शिमला: राजधानी शिमला में बारिश ने जमकर कहर बरसाया है, शहर में जगह-जगह लैंडस्लाइड होने से पेड़ गिरे हैं. वहीं, जमीन धंसने से सड़कों पर दरारें पड़ रही हैं. जिससे भवनो को भी खतरा पैदा हो गया. कई इलाकों में लोग अपने भवन खाली कर रहे हैं. वहीं, शिमला के संजौली क्षेत्र में भी काली ढांक के पास भी कई घर खतरे की जद में आ गए हैं. यहां घरों में दरारें आने के साथ ही जमीन धंस रही है, जिससे लोग अपने घरों में खौफ के साये में रह रहे हैं और लोग अब अपने आशियाने को खाली करने पर मजबूर हो गए है.
भवनों को खाली कर रहे लोग: बताया जा रहा है कि लोग घरों को खाली करने लगे हैं. यही नहीं शुक्रवार को लोगों ने चार भवनों को खाली कर दिया है. वहीं, कई लोगों ने घरों से सामान निकाल दिया है और अपने रिश्तेदारों के पास जाने लगे हैं, साथ ही कई लोग अब किराए के भवनों में रहने लगे है. बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में करीब 15 घर ऐसे हैं जिन में दरारें आई है. वहीं, सड़क पर पानी की निकासी सही न होने से इस क्षेत्र में जमीने धंस रही है और एक भवन गिरने की कगार पर है, जिससे अन्य भवनों को भी खतरा बना हुआ है.
पूरा क्षेत्र बना सीकिंग जोन: भवन मालिक वासुदेव और अनुपम ठाकुर का कहना है कि यहां पर एक भवन गिरने की कगार पर है और यदि ये भवन गिरता है तो 15 भवन भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. उन्होंने बताया कि यहां सड़क से पानी का रिसाव हो रहा है और पूरा क्षेत्र सीकिंग जोन बन गया है. जमीन धंसने से खतरा और भी बढ़ गया है. बता दें, राजधानी शिमला में हुए बारिश से भारी नुकसान देखने को मिल रहा है. जगह-जगह भवनों को खतरा पैदा हो गया है और लोग घरो को खाली करने को मजबूर हो गए हैं. समरहिल कृष्ना नगर फागली सहित कई हिस्सों में भवनों में दरारें आ गई है ऐसे में लोग अपने घरों को छोड़ कर किराए के भवनों में रहने को मजबूर हो गए हैं.