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ट्रिब्यूनल को बंद करने पर भड़के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह, कहा: कर्मचारियों के साथ हुआ अन्याय

प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि रकार ने यह फैसला बिना सोचे समझे लिया है. ट्रिब्यूनल में हजारों कर्मचारियों को इन्साफ मिलता था, इसे बंद करना कर्मचारियों के साथ मजाक है.

Virbhadar singh
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Published : Aug 29, 2019, 5:50 PM IST

शिमला: विधानसभा के मॉनसून सत्र में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने का विधेयक पारित हो गया. विपक्ष ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट भी किया. विपक्ष के वॉकआउट करते ही सत्ता पक्ष ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के लिए लाया विधेयक बहुमत से पारित कर दिया.

प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले पर कांग्रेस और सीपीआईएम विधायक ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने के आरोप लगाए है. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले पर कहा कि सरकार ने ये फैसला बिना सोचे समझे लिया है. ट्रिब्यूनल कोई खिलौना नहीं है. खोला और फिर बंद कर दिया.

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पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि ट्रिब्यूनल में हजारों कर्मचारियों को इन्साफ मिलता था. इसे बंद करना कर्मचारियों के साथ मजाक है. ट्रिब्यूनल आज से नहीं चल रहा था. बल्कि, लम्बे अरसे से चला आ रहा था. इसका अपना अस्तित्व भी कायम किया हुआ था, लेकिन सरकार ने बिना सोचे समझे इसे बंद कर दिया. सरकार का ये फैसला तानशाही है.

पूर्व सीएम ने कहा कि ट्रिब्यूनल से कोई नुक्सान नहीं हो रहा था. कर्मचारियों को कम समय में राहत मिलती थी, अब कर्मचारियों को हाईकोर्ट में लंबा इंतजार करना पड़ेगा. कोर्ट में पहले ही कई मामले लंबित पड़े हैं. ऐसे में कर्मचारियों के मामले भी यहीं जाएंगे और कर्मचारियों को लंबा इंतजार करना पड़ेगां.सरकार का ये फैसला कर्मचारियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

शिमला: विधानसभा के मॉनसून सत्र में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने का विधेयक पारित हो गया. विपक्ष ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट भी किया. विपक्ष के वॉकआउट करते ही सत्ता पक्ष ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के लिए लाया विधेयक बहुमत से पारित कर दिया.

प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले पर कांग्रेस और सीपीआईएम विधायक ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने के आरोप लगाए है. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले पर कहा कि सरकार ने ये फैसला बिना सोचे समझे लिया है. ट्रिब्यूनल कोई खिलौना नहीं है. खोला और फिर बंद कर दिया.

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पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि ट्रिब्यूनल में हजारों कर्मचारियों को इन्साफ मिलता था. इसे बंद करना कर्मचारियों के साथ मजाक है. ट्रिब्यूनल आज से नहीं चल रहा था. बल्कि, लम्बे अरसे से चला आ रहा था. इसका अपना अस्तित्व भी कायम किया हुआ था, लेकिन सरकार ने बिना सोचे समझे इसे बंद कर दिया. सरकार का ये फैसला तानशाही है.

पूर्व सीएम ने कहा कि ट्रिब्यूनल से कोई नुक्सान नहीं हो रहा था. कर्मचारियों को कम समय में राहत मिलती थी, अब कर्मचारियों को हाईकोर्ट में लंबा इंतजार करना पड़ेगा. कोर्ट में पहले ही कई मामले लंबित पड़े हैं. ऐसे में कर्मचारियों के मामले भी यहीं जाएंगे और कर्मचारियों को लंबा इंतजार करना पड़ेगां.सरकार का ये फैसला कर्मचारियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

Intro:

हिमाचल सरकार द्वारा ट्रिब्यूनल को बंद करने को पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने बिना सोचे समझे वाला फैसला करार देते हुए इसे सरकार द्वारा आनन फानन में लिया गया फैसला बतया ! उन्होंने कहा की ट्रिब्यूनल कोई खिलौना नही है जब खोला फिर बंद कर दिया ! ट्रिब्यूनल में हजारो कर्मचारियों को इन्साफ मिलता था इसको बंद करना उन कर्मचारियों के साथ मजाक है ! ट्रिब्यूनल आज नही चल रहा था बल्कि ये लम्बे अरसे से चला अ रहा था और इसने अपना अस्तित्व भी कायम किया हुआ था लेकिन सरकार ने बिना सोचे समझे इसे बंद कर दिया और इसका क्या परिणाम होगा इसका सोचा तक नही है ! सरकार का ये फैसला तानशाही है !
Body:ट्रिब्यूनल से कोई नुक्सान नही हो रहा था बल्कि कर्मचारियों को कम समय में राहत मिलती थी वाही अब हाई कोर्ट में कर्मचारियों को लम्बा इन्तजार करना पड़ेगा ! कोर्ट में पहले ही कई मामले लंबित पड़े है ऐसे में कर्मचारियों के मामले भी यही जायेगे जिससे काफी इन्तजार करना पड़ेगा ! उन्होंने कहा की सरकार का ये फैसला कर्मचारियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है ! Conclusion:
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