शिमला: केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को 2019-20 के लिए बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर 1-1 रुपये का अतिरिक्त सेस बढ़ाने का ऐलान किया.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का सीधा संबंध महंगाई के साथ जुड़ा है. पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने पर महंगाई कम और दाम बढ़ने पर महंगाई बढ़ती है. पेट्रोल-डीजल पर सेस शुल्क बढ़ाने से निजी वाहन से ऑफिस जाने वाले सरकारी और निजी कंपनियों के कर्मचारियों की जेब पर बोझ पडे़गा. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर उन्हें ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा. ऐसे में इन लोगों की सेविंग पर भी खासा असर पड़ सकता है.
हिमाचल में पिछले साल ही जयराम सरकार ने बस किराए में बढ़ोतरी की है. ऐसे में एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल पर सेस बढ़ने से तेल की कीमतों में उछाल आएगा. ऐसे में देखना होगा की तेल की कीमतें बढ़ने से क्या एक बार फिर हिमाचल में बस किराया और ट्रांसपोर्ट चार्ज में बढ़ोतरी होगी. यदि बस किराया बढ़ता है तो सार्वजनिक यातायात के साधनों का इस्तेमाल करने वाले सरकारी कर्मचारियों, स्कूली बच्चों को अतिरिक्त किराया चुकाना होगा.
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