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शिमला: माकपा शिमला शहरी कमेटी द्वारा नागरिकता (संशोधन) बिल के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया. माकपा ने सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की.
सीपीआई (एम) ने प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ रहे आक्रोश एवं असंतोष के मद्देनजर सरकार से इस विधेयक को संसद से पारित कराने की दिशा में आगे पहल नहीं करने की अपील की है. माकपा ने सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की.
प्रदर्शन करते माकपा कार्यकर्ता.
कुलदीप तंवर ने इस प्रस्तावित कानून को देश की एकता और अखण्डता के लिए नुकसानदायक बताते हुए समान विचारधारा वाले सभी दलों और संगठनों से पार्टी के आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के भारत आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के प्रावधान वाले प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा से पारित कर दिया गया है.
कुलदीप तंवर ने कहा यह विधेयक जाति, पंथ, लिंग, जातीयता, संस्कृति के नाम पर भेदभाव किए बिना नागरिकता देने के सामान्य आधार का उल्लंघन करती है. धार्मिक आधार पर इस पहचान के प्रस्ताव की वजह से विविधता में एकता को खतरा पैदा हुआ है.
माकपा ने नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ बोला हल्ला
शिंमला।
माकपा शिमला शहरी कमेटी द्वारा नागरिकता (संशोधन) बिल के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर धरना प्रदर्शन किया। माकपा राज्य सचिव ओंकार शाद, राज्य सचिवालय सदस्य कुलदीप सिंह तंवर, जगत राम, विजेंद्र मेहरा व बलबीर पराशर ने धरना प्रदर्शन को सम्बोधित किया।
सीपीआई(एम) ने प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ रहे आक्रोश एवं असंतोष के मद्देनजर सरकार से इस विधेयक को संसद से पारित कराने की दिशा में आगे पहल नहीं करने की अपील की है। माकपा ने सरकार से नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की। कुलदीप तनवर ने इस प्रस्तावित कानून को देश की एकता और अखण्डता के लिए नुकसानदायक बताते हुए समान विचारधारा वाले सभी दलों और संगठनों से पार्टी के आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के भारत आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के प्रावधान वाले प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा से पारित कर दिया गया है. यह विधेयक अभी राज्यसभा में लंबित है. यह विधेयक जाति, पंथ, लिंग, जातीयता, संस्कृति के नाम पर भेदभाव किए बिना नागरिकता देने के सामान्य आधार का उल्लंघन करती है। धार्मिक आधार पर इस पहचान के प्रस्ताव की वजह से विविधता में एकता को खतरा पैदा हुआ है।
प्रदर्शन मे CPIM राज्य सचिव ओंकार शाद, राज्य सचिवालय सदस्य कुलदीप सिंह तंवर, राज्य कमेटी सदस्य जगत राम, विजेंद्र मेहरा, शहरी सचिव बलबीर पराशर, बाबू राम, चंद्रकांत वर्मा, डा. रीना तंवर, जगमोहन ठाकुर, बालक राम, उतम चौहान, कपिल शर्मा, हेम राज, सोनिया सब्रवाल, विरेंद्र, रजनी, अश्वनी, ईश्वर, रजनीश, पूर्ण, जावेद, सौरव कौंडल, दीप, अनील, राकेश आदि मौजूद थे।