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कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार तैयार: निपुण जिंदल

प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. तीसरी लहर में 2 से 18 साल तक के बच्चों पर ज्यादा असर होगा. प्रदेश में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. इस लहर ने ज्यादातर 59 साल से कम लोगों को अपना ग्रास बनाया है.

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Published : May 21, 2021, 11:10 AM IST

शिमला: प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीसरी लहर को लेकर मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा अधीक्षकों और सभी सीएमओ को अलर्ट कर दिया है. इसके अलावा चाइल्ड स्पेसिलेस्ट डॉक्टरों से भी लगातार संपर्क में हैं.

तीसरी लहर का बच्चों पर खतरा

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और केंद्रीय एडवाइजर का मानना है कि कोरोना की तीसरी वेब जल्द ही स्ट्राइक कर सकती है. तीसरी लहर में 2 से 18 साल तक के बच्चों पर ज्यादा असर होगा. प्रदेश में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. इस लहर ने ज्यादातर 59 साल से कम लोगों को अपना ग्रास बनाया है. इस उम्र से नीचे 50 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है.

गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का नियमित उपचार जारी

गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का नियमित उपचार जारी है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि कोविड महामारी के इस सकंट के दौरान समुदाय में गैर संक्रामक रोगों को विशेष रूप से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों के लिए उपचार की निरंतरता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है.

ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा मरीजों का मार्गदर्शन

प्रदेश सरकार ने मरीजों के उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमित स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा 1052 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, ई-संजीवनी ओपीडी और ई-संजीवनी सेवाएं आरम्भ की गई. उन्होंने ऐसे मरीजों को महामारी के दौरान अपना नियमित उपचार जारी रखने का आग्रह किया.

प्रदेश की सभी डायलिसिस इकाइयां करती रहेगी काम

डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश की सभी डायलिसिस इकाइयों को डायलिसिस की आवश्यकता वाले रोगियों को समय पर सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. डायलिसिस के लिए स्वास्थ्य संस्थान में पहुंचने वाले किसी भी मरीज को संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के ट्राइएज में रखा जाएगा, जिसके बाद आरएटी या आरटी-पीसीआर के माध्यम से कोविड टेस्ट किया जाएगा.

प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध हो टेस्ट रिपोर्ट

प्रयोगशालाओं को ऐसे मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाने को कहा गया है ताकि उनका समय पर उपचार शुरू किया जा सके. उन्होंने कहा कि रोगियों का डायलिसिस का इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. टेस्ट रिपोर्ट के अभाव में कोई भी डायलिसिस स्थगित नहीं किया जाएगा.

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, जोनल अस्पताल धर्मशाला, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, जोनल अस्पताल मंडी, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन व ऊना, जोनल अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर व चंबा, नागरिक अस्पताल नूरपुर, नागरिक अस्पताल पालमपुर, नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब, नागरिक अस्पताल सुंदरनगर और मेडिकल कॉलेज नेरचैक मंडी में पीपीपी मोड आधार पर डायलिसिस इकाइयां हैं.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में एक दिन में 65 लोगों की कोरोना से मौत, 4257 संक्रमित हुए स्वस्थ

शिमला: प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. डॉक्टर निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीसरी लहर को लेकर मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा अधीक्षकों और सभी सीएमओ को अलर्ट कर दिया है. इसके अलावा चाइल्ड स्पेसिलेस्ट डॉक्टरों से भी लगातार संपर्क में हैं.

तीसरी लहर का बच्चों पर खतरा

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और केंद्रीय एडवाइजर का मानना है कि कोरोना की तीसरी वेब जल्द ही स्ट्राइक कर सकती है. तीसरी लहर में 2 से 18 साल तक के बच्चों पर ज्यादा असर होगा. प्रदेश में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. इस लहर ने ज्यादातर 59 साल से कम लोगों को अपना ग्रास बनाया है. इस उम्र से नीचे 50 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है.

गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का नियमित उपचार जारी

गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का नियमित उपचार जारी है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि कोविड महामारी के इस सकंट के दौरान समुदाय में गैर संक्रामक रोगों को विशेष रूप से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों के लिए उपचार की निरंतरता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है.

ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा मरीजों का मार्गदर्शन

प्रदेश सरकार ने मरीजों के उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमित स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा 1052 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, ई-संजीवनी ओपीडी और ई-संजीवनी सेवाएं आरम्भ की गई. उन्होंने ऐसे मरीजों को महामारी के दौरान अपना नियमित उपचार जारी रखने का आग्रह किया.

प्रदेश की सभी डायलिसिस इकाइयां करती रहेगी काम

डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश की सभी डायलिसिस इकाइयों को डायलिसिस की आवश्यकता वाले रोगियों को समय पर सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. डायलिसिस के लिए स्वास्थ्य संस्थान में पहुंचने वाले किसी भी मरीज को संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के ट्राइएज में रखा जाएगा, जिसके बाद आरएटी या आरटी-पीसीआर के माध्यम से कोविड टेस्ट किया जाएगा.

प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध हो टेस्ट रिपोर्ट

प्रयोगशालाओं को ऐसे मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाने को कहा गया है ताकि उनका समय पर उपचार शुरू किया जा सके. उन्होंने कहा कि रोगियों का डायलिसिस का इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. टेस्ट रिपोर्ट के अभाव में कोई भी डायलिसिस स्थगित नहीं किया जाएगा.

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, जोनल अस्पताल धर्मशाला, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, जोनल अस्पताल मंडी, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन व ऊना, जोनल अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर व चंबा, नागरिक अस्पताल नूरपुर, नागरिक अस्पताल पालमपुर, नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब, नागरिक अस्पताल सुंदरनगर और मेडिकल कॉलेज नेरचैक मंडी में पीपीपी मोड आधार पर डायलिसिस इकाइयां हैं.

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