ETV Bharat / state

संसदि में हिमाचल: कैब पर राजनीतिक तल्खी में आनंद शर्मा और जेपी नड्डा ने घोला हिमाचल प्रेम का रंग

केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को विचार के लिए रखा. बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपना पक्ष रखा, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद आंनद शर्मा ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए.

author img

By

Published : Dec 11, 2019, 3:36 PM IST

Updated : Dec 15, 2019, 9:12 AM IST

Debate between JP Nadda and Anand Sharma of Himachal on CAB in Rajya Sabha
राज्यसभा में CAB पर हिमाचल के जेपी नड्डा और आंनद शर्मा आमने सामने

शिमला: नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पर राज्यसभा में राजनीतिक तल्खी के बीच दो कद्दावर नेताओं आनंद शर्मा और जेपी नड्डा ने अपने हिमाचल प्रेम का रंग घोला. ये संयोग ही था कि दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा की तरफ से भाषण की शुरुआत जिन दो नेताओं आनंद शर्मा व जेपी नड्डा ने की, उनका संबंध हिमाचल से हैं.

यही नहीं, दोनों हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति में सक्रिय रहे. तल्खी अपनी जगह थी, लेकिन आनंद शर्मा ने इस संयोग का जिक्र मुस्कुराते हुए चेहरे से किया था. आनंद शर्मा ने कहा कि ये संयोग ही है कि वे दोनों एक छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते हैं. आनंद शर्मा के सीट पर बैठते ही सत्ता पक्ष की तरफ से जेपी नड्डा ने कहा कि और वे दोनों एक ही यूनिवर्सिटी यानि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में पढ़े हैं.

वीडियो रिपोर्ट

तीखी नोकझोंक भुला कर दोनों नेता मित्रवत पर उतर आए, इस दौरान आनंद शर्मा ने सभापति वेंकैया नायडू से कहा कि यह हमारी खुशनसीबी है कि हम दोनों एक छोटे से राज्य हिमाचल से हैं, तो आनंद शर्मा की बातों को आगे बढ़ाते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि हम दोनों ने एक ही विश्वविद्यालय से पढ़ाई भी की है. जिसके बाद सदन तालियों की गड़-गड़ाहट से गूंज उठा.

दोनों के इन संक्षिप्त वाक्यों के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने भी हिमाचल की सुंदरता की तारीफ की. बता दें कि जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संघ राजनीति में सक्रिय थे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर वे यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पहले अध्यक्ष बने थे. वहीं, आनंद शर्मा भी एनएसयूआई में सक्रिय थे.

दरअसल, बुधवार (11 दिसंबर 2019) को कैब पर राज्यसभा में भाजपा की तरफ से बहस की शुरुआत जेपी नड्डा ने की. अपने भाषण के अंत में जेपी नड्डा ने 18 दिसंबर 2003 में राज्यसभा में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के भाषण का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने तत्कालीन एनडीए सरकार के उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए शरणार्थियों की समस्या पर सहानुभूति से विचार करने का आग्रह किया था.

नड्डा के भाषण की समाप्ति पर आनंद शर्मा ने टिप्पणी की. अगर हिमाचल के नजरिए से देखें तो इस समय केंद्र की राजनीति में इस छोटे प्रदेश का बड़ा रोल है. जेपी नड्डा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. युवा नेता अनुराग ठाकुर वित्त राज्यमंत्री का पदभार संभाल रहे हैं. संगठन में भी हिमाचल के कुछ नेता अहम पदों पर हैं.

विपक्ष में आनंद शर्मा का संबंध भी हिमाचल प्रदेश से हैं. हिमाचल की छात्र राजनीति ने देश को कई सितारे दिए हैं. इस समय जेपी नड्डा केंद्र में हैं तो हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित 6 कैबिनेट मंत्री छात्र राजनीति की देन हैं.

शिमला: नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पर राज्यसभा में राजनीतिक तल्खी के बीच दो कद्दावर नेताओं आनंद शर्मा और जेपी नड्डा ने अपने हिमाचल प्रेम का रंग घोला. ये संयोग ही था कि दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा की तरफ से भाषण की शुरुआत जिन दो नेताओं आनंद शर्मा व जेपी नड्डा ने की, उनका संबंध हिमाचल से हैं.

यही नहीं, दोनों हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति में सक्रिय रहे. तल्खी अपनी जगह थी, लेकिन आनंद शर्मा ने इस संयोग का जिक्र मुस्कुराते हुए चेहरे से किया था. आनंद शर्मा ने कहा कि ये संयोग ही है कि वे दोनों एक छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते हैं. आनंद शर्मा के सीट पर बैठते ही सत्ता पक्ष की तरफ से जेपी नड्डा ने कहा कि और वे दोनों एक ही यूनिवर्सिटी यानि हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में पढ़े हैं.

वीडियो रिपोर्ट

तीखी नोकझोंक भुला कर दोनों नेता मित्रवत पर उतर आए, इस दौरान आनंद शर्मा ने सभापति वेंकैया नायडू से कहा कि यह हमारी खुशनसीबी है कि हम दोनों एक छोटे से राज्य हिमाचल से हैं, तो आनंद शर्मा की बातों को आगे बढ़ाते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि हम दोनों ने एक ही विश्वविद्यालय से पढ़ाई भी की है. जिसके बाद सदन तालियों की गड़-गड़ाहट से गूंज उठा.

दोनों के इन संक्षिप्त वाक्यों के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने भी हिमाचल की सुंदरता की तारीफ की. बता दें कि जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संघ राजनीति में सक्रिय थे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर वे यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पहले अध्यक्ष बने थे. वहीं, आनंद शर्मा भी एनएसयूआई में सक्रिय थे.

दरअसल, बुधवार (11 दिसंबर 2019) को कैब पर राज्यसभा में भाजपा की तरफ से बहस की शुरुआत जेपी नड्डा ने की. अपने भाषण के अंत में जेपी नड्डा ने 18 दिसंबर 2003 में राज्यसभा में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के भाषण का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने तत्कालीन एनडीए सरकार के उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए शरणार्थियों की समस्या पर सहानुभूति से विचार करने का आग्रह किया था.

नड्डा के भाषण की समाप्ति पर आनंद शर्मा ने टिप्पणी की. अगर हिमाचल के नजरिए से देखें तो इस समय केंद्र की राजनीति में इस छोटे प्रदेश का बड़ा रोल है. जेपी नड्डा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. युवा नेता अनुराग ठाकुर वित्त राज्यमंत्री का पदभार संभाल रहे हैं. संगठन में भी हिमाचल के कुछ नेता अहम पदों पर हैं.

विपक्ष में आनंद शर्मा का संबंध भी हिमाचल प्रदेश से हैं. हिमाचल की छात्र राजनीति ने देश को कई सितारे दिए हैं. इस समय जेपी नड्डा केंद्र में हैं तो हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित 6 कैबिनेट मंत्री छात्र राजनीति की देन हैं.

Intro:Body:

hp_sml_01_jp Nadda anand sharma same state story_pkg


Conclusion:
Last Updated : Dec 15, 2019, 9:12 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.