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लॉकडाउन में चल रहा 'हिल्स चेलेंज', युद्व स्तर पर 3 मई तक चलेगा अभियान - हिमाचल न्यूज

लॉकडाउन में जहां लोग घरों में कैद हैं. वहीं नगर निगम शिमला और जल प्रबंधन निगम शहर की सफाई में जुटा है. जल प्रबंधन निगम शहर की सड़कों पर पानी की लीकेज को दुरुस्त कर रहा है. दूसरी तरफ नगर निगम शिमला के कर्मचारी पहाड़ियों और शहर के कोने-कोने में सुबह से लेकर शाम तक सफाई के कार्य में जुटे हैं.

डिजाइन फोटो
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Published : Apr 30, 2020, 6:36 PM IST

शिमला: लॉकडाउन में जहां लोग घरों में कैद हैं. वहीं नगर निगम शिमला और जल प्रबंधन निगम शहर की सफाई में जुटा है. जल प्रबंधन निगम शहर की सड़कों पर पानी की लीकेज को दुरुस्त कर रहा है. दूसरी तरफ नगर निगम शिमला के कर्मचारी पहाड़ियों और शहर के कोने-कोने में सुबह से लेकर शाम तक सफाई के कार्य में जुटे हैं.

नगर निगम शिमला ने हिल्स चेलेंज अभियान शुरू किया है. अभियान के तहत शहर की पहाड़ियों-नालों और सड़कों की सफाई की जा रही है. निगम के कर्मचारी अब तक शहर में 200 जगहों की सफाई कर चुके हैं. इस दौरान टनों के हिसाब से पहाड़ियों से कूड़े को हटाया गया. लॉकडाउन की वजह से लोगों और आम पर्यटकों की आवाजाही बंद है. ऐसे में नगर निगम ने 3 मई तक शहर को साफ करने का लक्ष्य रखा है.

वीडियो रिपोर्ट

लॉकडाउन से पहले लोग जंगलों में कूड़ा फेंकते थे, जिसे हटाने का समय नगर निगम को नहीं मिल पाता था निगम के सफाई कर्मियों का कहना है कि इस दौरान उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

प्रशासन ने सफाई कर्मियों को 50 लाख का बीमा कवर दिया है अगर कोरोना की वजह से किसी सफाई कर्मी की मौत होती है तो पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा मिलेगा.

जल प्रबंधन निगम भी लॉकडाउन के समय शहर में अलग-अलग जगहों पर कई सालों से हो रही पानी की लीकेज को दुरुस्त कर रहा है. आम दिनों में ट्रैफिक की वजह से मरम्मत का काम नहीं हो पा रहा था. ऐसे में जल प्रबंधन निगम ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में 45 स्थानों पर सड़कों की खुदाई कर पानी की लीकेज को ठीक किया है.

एक सर्वे के मुताबिक शिमला शहर में पाइप लाइन में लीकेज की वजह से एक दिन में 3 एमएलडी पानी बर्बाद हो जाता था. शिमलावासियों को हर साल गर्मियों में पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. शहर में प्रतिदिन 45 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है. पानी की लीकेज होने से शहरवासियों को 42 एमएलडी ही पानी मिल पाता था. वहीं, अब पाइप लाइन की मरम्मत के बाद व्यर्थ में बह रहे पानी का संरक्षण हो पाएगा.

शिमला: लॉकडाउन में जहां लोग घरों में कैद हैं. वहीं नगर निगम शिमला और जल प्रबंधन निगम शहर की सफाई में जुटा है. जल प्रबंधन निगम शहर की सड़कों पर पानी की लीकेज को दुरुस्त कर रहा है. दूसरी तरफ नगर निगम शिमला के कर्मचारी पहाड़ियों और शहर के कोने-कोने में सुबह से लेकर शाम तक सफाई के कार्य में जुटे हैं.

नगर निगम शिमला ने हिल्स चेलेंज अभियान शुरू किया है. अभियान के तहत शहर की पहाड़ियों-नालों और सड़कों की सफाई की जा रही है. निगम के कर्मचारी अब तक शहर में 200 जगहों की सफाई कर चुके हैं. इस दौरान टनों के हिसाब से पहाड़ियों से कूड़े को हटाया गया. लॉकडाउन की वजह से लोगों और आम पर्यटकों की आवाजाही बंद है. ऐसे में नगर निगम ने 3 मई तक शहर को साफ करने का लक्ष्य रखा है.

वीडियो रिपोर्ट

लॉकडाउन से पहले लोग जंगलों में कूड़ा फेंकते थे, जिसे हटाने का समय नगर निगम को नहीं मिल पाता था निगम के सफाई कर्मियों का कहना है कि इस दौरान उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

प्रशासन ने सफाई कर्मियों को 50 लाख का बीमा कवर दिया है अगर कोरोना की वजह से किसी सफाई कर्मी की मौत होती है तो पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा मिलेगा.

जल प्रबंधन निगम भी लॉकडाउन के समय शहर में अलग-अलग जगहों पर कई सालों से हो रही पानी की लीकेज को दुरुस्त कर रहा है. आम दिनों में ट्रैफिक की वजह से मरम्मत का काम नहीं हो पा रहा था. ऐसे में जल प्रबंधन निगम ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में 45 स्थानों पर सड़कों की खुदाई कर पानी की लीकेज को ठीक किया है.

एक सर्वे के मुताबिक शिमला शहर में पाइप लाइन में लीकेज की वजह से एक दिन में 3 एमएलडी पानी बर्बाद हो जाता था. शिमलावासियों को हर साल गर्मियों में पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. शहर में प्रतिदिन 45 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है. पानी की लीकेज होने से शहरवासियों को 42 एमएलडी ही पानी मिल पाता था. वहीं, अब पाइप लाइन की मरम्मत के बाद व्यर्थ में बह रहे पानी का संरक्षण हो पाएगा.

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