ठियोग: वैश्विक महामारी कोरोना के बचाव को लेकर को लेकर सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण मंगलवार को उस समय देखने को मिला जब कोटखाई से रेयोघाटी शिमला रूट पर चलने वाली एक बस में सवार एक परिवहन निगम का कर्मचारी जो की मंडी का रहने वाला है पॉजिटिव होने पर भी सफर कर रहा था.
कर्मचारी का आज ही कोटखाई में टेस्ट हुआ था जिसकी रिपोर्ट करीब 2 घंटे बाद आई, लेकिन तब तक व्यक्ति घर निकल चुका था. कर्मचारी इस दौरान बस में बैठकर ठियोग तक पहुंच गया और रास्ते में उसे पता लगा कि वह पॉजिटिव है. बात की गंभीरता को देखते हुए सूचना मिलने पर जब बस में पूछताछ की गई तो पता चला कि यह व्यक्ति निगम में कंडक्टर के तौर पर कार्यरत है. जिसका कोटखाई में कोरोना टेस्ट हुआ था.
बस में सवारियां भी सफर कर रहीं थी
ऐसे में सवाल उठता है कि रेयोघाटी शिमला बस में अन्य सवारियां भी सफर कर रही थी जिससे संक्रमण का भी खतरा था और हालांकि पॉजिटिव व्यक्ति बस की फ्रंट सीट पर बैठा था. जिसके बाद निगम कर्मचारी ठियोग बस स्टैंड में उतर गया और अपने करीब आने वाले लोगों को भी सचेत करता रहा कि वह पॉजिटिव है. उससे दूरी बनाए रखें.
कर्मचारी को शिमला में आइसोलेशन के लिए भेजा गया
करीब डेढ़ घंटा बारिश के बीच भी व्यक्ति बस अड्डे में एक किनारे बैठा रहा और अपने अधिकारियों से संपर्क करने लगा. मामले की सूचना एसडीएम ठियोग सौरभ जस्सल को भी दी गई. जिसके उपरांत करीब डेढ़ घंटे बाद विभाग द्वारा निगम की बस के जरिए पॉजिटिव कर्मचारी को शिमला में आइसोलेशन के लिए भेजा गया है.
बहरहाल कारोना के बढ़ते मामलों के बीच इस तरह की लापरवाही स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर कई सवाल खड़े करती है कि जब तक किसी की रिपोर्ट नहीं आ जाती व्यक्ति को कहीं आने जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए थी और इस तरह से की गई लापरवाही कई लोगों पर भारी पड़ सकती है.
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