नई दिल्ली: अजरबैजान एयरलाइंस का प्लेन बुधवार को कजाखस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में लगभग 40 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ पैसेंजर्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. रूसी न्यूज एजेंसियों ने बताया कि अजरबैजान एयरलाइंस का विमान बाकू से रूस के चेचन्या के ग्रोजनी जा रहा था, लेकिन ग्रोजनी में कोहरे के कारण उसका रूट बदल दिया गया और फिर यह हादसा हो गया.
ऐसे में अब सवाल उठता है कि मिड एयर इमरजेंसी सिचुएशन आने पर पायलट क्या करता है? वह यात्रियों को किस तरह से समझाता है? साथ ही पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और ग्राउंड स्टाफ से बात कर उन्हें आपात स्थिति के बारे में कैसे बताता है? दरअसल, इस तरह कि स्थिति से निपटने के लिए इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) ने कुछ स्टैंडर्ड तय किए हैं.
फेडरल एविएशन एडिमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक अगर किसी पायलट को संकट या आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो वह एयर ट्रेफिक फैसिलिटी या अन्य एजेंसी से संपर्क करके सहायता प्राप्त कर सकता है, जिसके उत्तरदायित्व के क्षेत्र में विमान संचालित हो रहा है . साथ ही उसे कठिनाई की प्रकृति, पायलट के इरादे और क्या सहायता चाहिए बतानी होगी.
कैसे यात्रियों की जान बचाता है पायलट?
इमरजेंसी की स्थिति में कम्युनिकेशन के लिए फ्लाइट नंबर का इस्तेमाल किया जाता और यह संबंधित प्लेन की पहचान बन जाती है, जो एटीसी के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. इमरजेंसी की स्थिति में पायलट का काम अपनी जान की परवाह किए बिना किसी भी तरह यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है.
ICAO के स्टैंडर्ड के मुताबिक पायलट इमरजेंसी की स्थिति में पैसेंजर्स को समझाने और शांति बनाए रखने की अपील करते रहतें हैं.साथ-साथ ही वह वे अपने सहयोगियों के साथ प्रोब्लम को सुलझाने में जुटे रहते हैं. इस बीच एटीसी के साथ ग्राउंड स्टाफ से भी लगातार संपर्क किया जाता है. इस दौरान रिले कर पायलट कुछ खास मैसेज के जरिए हालात की सूचना देते हैं.
खास कम्यूनिकेशन टूल का इस्तेमाल
पायलट इमरजेंसी में ग्राउंड पर सिस्टम को अलर्ट करने के लिए कुछ खास कम्यूनिकेशन टूल का इस्तेमाल करते हैं और MAYDAY मैसेज की मदद से पायलट क्राइसिस की सूचना भेजते हैं. क्राइसिस का मैसेज मिलते ही एयरपोर्ट का पूरा सिस्टम इमरजेंसी मोड में तैयार रहता है. MAYDAY के बाद पायलट PAN-PAN मैसेज रिले करता है.संकट के समय PAN-PAN मैसेज रिले किया जाता है.
गौरतलब है कि इमरजेंसी के दौरान इन मैसेज को वरियता दी जाती है. जिस फ्रीक्वेंसी पर यह कम्यूनिकेशन जारी होती है, उस कमांड रेडियो को साइलेंट कर दिया जाता है. ऐसा करने से इमरजेंसी मैसेज में कोई व्यवधान नहीं होता. PAN-PAN मैसेज के तहत अन्य स्टेशन के लिए यह चेतावनी जारी की जाती है कि वह अर्जेंट ट्रांसमिशन में हस्तक्षेप न करें.
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