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हिमाचल में इस वित्त वर्ष में 1100 करोड़ रुपए राजस्व बढ़ोतरी का अनुमान, शराब ठेकों की नीलामी से अतिरिक्त 550 करोड़ जुटाए - himachal revenue increase

Himachal Revenue Estimate Increase: आर्थिक संकट से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के लिए एक राहत भरी खबर है. इस साल वित्तीय वर्ष में हिमाचल सरकार के खजाने में 1100 करोड़ रुपये की राजस्व में बढ़ोतरी होगी. हिमाचल में शराब ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार ने 550 करोड़ रुपए जुटाए हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 6:58 PM IST

शिमला: बुरी तरह से आर्थिक संकट में फंसी हिमाचल सरकार को इस वित्त वर्ष में राजस्व बढ़ोतरी के तौर पर 1100 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है. राज्य सरकार ने शराब ठेकों की नीलामी से 550 करोड़ रुपए जुटाए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि मानसून सीजन में अभूतपूर्व तबाही न होती तो राजस्व बढ़ोतरी का आंकड़ा 1500 करोड़ रुपए को छू जाता. सीएन ने कहा कि मानसून सीजन में पर्यटन कारोबार सहित अन्य मदों में राजस्व की हानि हुई है. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्व बढ़ोतरी की दिशा में सार्थक परिणाम आए हैं.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस ने ओपीएस की बहाली का वादा किया था. सत्ता में आते ही सबसे बड़ी गारंटी पूरी की गई. उन्होंने कहा कि ओपीएस की बहाली के बाद केंद्र सरकार ने हिमाचल पर कई पाबंदियां लगाई हैं. इन पाबंदियों के कारण इस वित्त वर्ष में लोन लेने की सीमा 6600 करोड़ रुपये तय की गई है. इसके साथ ही बाह्य सहायता प्राप्त (एक्सटर्नल फंडिड) परियोजनाओं के लिए तीन वर्ष में कुल 2900 करोड़ रुपये लेने की सीमा तय कर दी गई है. इससे पहले ये सीमा तय नहीं थी.

सीएम ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार ने इस वित्त वर्ष में मात्र 4100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. वहीं, भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को ओपीएस लागू करने पर 1780 करोड़ रुपये की ग्रांट भी केंद्र से नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के भाजपा नेताओं को केंद्र सरकार से राज्य पर लगाई गई पाबंदियों को हटाने के लिए प्रयास करना चाहिए.

अपनी सरकार की कार्यप्रणाली की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पट्टा नियमों को संशोधित करते हुए लीज अवधि को 99 साल से घटाकर 40 वर्ष कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में अब धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजना, लुहरी फेज-1 और सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में देरी को देखते हुए राज्य सरकार ने एसजेवीएनएल को प्रदान किए गए जंगी-थोपन-पोवारी परियोजना को रद्द कर दिया है.

उन्होंने कहा कि वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है. वर्तमान राज्य सरकार के दृढ़ प्रयासों के कारण इस मामले में फैसला सरकार के पक्ष में आया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में इन्वेस्टमेंट ड्रेन हुआ. उस दौरान निवेश से हिमाचल प्रदेश के लोगों को कोई लाभ नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में पुलिस भर्ती घोटाला हुआ. उसी दौरान हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बेचे गए. सत्ता में आने पर उनकी सरकार ने आयोग को भंग किया. सीएम ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में ही 100 करोड़ रुपये का खनन घोटाला व क्रिप्टो करंसी घोटाला भी हुआ है.

ये भी पढ़ें: DA के लिए इंतजार करना होगा, कुछ ना कुछ जरूर दूंगा- सीएम सुक्खू

शिमला: बुरी तरह से आर्थिक संकट में फंसी हिमाचल सरकार को इस वित्त वर्ष में राजस्व बढ़ोतरी के तौर पर 1100 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है. राज्य सरकार ने शराब ठेकों की नीलामी से 550 करोड़ रुपए जुटाए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि मानसून सीजन में अभूतपूर्व तबाही न होती तो राजस्व बढ़ोतरी का आंकड़ा 1500 करोड़ रुपए को छू जाता. सीएन ने कहा कि मानसून सीजन में पर्यटन कारोबार सहित अन्य मदों में राजस्व की हानि हुई है. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्व बढ़ोतरी की दिशा में सार्थक परिणाम आए हैं.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस ने ओपीएस की बहाली का वादा किया था. सत्ता में आते ही सबसे बड़ी गारंटी पूरी की गई. उन्होंने कहा कि ओपीएस की बहाली के बाद केंद्र सरकार ने हिमाचल पर कई पाबंदियां लगाई हैं. इन पाबंदियों के कारण इस वित्त वर्ष में लोन लेने की सीमा 6600 करोड़ रुपये तय की गई है. इसके साथ ही बाह्य सहायता प्राप्त (एक्सटर्नल फंडिड) परियोजनाओं के लिए तीन वर्ष में कुल 2900 करोड़ रुपये लेने की सीमा तय कर दी गई है. इससे पहले ये सीमा तय नहीं थी.

सीएम ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार ने इस वित्त वर्ष में मात्र 4100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. वहीं, भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार को ओपीएस लागू करने पर 1780 करोड़ रुपये की ग्रांट भी केंद्र से नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के भाजपा नेताओं को केंद्र सरकार से राज्य पर लगाई गई पाबंदियों को हटाने के लिए प्रयास करना चाहिए.

अपनी सरकार की कार्यप्रणाली की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पट्टा नियमों को संशोधित करते हुए लीज अवधि को 99 साल से घटाकर 40 वर्ष कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में अब धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजना, लुहरी फेज-1 और सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में देरी को देखते हुए राज्य सरकार ने एसजेवीएनएल को प्रदान किए गए जंगी-थोपन-पोवारी परियोजना को रद्द कर दिया है.

उन्होंने कहा कि वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है. वर्तमान राज्य सरकार के दृढ़ प्रयासों के कारण इस मामले में फैसला सरकार के पक्ष में आया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में इन्वेस्टमेंट ड्रेन हुआ. उस दौरान निवेश से हिमाचल प्रदेश के लोगों को कोई लाभ नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में पुलिस भर्ती घोटाला हुआ. उसी दौरान हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बेचे गए. सत्ता में आने पर उनकी सरकार ने आयोग को भंग किया. सीएम ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में ही 100 करोड़ रुपये का खनन घोटाला व क्रिप्टो करंसी घोटाला भी हुआ है.

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