शिमला: हिमाचल प्रदेश के गिरिपार में बसने वाले हाटी समुदाय के लोगों का अब सब्र का बांध टूटने लगा है. दरअसल, समुदाय के लोगों में अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून लागू न होने से आक्रोश और बढ़ने लगा है. दरअसल, हाटियों ने सुक्खू सरकार को दीपावली पर्व तक की मोहलत दी है. दरअसल, हाटियों का कहना है कि जय माटी के नारा से बुलंद किया जाएगा. अगर सरकार तब भी अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून लागू नहीं किया तो फिर जनता सड़कों पर उतरेगी और बड़ा आंदोलन करेगी.
दरअसल, हाटियों का कहना है कि पहले हाटी गांधीगीरी करेंगे. फिर भी अगर बात नहीं मानी गई तो आंदोलन किया जाएगा. एक तरफ सड़कों पर तो दूसरी तरफ राजभवन का रुख किया जाएगा. वहीं, राज्यपाल से मुलाकात कर आग्रह किया जाएगा कि वह कानून लागू करवाने के बारे में राज्य सरकार को साथ कड़े निर्देश जारी करें.
हाटी विकास मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार से मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री तक सबसे मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार मुद्दे को बेवजह अटका और भटका रही है. मंच के पदाधिकारियों ने कहा की संशोधित एसटी एक्ट लागू न कर राज्य सरकार संसद का अनादर कर रही है. उन्होंने इसे संविधान और कानून की उल्लंघन करार दिया. हिमाचल सरकार का इस तरह का रवैया संविधान विरोधी है.
कन्फ्यूज्ड है हिमाचल सरकार: मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि हाटी मामले में राज्य सरकार पूरी तरह से कन्फ्यूज्ड है. इसे लटकाने के लिए कभी लॉ डिपार्टमेंट को फाइल भेजी गई तो कभी जनजातिय मंत्रालय को. सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि किसी तरह इस मुद्दे को चुनाव तक लटकाया जा सके. मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार हाटी समुदाय से जुड़े छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. सरकार नौकरियों के विज्ञापन जारी कर रही है, लेकिन एसटी सर्टिफिकेट न बनने से वे इसके लिए योग्य नहीं हो पा रहे हैं. इससे छात्रों में रोष और बढ़ गया है.