकारें शोषण कर रही है. लॉकडाउन के कारण देश में 14 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए. बेरोजगार हुए लोगों में सबसे ज्यादा संख्या निर्माण के क्षेत्र में काम कर रहे मजदूर की है. सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी कर रही. मजदूरों को काम नहीं मिल रहा. सरकार के गोदामों में अनाज सड़ रहा, लेकिन मजदूर को परेशान होना पड़ रहा हैं. भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन खण्ड इकाई सरकार से मांग करती है कि श्रम कानूनों के साथ छेड़छाड़ न किया जाए.

एक्ट और प्रवासी मजदूर कानून को दूसरे कानूनों में मर्ज न किया जाए ,बल्कि इनकी कमियों को दूर करके इसे सख्ती से लागू किया जाए , हर परिवार के एक सदस्य के लिए 10 किलो अनाज अगले 6 माह तक प्रदान किया जाए. सभी परिवारों को 6 माह तक 7500 रुपये नकद सहित अन्य सुविधाओं को दिया जाए. केंद्र और प्रदेश सरकार मजदूरों के विरोधी फैसलों में बदलाव नहीं करेगी तो 9 अगस्त को पूरे देश में मजदूरों किसानों के साथ मिलकर जेल भरो आंदोलन करेगी. इस धरने में किसान सभा जिला महासचिव ददेवकी नंद, जगदीश, दुर्गा नंद समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे.

ये भी पढ़ें :प्रदेश के कॉलेजों में शुरू हुए ऑनलाइन एडमिशन, 31 जुलाई तक चलेगी प्रक्रिया

रामपुर: अखिल भारतीय भवन एवं सड़क निर्माण फेडरेशन के आह्वान पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ निर्माण मजदूर यूनियन ब्लॉक इकाई निरमण्ड ने धरना देकर विरोध जताया. निरमण्ड के महासचिव पूर्ण ठाकुर,अध्यक्ष परस राम ने केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश सरकार की नीतियों को जन विरोधी बताया.

उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के इस संकट काल को भी शासक वर्ग और सरकारें शोषण कर रही है. लॉकडाउन के कारण देश में 14 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए. बेरोजगार हुए लोगों में सबसे ज्यादा संख्या निर्माण के क्षेत्र में काम कर रहे मजदूर की है. सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी कर रही. मजदूरों को काम नहीं मिल रहा. सरकार के गोदामों में अनाज सड़ रहा, लेकिन मजदूर को परेशान होना पड़ रहा हैं. भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन खण्ड इकाई सरकार से मांग करती है कि श्रम कानूनों के साथ छेड़छाड़ न किया जाए.

एक्ट और प्रवासी मजदूर कानून को दूसरे कानूनों में मर्ज न किया जाए ,बल्कि इनकी कमियों को दूर करके इसे सख्ती से लागू किया जाए , हर परिवार के एक सदस्य के लिए 10 किलो अनाज अगले 6 माह तक प्रदान किया जाए. सभी परिवारों को 6 माह तक 7500 रुपये नकद सहित अन्य सुविधाओं को दिया जाए. केंद्र और प्रदेश सरकार मजदूरों के विरोधी फैसलों में बदलाव नहीं करेगी तो 9 अगस्त को पूरे देश में मजदूरों किसानों के साथ मिलकर जेल भरो आंदोलन करेगी. इस धरने में किसान सभा जिला महासचिव ददेवकी नंद, जगदीश, दुर्गा नंद समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे.

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Last Updated : Jul 13, 2020, 9:37 PM IST
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