शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुछ विपक्षी दलों द्वारा चुनाव परिणाम अनुकूल न आने के कारण ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाले राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह देश की जनता के जनादेश का अनादर है. उन्होंने कहा कि अपनी संभावित हार को देखते हुए ये विपक्षी दल देश की लोकतांत्रिक छवि को धूमिल कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी ईवीएम द्वारा किए गए चुनावों में विजय प्राप्त की है, लेकिन उस समय उन्होंने कभी भी इस पर प्रश्न नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि राजस्थान, छतीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी ईवीएम द्वारा हुए चुनावों में ही विजयी हुई थी, लेकिन उस समय कांग्रेस के नेताओं ने ईवीएम पर प्रश्न नहीं उठाए. उन्होंने कहा कि अब जब अनेक एजेंसियों द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल रहा है तो यही विपक्षी दल अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रही है.
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जयराम ठाकुर ने कहा कि ईवीएम मशीन से कथित गड़बड़ी के विषय पर चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसे हैक करने की चुनौती दी थी, लेकिन उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि वीवीपैट प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकते हैं कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ है, अतः ईवीएम पर प्रश्न उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्षी दल हथियार उठाने और खून की नदियां बहाने जैसे आपत्तिजनक बयान दे रही है, जो देश में अराजकता फैलाने का षड़यंत्र है. उन्होंने कहा कि अपनी संभावित हार को देखते हुए विपक्षी दल हताशा में है और इस तरह के अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने विपक्षी दल के नेताओं को सुझाव दिया कि वे सम्मानजनक तरीके से और विनम्रता के साथ अपनी हार स्वीकार करें, क्योंकि स्वस्थ लोकतंत्र की यही परम्परा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने 3 से ज्यादा जनहित याचिकाओं को संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है, जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र में 5 वीवीपैट को गिनने का आदेश दिया है तो फिर विपक्ष के लोग क्यों सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने ईवीएम पर हंगामा 6 चरणों के मतदान के बाद शुरू किया और एग्जिट पोल के बाद तो यह और तेज हो गया. उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल ईवीएल के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछकर किया जाता है. उन्होंने विपक्ष से पूछा की एग्जिट पोल के आधार पर आप ईवीएम की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह उठा सकते हैं.
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