शिमला: पंजाब सरकार द्वारा निजी स्कूलों की फीस न बढ़ाने के फैसले के बाद हिमाचल प्रदेश में भी निजी स्कूलों पर लगाम लगाने की मांग उठ रही है. आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश (Aam Aadmi Party Himachal Pradesh) ने भी अब सरकार से निजी स्कूलों की फीस, किताबों और ड्रेस की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता गौरव शर्मा ने सूबे की भाजपा सरकार पर कोरोना काल के बाद खुल रहे स्कूलों में स्कूल फीस, स्टेशनरी और ड्रेस के 20 से 28 फीसदी तक बढ़ने से अभिभावकों पर दोहरी मार से निजात दिलाने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में ज्यादातर स्कूलों ने दाखिला फीस 10 से 20 फीसदी बढ़ा दी है, जो सीधे तौर पर अभिभावकों पर दोहरी मार है. उन्होंने कहा की कोरोना काल में लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब स्कूल में दाखिला फीस से स्टेशनरी में की गई बढ़ोतरी अभिभावकों के साथ अन्याय है. आप प्रवक्ता गौरव शर्मा ने कहा कि जहां किताबों की खरीद के लिए अभिभावकों को 5 से 10 हजार तक का खर्चा करना पड़ रहा. वहीं फीस के तौर पर प्राइवेट स्कूलों में मनमानी (Private schools in Himachal) से अभिभावक अब आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार को भी पंजाब की तरह प्राइवेट स्कूलों की बढ़ने वाली फीस पर अंकुश लगा कर अभिभावकों को राहत देने का काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभिभावक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. ऐसे में मजबूरी वश उनको अपने बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों से हटा कर सरकारी में करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा एक तरफ महंगाई की मार से जनता तरस्त है, तो दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के (Private schools fees issue) चलते अभिभावकों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने जल्द से जल्द मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अभिभावकों को राहत देने की मांग उठाई है.
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