शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है. इसी कड़ी में प्रदेश के ऊना जिला के पेखूबेला में सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जा रही है. इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना को दो माह यानी फरवरी में तैयार करने का करने का लक्ष्य रखा गया है. हिमाचल सरकार ने राज्य को 31 मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है. इसी के तहत ऊना जिले के पेखूबेला में 59 हेक्टेयर में 82,656 सौर मॉड्यूल स्थापित किए जाएंगे.
बता दें कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 32 मेगावाट की इस सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी थी. जिसे फरवरी 2024 के पहले सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ऐसे में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में यह परियोजना सहायक सिद्ध होगी. इस परियोजना के स्थापित होने से राज्य की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति होने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आएगी.
66.10 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन: पेखूबेला सौर परियोजना का कार्य 19 मई, 2023 को अवार्ड हुआ था. इससे साल में 66.10 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जाएगा. यहां पर उत्पादित बिजली 1.88 किलोमीटर लंबी रक्कड़-टाहलीवाल 132 केवी डबल सर्किट लाइन के माध्यम से संचारित (पारेषित) की जाएगी. इसके लिए लाइन-इन, लाइन-आउट तकनीक का उपयोग किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड राज्य में आगामी दो वर्षों में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहा है. सरकार ने 200 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था कर दी है. इसके अतिरिक्त 40 मेगावाट के लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके अलावा 100 मेगावाट की अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाएं प्रारंभिक चरण में हैं.
कुल 3,275 मेगावाट की क्षमता: वर्तमान में जल-विद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाओं में एचपीपीसीएल की कुल क्षमता 3,275 मेगावाट है. इसमें 281 मेगावाट क्षमता की चार परियोजनाएं अंतिम चरण में है. वहीं, कुल 690 मेगावाट की अतिरिक्त पांच परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. इसमें 272 मेगावाट की चार परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके अतिरिक्त 926 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली दस परियोजनाओं के लिए अन्वेषण कार्य जारी है.
हरित ऊर्जा को रोजगार सृजन के साथ जोड़ा जाएगा: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि 680 करोड़ की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के दूसरे चरण में हरित ऊर्जा को रोजगार सृजन के साथ जोड़ा जाएगा. इसके तहत राज्य के युवाओं को 100 किलोवाट से एक मेगावाट क्षमता तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 फीसदी सब्सिडी प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह नवोन्मेषी पहल न केवल हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगी बल्कि, पर्यावरण संरक्षण और स्वरोजगार स्थापित करने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देगी.
ये भी पढ़ें: 1 साल के कार्यकाल पर बोले हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह, भाजपा की तरह जनता को ठगेंगे नहीं, पूरी करेंगे सभी गारंटियां