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हिमाचल के सभी राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को जल्द मिलेंगी दालें, टेंडर प्रक्रिया पूरी - दाल

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अप्रैल व मई माह में डिपो में उपभोक्ताओं को मिलने वाली दालों के टेंडर कर लिए हैं. टेंडर के बाद अब सप्ताह भर में प्रदेश के प्रत्येक राशन डिपो में उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दालें मिलेंगी. डिपो में दाल चना 35 रुपए, मलका 30, मूंग साबुत 40 तथा उड़द की दाल 35 रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगी. सनद रहे कि पहले भी डिपो में इसी कीमत पर उपभोक्ताओं को दालें मिल रही थी.

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Published : Jul 18, 2019, 9:26 PM IST

शिमला: प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति निगम के डिपो में दालें जल्द उपभोक्ताओं को मिलेंगी. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दालों के टेंडर कर लिए हैं. बाजार में दालों की कीमतों में इजाफा होने के बावजूद डिपो में पुरानी कीमतों पर ही सस्ती दालें उपभोक्ताओं को मिलेंगी. प्रदेश में पिछले दो माह से राशन के डिपो में लोगो को दालें नहीं मिल रही थी.

प्रदेश में करीब 16 लाख ई-राशन कार्ड धारक हैं. बाजार में दालों व खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते विगत में सरकार ने उपभोक्ताओं को सस्ते राशन के डिपो में प्रति कार्ड तीन किलो दाल देने का फैसला लिया. फैसले को धरातल पर उतारने के लिए बाकायदा सरकार बजट में उपदान की राशि का प्रावधान करती है.

जयराम सरकार ने तीन की जगह चार किलो दाल प्रति कार्ड देने का निर्णय लेते हुए इसे अमलीजामा पहनाया. मगर बीते करीब दो माह से राशन डिपो से दालें नदारद थी. समय पर टेंडर न होने की वजह से डिपो में उपभोक्ताओं को दालें नहीं मिल रही थी.

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अप्रैल व मई माह में डिपो में उपभोक्ताओं को मिलने वाली दालों के टेंडर कर लिए हैं. टेंडर के बाद अब सप्ताह भर में प्रदेश के प्रत्येक राशन डिपो में उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दालें मिलेंगी. डिपो में दाल चना 35 रुपए, मलका 30, मूंग साबुत 40 तथा उड़द की दाल 35 रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगी. सनद रहे कि पहले भी डिपो में इसी कीमत पर उपभोक्ताओं को दालें मिल रही थी.

ओंकार शर्मा ने बताया कि किन्ही कारणों से दालों के टेंडर में देरी हुई, मगर अब टेंडर हो गए हैं. जून और जुलाई माह की दालों के टेंडर भी जल्द किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि डिपो में राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी.

ई-राशन कार्ड से रुकी खाद्यानों की कालाबाजारी
प्रदेश सरकार ने सभी राशन कार्डों को ई राशन कार्ड में तब्दील कर दिया है. ई राशन कार्ड बनने से डिपो से राशन की कालाबाजारी रुक गई है. इसकी वजह से राशन खरीदते वक्त कार्ड धारक की अंगूठे का निशान लगना है. अंगूठे का निशान लगने की वजह से कोई भी व्यक्ति दूसरे कार्ड धारक के हिस्से का राशन नहीं खरीद सकता. न ही डिपो होल्डर इसे बाजार में बेच पाएगा.

शिमला: प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति निगम के डिपो में दालें जल्द उपभोक्ताओं को मिलेंगी. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दालों के टेंडर कर लिए हैं. बाजार में दालों की कीमतों में इजाफा होने के बावजूद डिपो में पुरानी कीमतों पर ही सस्ती दालें उपभोक्ताओं को मिलेंगी. प्रदेश में पिछले दो माह से राशन के डिपो में लोगो को दालें नहीं मिल रही थी.

प्रदेश में करीब 16 लाख ई-राशन कार्ड धारक हैं. बाजार में दालों व खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते विगत में सरकार ने उपभोक्ताओं को सस्ते राशन के डिपो में प्रति कार्ड तीन किलो दाल देने का फैसला लिया. फैसले को धरातल पर उतारने के लिए बाकायदा सरकार बजट में उपदान की राशि का प्रावधान करती है.

जयराम सरकार ने तीन की जगह चार किलो दाल प्रति कार्ड देने का निर्णय लेते हुए इसे अमलीजामा पहनाया. मगर बीते करीब दो माह से राशन डिपो से दालें नदारद थी. समय पर टेंडर न होने की वजह से डिपो में उपभोक्ताओं को दालें नहीं मिल रही थी.

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अप्रैल व मई माह में डिपो में उपभोक्ताओं को मिलने वाली दालों के टेंडर कर लिए हैं. टेंडर के बाद अब सप्ताह भर में प्रदेश के प्रत्येक राशन डिपो में उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दालें मिलेंगी. डिपो में दाल चना 35 रुपए, मलका 30, मूंग साबुत 40 तथा उड़द की दाल 35 रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगी. सनद रहे कि पहले भी डिपो में इसी कीमत पर उपभोक्ताओं को दालें मिल रही थी.

ओंकार शर्मा ने बताया कि किन्ही कारणों से दालों के टेंडर में देरी हुई, मगर अब टेंडर हो गए हैं. जून और जुलाई माह की दालों के टेंडर भी जल्द किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि डिपो में राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी.

ई-राशन कार्ड से रुकी खाद्यानों की कालाबाजारी
प्रदेश सरकार ने सभी राशन कार्डों को ई राशन कार्ड में तब्दील कर दिया है. ई राशन कार्ड बनने से डिपो से राशन की कालाबाजारी रुक गई है. इसकी वजह से राशन खरीदते वक्त कार्ड धारक की अंगूठे का निशान लगना है. अंगूठे का निशान लगने की वजह से कोई भी व्यक्ति दूसरे कार्ड धारक के हिस्से का राशन नहीं खरीद सकता. न ही डिपो होल्डर इसे बाजार में बेच पाएगा.

Intro:प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति निगम के डिपो में दालें जल्द उपभोक्ताओं को मिलेंगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दालों के टेंडर कर लिए हैं। बाजार में दालों की कीमतों में इजाफा होने के बावजूद डिपो में पुरानी कीमतों पर ही सस्ती दालें उपभोक्ताओं को मिलेंगी। प्रदेश में पिछले दो माह से राशन के डिपो में लोगो को दालें नही मिल रही थी !
प्रदेश में करीब 16 लाख ई राशन कार्ड धारक हैं। बाजार में दालों व खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते विगत में सरकार ने उपभोक्ताओं को सस्ते राशन के डिपो में प्रति कार्ड तीन किलो दाल देने का फैसला लिया। फैसले को धरातल पर उतारने के लिए बाकायदा सरकार बजट में उपदान की राशि का प्रावधान करती है। जयराम सरकार ने तीन की जगह चार किलो दाल प्रति कार्ड देने का निर्णय लेते हुए इसे अमलीजामा पहनाया। मगर बीते करीब दो माह से राशन डिपो से दालें नदारद थी। समय पर टेंडर न होने की वजह से डिपो में उपभोक्ताओं को दालें नहीं मिल रही थी।Body:खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अप्रैल व मई माह में डिपो में उपभोक्ताओं को मिलने वाली दालों के टेंडर कर लिए हैं। टेंडर के बाद अब सप्ताह भर में प्रदेश के प्रत्येक राशन डिपो में उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दालें मिलेंगी। डिपो में दाल चना 35 रुपए, मलका 30, मूंग साबुत 40 तथा उड़द की दाल 35 रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगी। सनद रहे कि पहले भी डिपो में इसी कीमत पर उपभोक्ताओं को दालें मिल रही थी। ओंकार शर्मा ने बताया कि किन्ही कारणों से दालों के टेंडर मे ंदेरी हुई, मगर अब टेंडर हो गए हैं। जून तथा जुलाई माह की दालों के टेंडर भी जल्द किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि डिपो में राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी।



Conclusion:

ई राशन कार्ड से रुकी खाद्यानों की कालाबाजारी

प्रदेश सरकार ने सभी राशन कार्डों को ई राशन कार्ड में तब्दील कर दिया है। ई राशन कार्ड बनने से डिपो से राशन की कालाबाजारी रुक गई है। इसकी वजह से राशन खरीदते वक्त कार्ड धारक की अंगूठे का निशान लगना है। अंगूठे का निशान लगने की वजह से कोई भी व्यक्ति दूसरे कार्ड धारक के हिस्से का राशन नहीं खरीद सकता। न ही डिपो होल्डर इसे बाजार में बेच पाएगा।
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