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सेब के लिए MSP लागू करने के साथ इसके पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू होः हिमाचल किसान कांग्रेस - Himachal Pradesh News

आज शिमला में हिमाचल किसान कांग्रेस की प्रेस वार्ता हुई जिसमें मुख्य प्रवक्ता कंवर रविंद्र सिंह ने सेब और आम के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Kisan Congress).

Himachal Kisan Congress
हिमाचल किसान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कंवर रविंद्र सिंह.
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Published : May 9, 2023, 4:25 PM IST

हिमाचल किसान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कंवर रविंद्र सिंह.

शिमला: हिमाचल किसान कांग्रेस ने सेब के लिए MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की मांग की है. शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस में किसान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कंवर रविंद्र सिंह ने कहा कि अभी तक इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. इससे मंडियों के उतार चढ़ाव से इसके रेट पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह स्वामीनाथन की रिपोर्ट में अनाज के लिए दाम तय किया गया है, उसी तरह सेब और आम के लिए भी समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए. उन्होंने सेब को वजन के हिसाब से बेचने की व्यवस्था करने के लिए सरकार का आभार जताया, लेकिन साथ में कहा कि सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाना चाहिए.

रविंद्र सिंह ने फसलों के लिए मौजूदा बीमा योजना के मुआवजे की प्रक्रिया को भी गलत बताया और कहा कि इसके लिए प्रधान और पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा तय किया जाना चाहिए. रविंद्र सिंह ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ किसान कांग्रेस की एक बैठक होगी जिसमें बागवानों और किसानों की ये सभी मांगें रखी जाएंगी. इसके लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा गया है.

वजन के हिसाब से सेब बेचने का फैसला स्वागत योग्य: किसान कांग्रेस के नेता कहा कि सरकार ने सेब को वजन के हिसाब से बेचने के लिए व्यवस्था की है. अब अधिकतम 24 किलो सेब की पेटी ही मार्केट में बिकेगी.अभी तक मार्केट में 28 किलो, 32 किलो और यहां तक 35 किलो तक के पेटी बागवानों से भराई जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को अब यूनिवर्सल कार्टन सेब के लिए लागू करना चाहिए. अगर इस सीजन में यूनिवर्सल कार्टन लागू न हो, तो अगले सीजन में जरूर लागू किया जाना चाहिए.

उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की भी मांग की और कहा कि मौजूदा समय में इसकी लिमिट महंगाई को देखते हुए बहुत कम है. इसलिए इसको बढ़ाया जाना जरूरी है और इस पर लगने वाले ब्याज को भी कम करने की जरूरत है. उन्होंने फूलों की खेती के साथ साथ बी कीपिंग को भी बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक जल स्रोतों को संरक्षित करने की भी जरूरत बताई. इसके अलावा सरकार से एपीएमसी और अन्य बोर्डों में किसान कांग्रेस को भी प्रतिनिधित्व देने की गुहार सरकार से लगाई है.

Read Also- Kinnaur Snowfall News: किन्नौर में मई महीने में हुई बर्फबारी, बारिश और हिमपात से सेब को नुकसान

हिमाचल किसान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कंवर रविंद्र सिंह.

शिमला: हिमाचल किसान कांग्रेस ने सेब के लिए MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की मांग की है. शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस में किसान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कंवर रविंद्र सिंह ने कहा कि अभी तक इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. इससे मंडियों के उतार चढ़ाव से इसके रेट पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह स्वामीनाथन की रिपोर्ट में अनाज के लिए दाम तय किया गया है, उसी तरह सेब और आम के लिए भी समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए. उन्होंने सेब को वजन के हिसाब से बेचने की व्यवस्था करने के लिए सरकार का आभार जताया, लेकिन साथ में कहा कि सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाना चाहिए.

रविंद्र सिंह ने फसलों के लिए मौजूदा बीमा योजना के मुआवजे की प्रक्रिया को भी गलत बताया और कहा कि इसके लिए प्रधान और पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा तय किया जाना चाहिए. रविंद्र सिंह ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ किसान कांग्रेस की एक बैठक होगी जिसमें बागवानों और किसानों की ये सभी मांगें रखी जाएंगी. इसके लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा गया है.

वजन के हिसाब से सेब बेचने का फैसला स्वागत योग्य: किसान कांग्रेस के नेता कहा कि सरकार ने सेब को वजन के हिसाब से बेचने के लिए व्यवस्था की है. अब अधिकतम 24 किलो सेब की पेटी ही मार्केट में बिकेगी.अभी तक मार्केट में 28 किलो, 32 किलो और यहां तक 35 किलो तक के पेटी बागवानों से भराई जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को अब यूनिवर्सल कार्टन सेब के लिए लागू करना चाहिए. अगर इस सीजन में यूनिवर्सल कार्टन लागू न हो, तो अगले सीजन में जरूर लागू किया जाना चाहिए.

उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की भी मांग की और कहा कि मौजूदा समय में इसकी लिमिट महंगाई को देखते हुए बहुत कम है. इसलिए इसको बढ़ाया जाना जरूरी है और इस पर लगने वाले ब्याज को भी कम करने की जरूरत है. उन्होंने फूलों की खेती के साथ साथ बी कीपिंग को भी बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक जल स्रोतों को संरक्षित करने की भी जरूरत बताई. इसके अलावा सरकार से एपीएमसी और अन्य बोर्डों में किसान कांग्रेस को भी प्रतिनिधित्व देने की गुहार सरकार से लगाई है.

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