शिमला : कोरोना वायरस की कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने के लिए अब कोविड-19 टेस्ट का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है. प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अब दूर दराज के क्षेत्र से सैम्पल पहुंचाने के लिए विशेष गाड़ियों का प्रबंध किया गया है.
प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में दाखिल गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों की भी अब नियमित जांच की जाएगी. अगर जरूरी हुआ तो इन मरीजों के भी कोविड 19 टेस्ट किये जायेंगे. इसके अलावा विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में सभी फुल क्लिनिक से प्रतिदिन चिह्नित लोगों की जांच की जाएगी. शुगर, दमा, कैंसर रोगों से ग्रसित जिनमें खांसी, जुखाम, बुखार जैसे लक्षण होंगे उनकी भी कोविड 19 जांच की जाएगी.
केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार डायलिसिस करवाने जा रहे मरीजों के अस्पताल जाने के दस्तावेजों को पास की तरह माना जाएगा. ऐसे मरीजों के अस्पतालों के दस्तावेज पास के रूप में डायलिसिस केंद्र तक जाने और वहां से लौटने के लिए मान्य होंगे. हिमाचल सरकार ने संबंधित गाइडलाइन सभी सीएमओ, चिकित्सा अधीक्षकों और डीसी को भेज दी है.
राज्य सरकारों को इस तरह के हीमो डायलिसिस सुविधाएं ईयर मार्क करने के भी निर्देश दिए हैं, जहां पर पर्याप्त संख्या में डायलिसिस मशीनें हों और प्रशिक्षित स्टाफ हो. निर्देशों के अनुसार गुर्दे के रोगी, जो डायलिसिस पर हैं वे वायरस की ज्यादा चपेट में आ सकते हैं. अगर ऐसे मरीज कोरोना वायरस की चपेट में आते हैं तो उस स्थिति में उनके डायलिसिस केंद्रों में संक्रमण को रोकने के तमाम इंतजाम किए जाएं.