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सफेद पोशाक की गरिमा! इमरजेंसी में देर रात कोविड मरीज की सर्जरी, न्यूरो सर्जन जनक की टीम ने दिया जीवनदान - कोरोना संक्रमित

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के एमएस व विख्यात न्यूरो सर्जन जनक राज की टीम ने कोरोना संक्रमित की जान बचा ली. आइजीएमसी के एमएस जनक राज ने ईटीवी से विशेष बातचीत में बताया कि 14 मई की शाम को बिलासपुर से एक मरीज को रेफर किया गया था. मरीज के सिर में गंभीर चोट लगी थी. मरीज का ऑपरेशन करना बहुत जरूरी था. मरीज की जिंदगी को खतरे में देखते हुए टीम ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया था.

covid patient surgeroy in igmc shimla
फोटो.
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Published : May 20, 2021, 7:34 PM IST

Updated : May 20, 2021, 10:06 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के इस भयावह माहौल में मौत का मंजर नजर आ रहा है, लेकिन धरती पर सफेद पोशाक की गरिमा के सजग प्रहरी कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं. विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश के डॉक्टर ,नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के साथ साथ इमरजेंसी में जटिल ऑपरेशन भी कर रहे हैं.

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के एमएस व विख्यात न्यूरो सर्जन जनक राज के नेतृत्व में एक ऐसा ही ऑपरेशन हुआ है. इस ऑपरेशन ने कोरोना संक्रमित की जान बचा ली. आइजीएमसी के एमएस जनक राज ने ईटीवी से विशेष बातचीत में बताया कि 14 मई की शाम को बिलासपुर से एक मरीज को रेफर किया गया था. मरीज के सिर में गंभीर चोट लगी थी. मरीज का ऑपरेशन करना बहुत जरूरी था. रैपिड टेस्ट में मरीज कोरोना संक्रमित पाया गया.

वीडियो.

डॉक्टरों ने स्वीकार की चुनौती

मरीज के कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. इसके बाद मरीज को कोविड ओटी में शिफ्ट किया गया. लभग 2 घण्टे रात 12 बजे तक चले ऑपरेशन में मरीज के सिर का ऑपरेशन करके उसकी जान बचाई गई. डॉ. जनक राज ने बताया कि यदि मरीज का समय पर ऑपरेशन न किया जाता तो उसका बचना मुश्किल था. पीपीई किट पहन कर ऑपरेशन करना चुनौती भरा रहता है. कोरोना काल में 4 से 5 कोविड मरीजों के ऑपरेशन उन्होंने खुद किए हैं.

तीमारदारों ने किया डॉक्टरों का धन्यावाद

वहीं, मरीज के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मरीज की जान बचा ली. इसके लिए उन्होंने एमएस व उनकी टीम का धन्यवाद किया है. उनका कहना था कि धरती के भगवान ने उनके मरीज को नया जीवन दान दिया है.

डॉ. जनक निभा रहे दोहरी भूमिका

डॉ. जनक राज एमएस के साथ न्यूरो सर्जन की भूमिका भी निभा रहे हैं. आइजीएमसी में एमएस का पद काफी महत्वपूर्ण है. मरीजों के लिए व्यवस्था देखना और ओपीडी में मरीजों का चेकअप करना बड़ी चुनौती है. वर्तमान में भी उनकी ओपीडी में मरीज आते है उनका सही तरीके से इलाज किया जाता है. बता दें कि डॉ जनक राज बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से न्यूरो सर्जरी में एमसीएच डिग्री होल्डर हैं. एमसीएच में उन्हें गोल्ड मैडल भी मिला है.

ईसाई परिवार ने श्मशान घाट में दान कर दी मकान के लिए खरीदी लकड़ी, कहा: बाद में बना लेंगे घर

शिमला: कोरोना संकट के इस भयावह माहौल में मौत का मंजर नजर आ रहा है, लेकिन धरती पर सफेद पोशाक की गरिमा के सजग प्रहरी कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं. विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश के डॉक्टर ,नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के साथ साथ इमरजेंसी में जटिल ऑपरेशन भी कर रहे हैं.

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के एमएस व विख्यात न्यूरो सर्जन जनक राज के नेतृत्व में एक ऐसा ही ऑपरेशन हुआ है. इस ऑपरेशन ने कोरोना संक्रमित की जान बचा ली. आइजीएमसी के एमएस जनक राज ने ईटीवी से विशेष बातचीत में बताया कि 14 मई की शाम को बिलासपुर से एक मरीज को रेफर किया गया था. मरीज के सिर में गंभीर चोट लगी थी. मरीज का ऑपरेशन करना बहुत जरूरी था. रैपिड टेस्ट में मरीज कोरोना संक्रमित पाया गया.

वीडियो.

डॉक्टरों ने स्वीकार की चुनौती

मरीज के कोरोना संक्रमित होने के बाद डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. इसके बाद मरीज को कोविड ओटी में शिफ्ट किया गया. लभग 2 घण्टे रात 12 बजे तक चले ऑपरेशन में मरीज के सिर का ऑपरेशन करके उसकी जान बचाई गई. डॉ. जनक राज ने बताया कि यदि मरीज का समय पर ऑपरेशन न किया जाता तो उसका बचना मुश्किल था. पीपीई किट पहन कर ऑपरेशन करना चुनौती भरा रहता है. कोरोना काल में 4 से 5 कोविड मरीजों के ऑपरेशन उन्होंने खुद किए हैं.

तीमारदारों ने किया डॉक्टरों का धन्यावाद

वहीं, मरीज के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मरीज की जान बचा ली. इसके लिए उन्होंने एमएस व उनकी टीम का धन्यवाद किया है. उनका कहना था कि धरती के भगवान ने उनके मरीज को नया जीवन दान दिया है.

डॉ. जनक निभा रहे दोहरी भूमिका

डॉ. जनक राज एमएस के साथ न्यूरो सर्जन की भूमिका भी निभा रहे हैं. आइजीएमसी में एमएस का पद काफी महत्वपूर्ण है. मरीजों के लिए व्यवस्था देखना और ओपीडी में मरीजों का चेकअप करना बड़ी चुनौती है. वर्तमान में भी उनकी ओपीडी में मरीज आते है उनका सही तरीके से इलाज किया जाता है. बता दें कि डॉ जनक राज बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से न्यूरो सर्जरी में एमसीएच डिग्री होल्डर हैं. एमसीएच में उन्हें गोल्ड मैडल भी मिला है.

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Last Updated : May 20, 2021, 10:06 PM IST
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