शिमला: सड़क हादसे हिमाचल के लिए नासूर की तरह हैं. खतरनाक सड़कों, लापरवाही से भरी ड्राइविंग और ट्रामा सेंटर तक पहुंचने में देरी के कारण यहां हर साल सैकड़ों लोग काल का ग्रास बन जाते हैं. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2022 में 1032 लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा दी. इस साल यानी 2023 में सितंबर महीने तक रोड एक्सीडेंट में 659 लोगों की जान चली गई.
कांगड़ा में सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट: सड़क दुर्घटनाओं को लेकर शिमला जिला सबसे संवेदनशील है. वर्ष 2022 की बात करें तो शिमला जिला में 172 अनमोल जीवन सड़क दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बन गए. शिमला जिला सबसे अधिक सड़क हादसों वाले जिलों में दूसरे नंबर पर था. कुल हादसों की संख्या 357 रही. आंकड़ों के लिहाज से कांगड़ा जिले में सबसे अधिक एक्सीडेंट हुए, लेकिन मौतों की संख्या शिमला जिला से कम रही. अकेले कांगड़ा जिले में 422 सड़क हादसे हुए, हालांकि मृतकों की संख्या शिमला जिले से कम रही. कांगड़ा में 2022 में 121 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई.
2023 में सड़क हादसे: वर्ष 2023 भी सड़क हादसों को लेकर उतना ही संवेदनशील साल है. इस साल सितंबर महीने तक 659 लोगों की जान जा चुकी है. यहां इस साल भी शिमला जिले में सबसे अधिक 92 लोगों की मौत हुई हैं. दूसरे नंबर पर मंडी जिला है. मंडी जिले में सितंबर तक सड़क हादसों में 74 और ऊना जिले में 61 लोगों की मौत हो चुकी है. कांगड़ा जिले में ये आंकड़ा 57 है. अभी सितंबर तक 525 भयावह हादसे हुए हैं. उनमें 1005 लोग घायल हुए हैं. गंभीर रूप से घायल लोगों की संख्या 443 रही है. वर्ष 2023 में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 1653 हादसे सितंबर 30 तारीख तक हो चुके हैं.
2022 में सड़क हादसे और मौत: वर्ष 2022 में पुलिस जिला बद्दी में 151 सड़क हादसों में 78 लोगों की जान गई. बिलासपुर जिले में 172 सड़क हादसे पेश आए, जिनमें 37 लोगों की जान चली गई. इसी तरह चंबा में 98 रोड एक्सीडेंट में 71 अनमोल जीवन काल का शिकार हो गए. हमीरपुर में 111 सड़क हादसों ने 33 लोगों की जान ले ली. कांगड़ा में 422 रोड एक्सीडेंट हुए, जिनमें 121 लोगों ने जान गंवाई. किन्नौर जनजातीय जिला है, यहां सड़कें बेहद खतरनाक हैं, लेकिन जिला किन्नौर में 37 हादसों में 21 लोगों की मौत हुई. कुल्लू में 217 सड़क हादसों में 101 मौतें दर्ज की गई. लाहौल-स्पीति में 26 रोड एक्सीडेंट में 13 ने जान गंवाई. इसी तरह मंडी में 326 दुर्घटनाओं में 114 लोगों की मौत हो गई. शिमला जिले में सबसे अधिक मौतें हुई, यहां 357 रोड एक्सीडेंट हुए और मौत का आंकड़ा 172 रहा. सिरमौर में 269 रोड एक्सीडेंट पेश आए और 11 लोगों की जान चली गई. सोलन जिले में 178 हादसों में 54 लोगों ने जान गंवाई. ऊना जिले में 233 रोड एक्सीडेंट हुए, जिनमें 106 लोगों की जान गई. साल भर में हुए 2597 सड़क हादसों में 1032 लोगों की जान गई और 4063 लोग घायल हुए.
साल-दर-साल हादसों का ग्राफ: हिमाचल में वर्ष 2016 में 3168 सड़क दुर्घटनाओं में 1271 लोग काल का ग्रास बने. उस साल एक्सीडेंट में 5764 लोग घायल हुए. वर्ष 2017 में रोड एक्सीडेंट का आंकड़ा 3114 था. इन हादसों में 1203 लोगों की मौत हो गई और 5452 लोग घायल हुए. इसी तरह साल 2018 में 3110 सड़क दुर्घटनाओं में 1208 लोगों की जान चली गई और 5551 घायल हुए. साल 2019 में 2873 सड़क हादसों में 1147 मौतें रिकॉर्ड की गई और कुल 4903 लोग घायल हुए. साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 2239 रहा. इस अवधि में 893 लोगों की मौत हुई, जबकि 3323 लोग घायल हुए. चूंकि कोरोना का ये आरंभिक वर्ष था, लिहाजा लॉकडाउन लगने के कारण एक्सीडेंट व मौत का आंकड़ा कम रहा. फिर वर्ष 2021 में 2404 सड़क हादसों में 1052 लोगों की मौत हो गई और 3454 लोग घायल हुए.
सड़क हादसों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं. पुलिस विभाग, जिला प्रशासन व अन्य एजेंसियों के माध्यम से साल भर जागरूक किया जाता है. हादसों का वैज्ञानिक विश्लेषण भी किया जाता है. उससे सड़क हादसों को थामने में मदद मिलती है. जनता को भी एजेंसियों का सहयोग करना चाहिए. - आईएएस अनुपम कश्यप, परिवहन निदेशक
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