शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जेओए (लाइब्रेरियन) के नाम से भरे जाने वाले पदों को लेकर छह महीने में आरएंडपी रूल्स यानी भर्ती व पदोन्नति नियम को अंतिम रूप देने के आदेश जारी किए हैं. स्कूलों में जेओए (लाइब्रेरियन) के करीब 2 हजार पद खाली पड़े हैं. पहले जेओए (लाइब्रेरियन) को असिस्टेंट लाइब्रेरियन कहा जाता था. अब नए कैडर में इसे जेओए (लाइब्रेरियन) का नाम दिया गया है.
नए कैडर के तहत इन पदों के लिए आरएंडपी रूल्स बनाए जाने हैं. उसके बाद ही इन पदों पर भर्तियां की जा सकती हैं. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने तत्तापानी निवासी प्रताप सिंह ठाकुर की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र से जुड़े मामले का निपटारा करते हुए सरकार को उक्त आदेश दिए. पत्र के माध्यम से आरोप लगाया गया है कि सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट लाइब्रेरियन के दो हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. सरकारी स्कूलों में इन पदों के खाली रहते बच्चे निजी स्कूलों की में जा रहे हैं.
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि गरीब लोग निजी स्कूलों की फीस भरने में असमर्थ हैं. वहीं, सरकारी स्कूलों में पुस्तकालय न होने की वजह से साधनहीन मेधावी बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल हो जाते हैं. पत्र के माध्यम से गुहार लगाई थी कि राज्य सरकार को सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट और लाइब्रेरियन के पद भरने के आदेश दिए जाएं. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि छह महीने में आरएंडपी रूल्स को फाइनलाइज किया जाए. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना के मामले को लेकर 20 नवम्बर के लिए केस को लिस्टिड करने के आदेश पारित किए.
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