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अब आसान होगी लावारिश शवों की पहचान, हिमाचल पुलिस करने जा रही है बड़ी पहल

हिमाचल पुलिस ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज कुमार को पत्र लिखकर आधार डाटा के सीमित एक्सेस देने की गुजारिश की है. दलील दी गई है देश की बड़ी आबादी का आधार बन चुका है. जिसका पूरा डाटा प्राधिकरण के पास है. ऐसे में अगर वह सीमित एक्सेस देता है तो लावारिस हालत में मिलने वाले शवों की पहचान कर उन्हें उनके अपनों तक पहुंचाया जा सकता है.

HPP requested for limited access to Aadhaar data to identify unclaimed dead bodies
फोटो.
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Published : Oct 28, 2020, 5:28 PM IST

शिमला: प्रदेश में लावारिश शवों पहचान के लिए पुलिस नई पहल करने जा रही है. अब हर साल लावारिस हालत में मिलने वाले अज्ञात शवों की शिनाख्त कर परिजनों तक पहुंचाने में आसानी होगी.

हिमाचल पुलिस ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज कुमार को पत्र लिखकर आधार डाटा के सीमित एक्सेस देने की गुजारिश की है. दलील दी गई है देश की बड़ी आबादी का आधार बन चुका है. जिसका पूरा डाटा प्राधिकरण के पास है.

ऐसे में अगर वह सीमित एक्सेस देता है तो लावारिस हालत में मिलने वाले शवों की पहचान कर उन्हें उनके अपनों तक पहुंचाया जा सकता है. साथ ही गुमशुदा हुए छोटे बच्चों और मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोगों को भी अपनों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.

डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों में हर साल सौ से ज्यादा लावारिस शव मिलते हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों तक से भटककर हिमाचल पहुंचने बच्चे व मानसिक रूप से बीमार लोग पहुंच जाते हैं.

आधार पोर्टल पर पहले से ही बायोमीट्रिक जानकारी दर्ज है. ऐसे में अगर सीमित एक्सेस मिले तो ऐसे मानवीय दृष्टिकोण वाले मामलों में पुलिस बेहतर मदद कर सकती है. बताया कि इसमें जानकारी सार्वजनिक होने को लेकर समस्या है लेकिन इसीलिए हिमाचल पुलिस ने सीमित एक्सेस मांगा है ताकि निजता बनी रहे और मरने वाले व्यक्ति की धार्मिक आस्था के अनुसार उसका अंतिम संस्कार भी किया जा सके.

शिमला: प्रदेश में लावारिश शवों पहचान के लिए पुलिस नई पहल करने जा रही है. अब हर साल लावारिस हालत में मिलने वाले अज्ञात शवों की शिनाख्त कर परिजनों तक पहुंचाने में आसानी होगी.

हिमाचल पुलिस ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज कुमार को पत्र लिखकर आधार डाटा के सीमित एक्सेस देने की गुजारिश की है. दलील दी गई है देश की बड़ी आबादी का आधार बन चुका है. जिसका पूरा डाटा प्राधिकरण के पास है.

ऐसे में अगर वह सीमित एक्सेस देता है तो लावारिस हालत में मिलने वाले शवों की पहचान कर उन्हें उनके अपनों तक पहुंचाया जा सकता है. साथ ही गुमशुदा हुए छोटे बच्चों और मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोगों को भी अपनों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.

डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों में हर साल सौ से ज्यादा लावारिस शव मिलते हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों तक से भटककर हिमाचल पहुंचने बच्चे व मानसिक रूप से बीमार लोग पहुंच जाते हैं.

आधार पोर्टल पर पहले से ही बायोमीट्रिक जानकारी दर्ज है. ऐसे में अगर सीमित एक्सेस मिले तो ऐसे मानवीय दृष्टिकोण वाले मामलों में पुलिस बेहतर मदद कर सकती है. बताया कि इसमें जानकारी सार्वजनिक होने को लेकर समस्या है लेकिन इसीलिए हिमाचल पुलिस ने सीमित एक्सेस मांगा है ताकि निजता बनी रहे और मरने वाले व्यक्ति की धार्मिक आस्था के अनुसार उसका अंतिम संस्कार भी किया जा सके.

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