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प्राइवेट स्कूलों की फीस वसूली पर गाइडलाइन्स जारी, अवहेलना पर होगी कार्रवाई

लॉकडाउन में प्राइवेट स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली फीस को लेकर शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. फीस वसूली को लेकर विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन्स की अवहेलना करने पर स्कूल संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

recovery of fees by private schools
प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वसूली पर गाइडलाइन्स जारी.
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Published : May 27, 2020, 11:19 PM IST

शिमला: कोरोना लॉकडाउन के दौरान निजी स्कलों द्वारा फीस वसूली के लिए शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं. विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि निजी स्कूल कोविड-19 संकट के समय किस आधार पर अभिभावकों से फीस लेंगे.

शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रदेश में निजी स्कूल अभिभावकों से मात्र ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे. निजी स्कूल संचालक अभिभावकों से ट्यूशन फीस की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं. विभाग की ओर से निजी स्कूलों को मादक ट्यूशन फीस लेने के निर्देश जारी कर अभिभावकों को बड़ी राहत दी गई है. इसी के साथ निजी स्कूल अभिभावकों से दो या तीन महीने की फीस एक साथ नहीं ले सकते.

महज यही स्कूल ले पाएंगे ट्यूशन फीस

गाइडलाइंस में शर्त रखी गई है कि लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई को ऑनलाइन माध्यम से जारी रखने और स्टडी मेटेरियल उपलब्ध करवाने वाले स्कूल ही ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे. उच्च निदेशालय की ओर से जारी निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि ट्यूशन फीस क्वार्टरली की बजाय मासिक आधार पर ही वसूली जा सकेगी. इसी के साथ निजी स्कूल अपनी ट्यूशन फीस में किसी तरह का कोई फंड नहीं जोड़ेंगे और न ही ट्यूशन फीस की दरों में बढ़ोतरी करेंगे.

विभाग ने ये भी स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन के समय में छात्रों से किसी भी तरह का कोई फंड और ट्रांसपोर्टेशन का किराया भी नहीं वसूला जाएगा. वहीं अगर कोई अभिभावक लॉकडाउन की वजह से छात्र की फीस जमा नहीं करवाता है, तो उन अभिभावकों पर छात्र की फीस जमा करवाने का दबाव नहीं डाला जाएगा और न ही कोई जुर्माना लगाया जाएगा. स्कूल फीस तय समय अवधि तक प्राप्त न होने के बाद भी बच्चे को स्कूल से नहीं निकाल सकेंगे और इस दौरान छात्र की ऑनलाइन कक्षाएं भी नहीं रोकी जाएंगी.

2019 की दरों ली जाएगी ट्यूशन फीस

स्कूलों को ट्यूशन फीस 2019 की ट्यूशन फीस दरों पर ही लेनी होगी. अगर मेंटेनेंस फंड, स्पोर्ट्स फंड, कंप्यूटर फीस, को- करिकुलर फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस सहित कोई अन्य फंड स्कूलों ने वसूला जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. वहीं, जिन अभिभावकों ने पहले ही फीस दे दी है, उनका ट्यूशन फीस के अलावा दिया गया अतिरिक्त पैसा फीस की आगामी किश्त में एडजस्ट किया जाएगा. शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए इन निर्देशों का पालन हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सहित सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से एफिलेटेड निजी स्कूलों को करना होगा.

शिक्षकों को वेतन देना अनिवार्य

शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्दशों में यह स्पष्ट किया गया है कि निजी स्कूल कोरोना संकट के समय में किसी भी शिक्षक को नौकरी से नहीं निकालेंगे और न ही किसी शिक्षक की सैलरी रोकी जाएगी. शिक्षकों को सैलरी देना अनिवार्य होगा और इसके लिए निजी स्कूल प्रबंधकट्रस्ट या सोसाइटी के माध्यम से वेतन देने का इंतजाम अपने स्तर पर करेंगे. अगर शिक्षकों को सैलरी नहीं दी जाती है, तो इसे शिक्षा निदेशक के निर्देशों की अवहेलना करार दिया जाएगा और स्कूलों पर एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई भी शिक्षा विभाग की ओर से अमल में लाई जाएगी.

शिमला: कोरोना लॉकडाउन के दौरान निजी स्कलों द्वारा फीस वसूली के लिए शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं. विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि निजी स्कूल कोविड-19 संकट के समय किस आधार पर अभिभावकों से फीस लेंगे.

शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रदेश में निजी स्कूल अभिभावकों से मात्र ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे. निजी स्कूल संचालक अभिभावकों से ट्यूशन फीस की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं. विभाग की ओर से निजी स्कूलों को मादक ट्यूशन फीस लेने के निर्देश जारी कर अभिभावकों को बड़ी राहत दी गई है. इसी के साथ निजी स्कूल अभिभावकों से दो या तीन महीने की फीस एक साथ नहीं ले सकते.

महज यही स्कूल ले पाएंगे ट्यूशन फीस

गाइडलाइंस में शर्त रखी गई है कि लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई को ऑनलाइन माध्यम से जारी रखने और स्टडी मेटेरियल उपलब्ध करवाने वाले स्कूल ही ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे. उच्च निदेशालय की ओर से जारी निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि ट्यूशन फीस क्वार्टरली की बजाय मासिक आधार पर ही वसूली जा सकेगी. इसी के साथ निजी स्कूल अपनी ट्यूशन फीस में किसी तरह का कोई फंड नहीं जोड़ेंगे और न ही ट्यूशन फीस की दरों में बढ़ोतरी करेंगे.

विभाग ने ये भी स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन के समय में छात्रों से किसी भी तरह का कोई फंड और ट्रांसपोर्टेशन का किराया भी नहीं वसूला जाएगा. वहीं अगर कोई अभिभावक लॉकडाउन की वजह से छात्र की फीस जमा नहीं करवाता है, तो उन अभिभावकों पर छात्र की फीस जमा करवाने का दबाव नहीं डाला जाएगा और न ही कोई जुर्माना लगाया जाएगा. स्कूल फीस तय समय अवधि तक प्राप्त न होने के बाद भी बच्चे को स्कूल से नहीं निकाल सकेंगे और इस दौरान छात्र की ऑनलाइन कक्षाएं भी नहीं रोकी जाएंगी.

2019 की दरों ली जाएगी ट्यूशन फीस

स्कूलों को ट्यूशन फीस 2019 की ट्यूशन फीस दरों पर ही लेनी होगी. अगर मेंटेनेंस फंड, स्पोर्ट्स फंड, कंप्यूटर फीस, को- करिकुलर फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस सहित कोई अन्य फंड स्कूलों ने वसूला जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. वहीं, जिन अभिभावकों ने पहले ही फीस दे दी है, उनका ट्यूशन फीस के अलावा दिया गया अतिरिक्त पैसा फीस की आगामी किश्त में एडजस्ट किया जाएगा. शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए इन निर्देशों का पालन हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सहित सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से एफिलेटेड निजी स्कूलों को करना होगा.

शिक्षकों को वेतन देना अनिवार्य

शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्दशों में यह स्पष्ट किया गया है कि निजी स्कूल कोरोना संकट के समय में किसी भी शिक्षक को नौकरी से नहीं निकालेंगे और न ही किसी शिक्षक की सैलरी रोकी जाएगी. शिक्षकों को सैलरी देना अनिवार्य होगा और इसके लिए निजी स्कूल प्रबंधकट्रस्ट या सोसाइटी के माध्यम से वेतन देने का इंतजाम अपने स्तर पर करेंगे. अगर शिक्षकों को सैलरी नहीं दी जाती है, तो इसे शिक्षा निदेशक के निर्देशों की अवहेलना करार दिया जाएगा और स्कूलों पर एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई भी शिक्षा विभाग की ओर से अमल में लाई जाएगी.

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