रामपुर/शिमला: रामपुर बाजार में बीते 9 जून को शिक्षिका दिव्या कपूर का आत्महत्या मामला दिन-प्रतिदिन गर्मा रहा है. पहले दिव्या के परिजनों, फिर स्कूली छात्रों और फिर बीजेपी और कांग्रेस ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई.
वहीं, दिव्या कपूर के परिजनों का आरोप है कि रामपुर पुलिस की ओर से मामले को लेकर कोताही बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि दिव्या कपूर ने जिस कमरे में आत्महत्या की थी उस कमरे को पुलिस ने सील भी नहीं किया. वहां पर लोगों का आना जाना लगातार लगा हुआ था. इसके साथ यह भी जानने की कोशिश नहीं की कि दिव्या ने आत्महत्या कैसे की.
इसके साथ दिव्या कपूर के मामा वीरेंद्र भलूनी का कहना है कि 6 दिन तक इस मामले से संबंधित दोषी बाहर खुले में घूमते रहे तब तक इन पर पुलिस की ओर से कार्रवाई क्यों नहीं की गई. सारे तथ्य सामने होते हुए भी पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया.
वीरेंद्र भलूणी ने आरोप लगाया कि मामले में दिव्या की जेठानी भी शामिल है, लेकिन उस पर अभी तक कोई भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. परिजनों का कहना है कि अगर 30 जून को दोषियों को बेल मिल जाती है तो इसको लेकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ एक बार फिर से विशाल प्रदर्शन किया जाएगा.
बता दें कि रामपुर में एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ने घर में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. शिक्षिका ने आत्महत्या से पहले फेसबुक में जमीनी विवाद होने जैसी जानकारी और एक नोट भी डाला था. पुलिस के हाथ एक वीडियो संदेश भी लगा है, जो मृतका ने वाट्सएप पर डाला था. महिला की करीब दो वर्ष की एक बच्ची भी है.
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