शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बड़ी परियोजनाओं का निर्माण कार्य लम्बे समय तक लटकने पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम शिमला से ताजा स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट में सोमवार को इस मामले में सुनवाई न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने की. वहीं, अब मामले में अगली सुनवाई के लिए इसी महीने 25 मई की तारीख निर्धारित की गई है. याचिक शहर की बड़ी परियोजनाओं के संबंध में लगाई गई है. इन परियोजनाओं का काम लटका हुआ बताया गया है.
छह बड़ी परियोजनाओं का काम लटका हुआ: याचिकाकर्ता नमिता मनिकटाला ने शहर की बड़ी परियोजनाओं को विभिन्न विभागों द्वारा समय पर मंजूरी प्रदान करने के आदेश जारी किए जाने की गुहार लगाई है. मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि शिमला शहर में लंबित छह बड़ी परियोजनाओं का काम फॉरेस्ट क्लियरेंस के कारण लटका हुआ है.
यह काम लटके हुए: इनमें लक्कड़ बाजार में लिफ्ट और एस्केलेटर, जाखू मंदिर के लिए एस्केलेटर, संजौली से आईजीएमसी तक कवर्ड स्मार्ट पाथ, खलीनी में वेंडिंग जोन, कृष्णा नगर के कोमबरमियर नाले का जीर्णोद्धार और ढली क्षेत्र को चौड़ा करने की परियोजना इसमें शामिल है.
परियोजनाों को शिमला शहर के लिए बताया गया महत्वपूर्ण: इन परियोजनाओं को शिमला शहर के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा गया है कि इनके निर्माण से शिमला शहर के लोगों की जिंदगी सुलभ जाएगी. प्रार्थी ने केन्द्रीय पर्यावरण विभाग सहित प्रदेश के मुख्य सचिव, नगर निगम शिमला और स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट मिशन के निदेशक को प्रतिवादी बनाया है.
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