शिमला: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लॉकडाउन के उपरांत राज्य सरकार द्वारा शुरू किए जाने वाले आर्थिक सुधारों बारे में एक प्रस्तुति दी गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत राज्य में अर्थव्यवस्था को पुनः सृदृढ़ करने के लिए शहरी जनता को मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारन्टी योजना के तहत 120 दिन का रोजगार मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए यदि आवश्यक हो तो उनके कौशल उन्नयन के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस महामारी के दौरान प्रदेश में बाहरी राज्यों से हजारों लोग वापस आए हैं, जिनकी विभिन्न क्षेत्रों में कुशलता हैं, उन्हें उनकी कार्यकुशलता अनुसार रोजगार और स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह भी निर्णय लिया गया कि विकास कार्यों पर प्रदेश सरकार द्वारा व्यय तीव्र किया जाएगा और फिजूल खर्च पर अंकुश लगाया जाएगा.
राज्य सरकार ने भवन और अन्य सन्निर्माण कामगार बोर्ड के तहत पंजीकृत लगभग एक लाख श्रमिकों को 2000 रुपये प्रदान किए हैं, जिसपर अब तक 20 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं. अब सरकार ने इन श्रमिकों को और 2000 रुपये प्रति कामगार प्रदान करने का निर्णय लिया है. कोविड-19 महामारी के कारण राज्य के कृषकों और बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसान अपनी फसलों का विपणन नहीं कर पाए हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है, इसलिए सरकार ने उन्हें कुछ हद तक क्षतिपूर्ति करने का फैसला किया है.
सरकार बाजार में उनके उत्पादों के विपणन के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के प्रयास कर रही है. इस महामारी के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है, इसलिए सरकार ने 6 महीने की अवधि के लिए बिजली की मांग के शुल्क को माफ करने का फैसला किया है, जिसके लिए उन्हें लगभग 15 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई है.
इसी तरह कराधान लाइसेंस शुल्क को माफ कर दिया जाएगा और बार का लिफटिंग कोटा प्रो-राटा के आधार पर होगा. सरकार एचपीटीडीसी निगम के कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर एचपीटीडीसी को भी सहायता प्रदान करेगी. इसके अलावा, टोकन टैक्स और विशेष सड़क कर को 4 महीने के लिए माफ कर दिया जाएगा और पंजीकरण और परमिट आदि के नवीकरण की देरी पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. एचआरटीसी को 55 करोड़ की मदद दी जाएगी. उद्योगों को सुदृढ़ करने के लिए जीएसटी रिफंड जल्द से जल्द किया जाएगा.
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एचपीएसईबी लिमिटेड को भी उद्योग की कम मांग के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, जिसकी भरपाई की जाएगी. अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए किए जाने वाले अन्य उपचारात्मक उपायों बारे सुझाव देने के लिए जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. इस उप-समिति के अन्य सदस्य शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह और परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर होंगे. यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार उचित स्तर पर ईपीएफओ, ईएसआईसी से संबंधित मामले को भी उठाएगी ताकि जल्द से जल्द इसका निवारण किया जा सके.
मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों को छोड़कर अन्य विभिन्न विभागों में लगे अंशकालिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, जिन्होंने 31 मार्च, 2020 तक आठ वर्ष का सेवाकाल पूरा कर लिया है और जो कर्मी 30 सितम्बर, 2020 तक आठ साल का सेवाकाल पूरा करेंगे उनकी सेवाओं को दैनिक वेतन भोगी के रूप में परिवर्तित करने को स्वीकृति प्रदान की.
मंत्रिमण्डल ने आबकारी नीति 2019-20 को 31 मई, 2020 तक बढ़ाने के लिए कार्येत्तर स्वीकृति और आबकारी नीति 2020-21 के संचालन का पहली जून से 31 मई, 2021 तक बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की. इस नीति के अनुसार खुदरा आबकारी लाईसेंसधारक, जिनकी कोविड-19 के दृष्टिगत 22 मार्च, 2020 के बाद शराब की दुकानें बन्द रही हैं, उन्हें उस समय की आबकारी फीस जमा करवाने की आवश्यकता नहीं है.
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खुदरा आबकारी लाईसेंसधारकों, जिन्होंने 31 मार्च, 2020 से पहले लाईसेंस शुल्क जमा करवा दिया है, उन्हें 2019-20 के लिए शेष न्यूनतम गारंटी कोटे को उठाने की अनुमति होगी. यदि 31 मार्च, 2020 तक पूर्ण लाईसेंस शुल्क जमा नहीं करवाई है तो ऐसे लाईसेंसधारकों को अप्रैल व मई 2020, जब दुकानें खुलेंगी तो 2019-20 के लिए लम्बित आबकारी लाईसेंस शुल्क जमा करने पर लम्बित कोटा उठाने की अनुमति होगी.
इसके अतिरिक्त यदि खुदरा आबकारी लाईसेंसधारक देशी शराब/आईएमएफ/बीयर/वाईन/सीडर/बीआईओ ब्राण्ड का कोटा 2019-20 के लिए देय से अधिक लम्बित कोटा उठाता है तो लाईसेंसधारी को वह आबकारी नीति 2019-20 में निर्धारित शुल्क जमा करवाकर अपने लम्बित कोटा को उठा सकता है. मंत्रिमण्डल ने टोल नीति 2019-20 को 31 मई, 2020 तक बढ़ाने की कार्येत्तर स्वीकृति तथा टोल नीति 2020-21 के को पहली जून, 2020 से 31 मई, 2021 तक संचालन की स्वीकृति प्रदान की. टोल पट्टाधारकों को उनके टोल फीस के वास्तविक एकत्रिकरण के आधार पर अप्रैल और मई, 2020 का मासिक टोल शुल्क जमा करवाने की अनुमति होगी.
मंत्रिमण्डल ने इंदिरा गांधी मंडिकल कालेज शिमला में लोगों की सुविधा के लिए पैथोलॉजी विभाग में प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर का एक-एक पद और मनोचिकित्सा विभाग में सहायक प्रोफेसर के दो पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की. मंत्रिमण्डल ने ओपन एकरिएज लाईसेसिंग नीति-बिड राउण्ड-1 के अन्तर्गत मैसर्ज वेदांता लिमिटेड को मण्डी जिला के बालीचैकी, चच्योट, सरकाघाट तथा मण्डी क्षेत्र के अतिरिक्त बिलासपुर जिला के घुमारवीं क्षेत्र में पेट्रोलियम अन्वेषण के लिए पेट्रोलियम लाईसेंस प्रदान करने की अनुमति प्रदान की.
मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला के कोटखाई के थरोला स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को कार्यशील बनाने और लोगों की सुविधा के लिए तीन विभिन्न श्रेणियों के पद सृजित करने का निर्णय लिया. मंत्रिमण्डल ने मण्डी जिला के सराज में राजकीय माध्यमिक पाठशाला कून और सोलन जिला में राजकीय माध्यमिक पाठशाला अनहेच को राजकीय उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने और राजकीय उच्च पाठशाला जाडली और सनावर को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत व इन पाठशालाओं के प्रबन्धन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 20 पदों को सृजित करने की अनुमति प्रदान की.
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