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अवैध कब्जों पर HC सख्त: DC कांगड़ा से मांगी स्टेट्स रिपोर्ट, दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई - गेस्ट हाउस

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने डीसी कांगड़ा को त्रियुण्ड क्षेत्र में वन भूमि पर किये गए अवैध कब्जे हटाने के आदेश भी दिए. कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि अगर अवैध कब्जों के लिए कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए.

हाईकोर्ट शिमला (फाइल)
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Published : May 28, 2019, 7:17 PM IST

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने अवैध कब्जों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए डीसी कांगड़ा से रिपोर्ट तलब की है. एचसी ने डीसी कांगड़ा से धौलाधार की पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल त्रियुण्ड में वन भूमि पर किये गए अवैध कब्जों का निरीक्षण कर स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में दायर करने के आदेश दिए हैं.

high court shimla(file)
हाईकोर्ट शिमला (फाइल)

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने डीसी कांगड़ा को त्रियुण्ड क्षेत्र में वन भूमि पर किये गए अवैध कब्जे हटाने के आदेश भी दिए. कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि अगर अवैध कब्जों के लिए कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए.

पढ़ेंः दुष्कर्म मामले में पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने पर 2 लोगों पर मामला दर्ज, राजनीति से जुड़े हैं तार

बता दें कि प्रार्थी नरेश कुमार ने याचिका दायर की थी कि त्रियुण्ड में वन भूमि में अवैध रूप से 25 दुकानें व 6 गेस्ट हाउस चलाए जा रहे हैं. बहुत से टेंट भी वन भूमि पर नाजायज कब्जा करके बना रखे हैं. इन गेस्ट हाउस, दुकानों और टेंट संचालकों द्वारा क्षेत्र में गंदगी फैलाई जा रही है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है.

याचिकाकर्ता ने क्षेत्र से जुड़े कुछ फोटोग्राफ भी याचिका में लगाये हैं जिनका अवलोकन करने पर कोर्ट सम्बंधित विभागों के लापरवाह कर्मियों के क्रियाकलापों पर अफसोस जताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए. मामले पर सुनवाई 24 जून को होगी.

ये भी पढ़ेंः जर्जर स्कूल भवन में पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहाल, बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे अभिभावक

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने अवैध कब्जों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए डीसी कांगड़ा से रिपोर्ट तलब की है. एचसी ने डीसी कांगड़ा से धौलाधार की पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल त्रियुण्ड में वन भूमि पर किये गए अवैध कब्जों का निरीक्षण कर स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में दायर करने के आदेश दिए हैं.

high court shimla(file)
हाईकोर्ट शिमला (फाइल)

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने डीसी कांगड़ा को त्रियुण्ड क्षेत्र में वन भूमि पर किये गए अवैध कब्जे हटाने के आदेश भी दिए. कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि अगर अवैध कब्जों के लिए कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए.

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बता दें कि प्रार्थी नरेश कुमार ने याचिका दायर की थी कि त्रियुण्ड में वन भूमि में अवैध रूप से 25 दुकानें व 6 गेस्ट हाउस चलाए जा रहे हैं. बहुत से टेंट भी वन भूमि पर नाजायज कब्जा करके बना रखे हैं. इन गेस्ट हाउस, दुकानों और टेंट संचालकों द्वारा क्षेत्र में गंदगी फैलाई जा रही है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है.

याचिकाकर्ता ने क्षेत्र से जुड़े कुछ फोटोग्राफ भी याचिका में लगाये हैं जिनका अवलोकन करने पर कोर्ट सम्बंधित विभागों के लापरवाह कर्मियों के क्रियाकलापों पर अफसोस जताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए. मामले पर सुनवाई 24 जून को होगी.

ये भी पढ़ेंः जर्जर स्कूल भवन में पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहाल, बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे अभिभावक

प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा के जिलाधीश को आदेश दिए कि वह धौलाधार की पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल त्रियुण्ड में वन भूमि पर किये गए अवैध कब्जों का निरीक्षण कर स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में दायर करे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने डीसी कांगड़ा को त्रियुण्ड क्षेत्र में वन भूमि पर किये गए अवैध कब्जे हटाने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि अगर अवैध कब्जों के लिए कोई भी सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए। प्रार्थी नरेश कुमार के अनुसार त्रियुण्ड में 25 दुकानें व 6 गेस्ट हाउस अवैध हैं जिनका निर्माण वन भूमि पर किया गया है। बहुत से टेंट भी वन भूमि पर नाजायज कब्जा करके बना रखे हैं। इन गेस्ट हाउस, दुकानों और टेंट वालों द्वारा उक्त क्षेत्र में गंदगी फैलाई जा रही है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। याचिकाकर्ता ने क्षेत्र से जुड़े कुछ फोटोग्राफ भी याचिका में लगाये हैं जिनका अवलोकन करने पर कोर्ट सम्बंधित विभागों के लापरवाह कर्मियों के क्रियाकलापों पर अफसोस जताया और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश जारी किए। मामले पर सुनवाई 24 जून को होगी।  
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