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निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी पर लगाई जाएगी रोक, पारदर्शिता के लिए डेटा को किया जाएगा ऑनलाइन - Fake degree case in Himachal

निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने शिक्षण संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के प्रबंधन को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता आए.

Private educational institutions regulatory commission
निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग
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Published : Sep 4, 2020, 6:33 PM IST

शिमला: प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों में फर्जीवाड़े रुकने का नाम नहीं ले रहे है. अधिकतर संस्थानों में फर्जीवाड़े और अनियमितताएं बरती जा रही है, लेकिन अब इन निजी शिक्षण संस्थानों में चल रहे फर्जीवाड़े निजी शिक्षण विनियामक आयोग ने रोकने का मन बना लिया है.

आयोग में अभी हाल ही में चेयरमैन अतुल कौशिक की नियुक्ति की गई है, जिसके बाद से आयोग की कार्यप्रणाली भी तेज हो गई है. अब प्रदेश में चल रहे 17 निजी विश्वविद्यालय सहित 177 निजी कॉलेज में आयोग का एक्शन भी शुरू हो चुका है. आयोग के पास संस्थानों से जुड़ी 150 शिकायतें पहुंची है. इन शिकायतों में ज्यादातर शिकायतें परीक्षाओं को ना करवाने, कर्मचारियों को वेतन ना देने और मूलभूत सुविधाओं के बिना ही निजी शिक्षण संस्थानों को चलाने को लेकर है.

वीडियो

शिकायतों पर निजी शिक्षण संस्थानों पर जांच और कार्रवाई भी आयोग की ओर से शुरू कर दी गई है.150 शिकायतों में 6 निजी शिक्षण संस्थान शामिल है, जिसमें 4 विश्वविद्यालय, 2 कॉलेजों के खिलाफ छात्र व स्टॉफ ने शिकायतें की है. इन सभी शिकायतों के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को आयोग ने अक्तूबर में तलब भी किया है. इस दौरान विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को स्टॉफ के पेंडिग वेतन को समय पर देने या नहीं देने के बारे में बताना होगा.

वहीं, कोरोना काल के बीच राज्य के शिक्षण संस्थानों ने छात्रों से ट्यूशन फीस न लेकर बल्कि उनसे एक्स्ट्रा फीस भी वसूली है. ऐसे में अब इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए आयोग जल्द छात्रों, अभिभावकों के लिए व्हाट्स ऐप नंबर मुहैया करवाने जा रहा है. इस नंबर पर छात्र ऑनलाइन आयोग में फीस बढ़ोतरी पर शिकायत कर सकते है. ऑनलाइन आने वाली शिकायतों का आयोग तुरंत निपटारा करेगा.अब शिक्षण संस्थानों को छात्रों से वसूली फीस के बारे में पूरा विवरण ऑनलाइन भी देना होगा.

अतुल कौशिक ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों में पिछले साल हुए फर्जी डिग्री मामले की वजह से हिमाचल की छवी खराब हुई है. अब फर्जी डिग्री मामलों पर विशेष तौर पर आयोग कार्य करेगा. समय-समय पर हर शिक्षण संस्थान में जाकर निरीक्षण किया जाएगा. आयोग निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी रोकने के लिए अपनी शक्तियों का भी इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें आयोग नियमों की उल्लंघना करने पर निजी शिक्षण संस्थान पर एक करोड़ तक का जुर्माना पर कर सकता है.

इसके साथ ही बार-बार नियमों की उल्लंघना करने पर निजी संस्थानों को बंद करने की शक्ति भी आयोग के पास है. वहीं, अब निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधनों के साथ ही उनके ट्रस्ट से भी समय-समय पर बैठकें आयोजित की जाएंगी.

मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री मामले सामने आने के बाद एक एडमिनिस्ट्रेशन नियुक्त किया गया है, जो वहां की व्यवस्थाओं को देखेगा. वहीं, वर्तमान में यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे करीब 1,500 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन छात्रों के भविष्य को लेकर सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा. इस संस्थान में पढ़ने वाले छात्र दूसरे शिक्षण संस्थान में दाखिला ले सकेंगे. इसको लेकर सरकार को प्रपोजल भेज दिया है.

इसके साथ ही प्रदेश में बहारा यूनिवर्सिटी और बद्दी यूनिवर्सिटी में भी शिक्षकों को वेतन ना देने के मामले में शिकायत मिली है. वहीं, हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड होटल के साथ ही बेल्स इंस्टीट्यूट पर भी कार्रवाई आयोग की ओर से की जा रही है.

इंजीनियरिंग की सीटें बढ़ाने और भरने को लेकर किया जाएगा प्रयास

प्रदेश में इंजीनियरिंग कोर्स में छात्रों की कम होती रुचि को देखकर आयोग की ओर से छात्रों की रुचि को इस विषय में बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. प्रदेश में इंजीनियरिंग की खाली रह रही सीटों को भरने को लेकर भी आयोग संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा.

शिमला: प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों में फर्जीवाड़े रुकने का नाम नहीं ले रहे है. अधिकतर संस्थानों में फर्जीवाड़े और अनियमितताएं बरती जा रही है, लेकिन अब इन निजी शिक्षण संस्थानों में चल रहे फर्जीवाड़े निजी शिक्षण विनियामक आयोग ने रोकने का मन बना लिया है.

आयोग में अभी हाल ही में चेयरमैन अतुल कौशिक की नियुक्ति की गई है, जिसके बाद से आयोग की कार्यप्रणाली भी तेज हो गई है. अब प्रदेश में चल रहे 17 निजी विश्वविद्यालय सहित 177 निजी कॉलेज में आयोग का एक्शन भी शुरू हो चुका है. आयोग के पास संस्थानों से जुड़ी 150 शिकायतें पहुंची है. इन शिकायतों में ज्यादातर शिकायतें परीक्षाओं को ना करवाने, कर्मचारियों को वेतन ना देने और मूलभूत सुविधाओं के बिना ही निजी शिक्षण संस्थानों को चलाने को लेकर है.

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शिकायतों पर निजी शिक्षण संस्थानों पर जांच और कार्रवाई भी आयोग की ओर से शुरू कर दी गई है.150 शिकायतों में 6 निजी शिक्षण संस्थान शामिल है, जिसमें 4 विश्वविद्यालय, 2 कॉलेजों के खिलाफ छात्र व स्टॉफ ने शिकायतें की है. इन सभी शिकायतों के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को आयोग ने अक्तूबर में तलब भी किया है. इस दौरान विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को स्टॉफ के पेंडिग वेतन को समय पर देने या नहीं देने के बारे में बताना होगा.

वहीं, कोरोना काल के बीच राज्य के शिक्षण संस्थानों ने छात्रों से ट्यूशन फीस न लेकर बल्कि उनसे एक्स्ट्रा फीस भी वसूली है. ऐसे में अब इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए आयोग जल्द छात्रों, अभिभावकों के लिए व्हाट्स ऐप नंबर मुहैया करवाने जा रहा है. इस नंबर पर छात्र ऑनलाइन आयोग में फीस बढ़ोतरी पर शिकायत कर सकते है. ऑनलाइन आने वाली शिकायतों का आयोग तुरंत निपटारा करेगा.अब शिक्षण संस्थानों को छात्रों से वसूली फीस के बारे में पूरा विवरण ऑनलाइन भी देना होगा.

अतुल कौशिक ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों में पिछले साल हुए फर्जी डिग्री मामले की वजह से हिमाचल की छवी खराब हुई है. अब फर्जी डिग्री मामलों पर विशेष तौर पर आयोग कार्य करेगा. समय-समय पर हर शिक्षण संस्थान में जाकर निरीक्षण किया जाएगा. आयोग निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी रोकने के लिए अपनी शक्तियों का भी इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें आयोग नियमों की उल्लंघना करने पर निजी शिक्षण संस्थान पर एक करोड़ तक का जुर्माना पर कर सकता है.

इसके साथ ही बार-बार नियमों की उल्लंघना करने पर निजी संस्थानों को बंद करने की शक्ति भी आयोग के पास है. वहीं, अब निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधनों के साथ ही उनके ट्रस्ट से भी समय-समय पर बैठकें आयोजित की जाएंगी.

मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री मामले सामने आने के बाद एक एडमिनिस्ट्रेशन नियुक्त किया गया है, जो वहां की व्यवस्थाओं को देखेगा. वहीं, वर्तमान में यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे करीब 1,500 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन छात्रों के भविष्य को लेकर सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा. इस संस्थान में पढ़ने वाले छात्र दूसरे शिक्षण संस्थान में दाखिला ले सकेंगे. इसको लेकर सरकार को प्रपोजल भेज दिया है.

इसके साथ ही प्रदेश में बहारा यूनिवर्सिटी और बद्दी यूनिवर्सिटी में भी शिक्षकों को वेतन ना देने के मामले में शिकायत मिली है. वहीं, हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड होटल के साथ ही बेल्स इंस्टीट्यूट पर भी कार्रवाई आयोग की ओर से की जा रही है.

इंजीनियरिंग की सीटें बढ़ाने और भरने को लेकर किया जाएगा प्रयास

प्रदेश में इंजीनियरिंग कोर्स में छात्रों की कम होती रुचि को देखकर आयोग की ओर से छात्रों की रुचि को इस विषय में बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. प्रदेश में इंजीनियरिंग की खाली रह रही सीटों को भरने को लेकर भी आयोग संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा.

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