शिमला: राजधानी शिमला के दीनदयाल अस्पताल में पहुंचने वाले गंभीर रूप से बीमार मरीजाें के इलाज में अब ना ताे देरी हाेगी और ना ही जरूरी टेस्ट करने के लिए समय लगेगा. डीडीयू अस्पताल में मल्टीपेरा माॅनिटर लगाए जा रहे हैं. यहां पर पांच माॅनिटर पहुंच गए हैं.
इन मल्टीपेरा माॅनिटर को मरीजाें के हाथ या पैर से लगाया जाएगा. इसके बाद इन माॅनिटर में मरीज की बीपी, ईसीजी, पल्स और ऑक्सीजन की जांच एक साथ हाे जाएगी. माॅनिटर रिपाेर्ट भी साथ-साथ दिखाता रहेगा, जिससे डाॅक्टराें काे इलाज में आसानी हाेगी.
डीडीयू अस्पताल में पहली बार लगे इस तरह के हाईटैक माॅनिटर
डीडीयू अस्पताल में पहली बार इस तरह के हाईटैक माॅनिटर लगाए जा रहे हैं. इनके लगने से मरीजाें काे काफी फायदा मिलने वाला है. इससे पहले मरीजाें के अलग-अलग टेस्ट करने पड़ते थे, जिसमें काफी समय खराब हाेता था.
मरीजाें का इमरजेंसी में भी इलाज शुरू करने में काफी समय रिपाेर्ट के इंतजार में चला जाता था. मगर अब एक साथ सभी टेस्ट हाे जाएंगे और समय भी नहीं लगेगा. अभी तक अस्पताल में जाे भी मरीज गंभीर हालत में पहुंचता है, ड्यूटी पर माैजूद डाॅक्टर पहले उसे वार्ड में भर्ती करता है. इसके बाद उसके हार्ट का ईसीजी, पल्स की स्थिति, ऑक्सीजन की कैपिसिटी और ब्लड प्रेशर की जांच के लिए अलग-अलग कर्मचारी मशीनें लेकर पहुंचते हैं. फिर इनकी रिपाेर्ट तैयार की जाती है. उसके बाद ईलाज शुरू हाे पाता है.
मगर मल्टीपेरा माॅनिटर स्थापित हाेने से सभी रिपाेर्टस दिखेंगी
मगर मल्टीपेरा माॅनिटर स्थापित हाेने से सभी रिपाेर्टस एक साथ दिखती रहेगी. जिससे डाॅक्टर बिना समय बर्बाद किए मरीज का ईलाज शुरू कर देंगे.गंभीर मरीजाें के इलाज के दाैरान या ऑपरेशन के बाद उसकी धड़कन और ऑक्सीजन की मात्रा में कमी होते ही मॉनिटर का सायरन बज जाएगा. इसके बाद डॉक्टर तुरंत मरीज की देखभाल शुरू कर सकेंगे.
इसके अलावा मरीज के पास नर्स और डाॅक्टर काे खड़े रहने की जरूरत नहीं रहेगी. पहले डॉक्टरों को बार-बार मरीज की जांच के लिए वहां खड़े रहना पड़ता था, जिससे उसकी पल्स रेट ना गिर जाए, मगर अब इससे छुटकारा मिलेगा.
बीपी, ईसीजी, पल्स और ऑक्सीजन की होगी एक साथ जांच
डीडीयू अस्पताल शिमला के एमएस डाॅ. लाेकेंद्र शर्मा ने बताया कि अस्पताल काे मल्टी पेरा माॅनिटर मिले हैं. इन माॅनिटर से बीपी, ईसीजी, पल्स और ऑक्सीजन की जांच एक साथ हाे जाएगी. मरीज के हाथ या पांव से मशीन फिट करते ही माॅनिटर पर सारा रिकार्ड दिखाई देने लगेगा.
इससे इमरजेंसी में आए मरीजाें के इलाज में देरी नहीं हाेगी. अभी तक अस्पताल में ऐसे माॅनिटर नहीं है. अस्पताल काे हाईटैक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. कुछ दिन पहले ही अस्पताल काे पांच नए वेंटिलेटर भी मिले हैं.
गौरतलब है कि डीडीयू अस्पताल में राेजाना सामान्य दिनाें में एक हजार से ज्यादा ओपीडी रहती है. हालांकि इन दिनाें इसे काेविड अस्पताल बनाया गया है.
मगर जब यहां काेविड सेंटर बंद हाे जाएगा ताे यहां पर मरीजाें की भीड़ लगनी शुरू हाे जाएगी. इसके अलावा गंभीर मरीजाें काे भी यहीं पर इलाज के लिए लाया जाता है. क्याेंकि यह शहर के बीचाें-बीच है.
पढ़ें: ओलावृष्टि से सेब बागवानों को करोड़ों का नुकसान, बगीचों में पसरा सन्नाटा