शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में खाली पड़े टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों पर नियुक्तियां जल्द ही होने वाली हैं. यूजीसी की ओर से तय भर्ती नियम एचपीयू में लागू करने के बाद भर्तियों के लिए विश्वविद्यालय को प्रदेश सरकार की ओर से लागू किए जाने वाले 10 फीसदी आरक्षण रोस्टर का इंतजार था जिसे शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. रोस्टर के आधार पर ही एचपीयू भी अपने रिक्त पदों को भरेगा.
बता दें कि एचपीयू में काफी लंबे समय से टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों पर नियुक्तियां नहीं हुई है, जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई और प्रशासनिक कार्य निपटाने में परेशानी हो रही है. एचपीयू में शिक्षकों के 181 के करीब पद रिक्त पड़े हैं. वहीं, नॉन टीचिंग पदों का आंकड़ा भी इससे अधिक है. एचपीयू में शिक्षकों के पद ना भरे जाने के पीछे एक ओर अड़चन एससी/एसटी आरक्षण रोस्टर का मामला भी था जो सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन था अब वह भी सुलझ चुका है.
सर्वोच्च न्यायालय ने 13 पॉइंट के आरक्षण रोस्टर लागू करने को लेकर यूजीसी के दिए गए आदेशों के मुताबिक ही भर्ती प्रक्रिया करवाने के आदेश जारी किए है. इन आदेशों को भी एचपीयू कार्यकारिणी परिषद में मंजूरी देने के बाद एचपीयू को लागू कर भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना होगा. एचपीयू को भर्ती प्रक्रिया से पहले पदों को विज्ञापित करना होगा जिसके बाद आवेदन आने पर साक्षात्कार की प्रक्रिया कर पात्र उम्मीदवारों का चयन एचपीयू करेगा.
एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने एचपीयू में रिक्त पदों को भरने को लेकर कहा कि एचपीयू में टीचिंग और नॉन टीचिंग के पदों को एचपीयू वित्त समिति ओर ईसी से मंजूरी मिल चुकी है. अब सर सरकार की ओर से ही 10 फीसदी आरक्षण रोस्टर के जारी होने का इंतजार है. अब सत्र 2019-20 का जुलाई में शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से पहले ही भर्तियों की प्रक्रिया एचपीयू पूरी कर लेगा.
ये भी पढ़ें- गर्मी आते ही धधकने लगे जंगल, जोगिंद्रनगर और गोहर में लाखों की वन संपत्ति स्वाह