नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (डीओटी) भारत संचार निगम (बीएसएनएल) में दूसरी वीआरएस लागू करने के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी मांगेगा. Fसका उद्देश्य सरकारी दूरसंचार ऑपरेटर के कर्मचारियों की संख्या में 35 फीसदी की कटौती करना और इसकी बैलेंस शीट में सुधार करना है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएल ने वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) शुरू करने से जुड़े खर्चों को पूरा करने के लिए नॉर्थ ब्लॉक से 15,000 करोड़ रपये मांगे हैं. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएल के बोर्ड ने दूरसंचार विभाग को वीआरएस के जरिए कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 18,000 से 19,000 तक कम करने का प्रस्ताव भेजा है. ताकि इसकी बैलेंस शीट को दुरुस्त किया जा सके.
बता दें कि आरटीआई के अनुसार 30 जून 2024 तक बीएसएनएल में 56,820 कर्मचारियों है.
सरकारी स्वामित्व वाली यह अपने कर्मचारियों के वेतन पर लगभग 7,500 करोड़ रुपये खर्च करती है, जो कि रेवेन्यू का लगभग 38 फीसदी है. इसे घटाकर 5,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष करने की योजना है. इसने संचार मंत्रालय के कहने पर कर्मचारियों की संख्या में कटौती का प्रस्ताव रखा है, जिसे वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद कैबिनेट की मंजूरी लेनी होगी.
सोमवार को बीएसएनएल बोर्ड ने अपने कर्मचारियों के वेतन बिल को कम करने के लिए वीआरएस कार्यक्रम को मंजूरी दे दी, खासकर तब जब कंपनी ने अभी तक राष्ट्रीय स्तर पर 4 जी सेवाएं शुरू नहीं की हैं. हालांकि बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वीआरएस योजना पर अभी भी आंतरिक रूप से चर्चा की जा रही है. और अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक बीएसएनएल से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं मिला.