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सीतारमण ने मोदी के दूसरे घर को नहीं दिया कोई तोहफा, CM जयराम को फिर भी करनी पड़ी तारीफ - हिमाचल प्रदेश न्यूज

पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे. मौजूदा प्रधानमंत्री भी हिमाचल के लिए यही बात कहते आए हैं, लेकिन इन कद्दावर नेताओं के दूसरे घर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से कोई तोहफा नहीं मिला. केंद्रीय बजट स्टेट स्पेसेफिक न होने के बावजूद केंद्र सरकार ने पश्चिमी बंगाल और आसाम आदि को कई तोहफे दिए हैं, लेकिन हिमाचल जैसे आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे राज्य की तरफ कोई नजरें इनायत नहीं हुई हैं.

CM Jairam Thakur on Union Budget, केंद्रीय बजट पर सीएम जयराम ठाकुर
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Published : Feb 1, 2021, 9:34 PM IST

शिमला: पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे. मौजूदा प्रधानमंत्री भी हिमाचल के लिए यही बात कहते आए हैं, लेकिन इन कद्दावर नेताओं के दूसरे घर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से कोई तोहफा नहीं मिला. न तो सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेल मार्ग का जिक्र है और न ही कोई अन्य पैकेज.

केंद्रीय बजट स्टेट स्पेसेफिक न होने के बावजूद केंद्र सरकार ने पश्चिमी बंगाल और आसाम आदि को कई तोहफे दिए हैं, लेकिन हिमाचल जैसे आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे राज्य की तरफ कोई नजरें इनायत नहीं हुई हैं. जैसे कि रवायत है कि अपनी पार्टी की सरकार के बजट को अच्छा बताना ही होता है.

सीएम जयराम ठाकुर को भी इसकी तारीफ करनी पड़ी. परंतु अहम बात ये है कि साठ हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबे प्रदेश को आर्थिक संजीवनी कहां से मिलेगी? ये सही है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है और देश भर में सौ सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान है, लेकिन हिमाचल की मांगें नक्कारखाने की तूती बनकर रह गईं.

'हिमाचल के हितों की पैरवी तो जरूर की होगी'

इस बात से भी देवभूमि को निराशा हुई है कि वित्त मंत्रालय में हिमाचल नूं छोकरो (पीएम मोदी ने अनुराग के लिए कहा था) राज्यमंत्री हैं. उन्होंने हिमाचल के हितों की पैरवी तो जरूर की होगी. देखना ये है कि सौ सैनिक स्कूलों में से एकाध हिमाचल के हिस्से आता है या नहीं?

हिमाचल की सरकार और जनता को उम्मीद थी कि केंद्रीय बजट में सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली- लेह के साथ साथ मंडी में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण के लिए ऐलान होगा. हवाई अड्डा निर्माण का मामला तो सीएम जयराम ठाकुर ने निजी तौर पर 15वें वित्तायोग के अध्यक्ष एनके सिंह से भी उठाया था.

हिमाचल को कुछ न मिला

रेल कनेक्टिविटी हिमाचल की एक अन्य उम्मीद थी. बड़े राज्यों को तो कई कुछ मिला, लेकिन हिमाचल को कुछ न मिला. रेलवे को लेकर पश्चिम बंगाल, असम व तमिलनाडू का उल्लेख जोर-शोर से हुआ है. हिमाचल में किसी नई रेललाइन को बिछाने का उल्लेख नहीं है. सिर्फ पहले से चल रही योजनाओं पर ही बजट में ध्यान देने की बात कही गई है. एयरपोर्ट और नेशनल हाइवे प्रोजैक्ट में भी हिमाचल के हाथ खाली रहे हैं.

बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने टैक्सटाइल पार्क खोलने की घोषणा की है. इससे हिमाचल आशा कर सकता है. सीएम जयराम ठाकुर भी कह रहे हैं कि बजट में घोषित टैक्सटाइल पार्क हासिल करने के लिए उनकी सरकार कोशिश करेगी. हालांकि देश के पिछड़े जिलों में शामिल हिमाचल के चंबा जिला को आने वाले समय में ग्रांट मिलने से लाभ मिलेगा.

उद्योग जगत को थोड़ी राहत

बजट से उद्योग जगत को थोड़ी राहत मिली है. यह बजट भविष्य में भी उद्योग जगत के लिए रियायतें जारी रहने का संकेत कर रहा है. इसी तरह श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन योजना शुरू करने की घोषणा से असंगठित क्षेत्र में सेवाएं देने वाले करीब 1 लाख कामगारों को लाभ मिलेगा.

एमएसएमई सेक्टर को बजट में घोषित राहतों से हिमाचल में उद्योगों को फायदा होने की आशा बंधी है. आयकर की सीमा को न बढ़ाए जाने से कर्मचारियों के हाथ निराशा लगी है. बजट को लेकर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा के डबल इंजन का दावा पूरी तरह झूठा निकला है. बजट में प्रदेश की किसी भी योजना का कोई उल्लेख नहीं है. रेल विस्तार की दृष्टि से प्रदेश की अनदेखी हुई है.

अनुराग ठाकुर का कहना है कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है

इस तरह बजट पूरी तरह से दिशाहीन और बेरोजगारी को बढ़ाने वाला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि बजट सभी वर्गों को राहत देने वाला है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है. कोरोना काल में जान बचाने का काम सबसे जरूरी था और अब अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए ये बजट महत्वपूर्ण है. मनरेगा का बजट 73 हजार करोड़ है. कृषि पर भी ध्यान दिया है. कृषि सेस लगाया गया है.

'कर्मचारियों ने ना कुछ खोया और ना ही कुछ पाया'

उन्होंने कहा कि आंकड़ों से साफ है कि हर तिमाही में ग्रोथ दर्ज की गई है. चार महीने से जीएसटी क्लेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक है. वहीं, हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि इस बजट से कर्मचारियों ने ना कुछ खोया और ना ही कुछ पाया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को आयकर छूट की सीमा में बढ़ोतरी की आशा थी. जिला शिमला पैंशनर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने बजट को निराशाजनक बताया है.

ये भी पढ़ें- न दशा न ही दिशा, हिमाचल के लिए बजट दुर्भाग्यपूर्णः वीरभद्र सिंह

शिमला: पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे. मौजूदा प्रधानमंत्री भी हिमाचल के लिए यही बात कहते आए हैं, लेकिन इन कद्दावर नेताओं के दूसरे घर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से कोई तोहफा नहीं मिला. न तो सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेल मार्ग का जिक्र है और न ही कोई अन्य पैकेज.

केंद्रीय बजट स्टेट स्पेसेफिक न होने के बावजूद केंद्र सरकार ने पश्चिमी बंगाल और आसाम आदि को कई तोहफे दिए हैं, लेकिन हिमाचल जैसे आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे राज्य की तरफ कोई नजरें इनायत नहीं हुई हैं. जैसे कि रवायत है कि अपनी पार्टी की सरकार के बजट को अच्छा बताना ही होता है.

सीएम जयराम ठाकुर को भी इसकी तारीफ करनी पड़ी. परंतु अहम बात ये है कि साठ हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबे प्रदेश को आर्थिक संजीवनी कहां से मिलेगी? ये सही है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है और देश भर में सौ सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान है, लेकिन हिमाचल की मांगें नक्कारखाने की तूती बनकर रह गईं.

'हिमाचल के हितों की पैरवी तो जरूर की होगी'

इस बात से भी देवभूमि को निराशा हुई है कि वित्त मंत्रालय में हिमाचल नूं छोकरो (पीएम मोदी ने अनुराग के लिए कहा था) राज्यमंत्री हैं. उन्होंने हिमाचल के हितों की पैरवी तो जरूर की होगी. देखना ये है कि सौ सैनिक स्कूलों में से एकाध हिमाचल के हिस्से आता है या नहीं?

हिमाचल की सरकार और जनता को उम्मीद थी कि केंद्रीय बजट में सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली- लेह के साथ साथ मंडी में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण के लिए ऐलान होगा. हवाई अड्डा निर्माण का मामला तो सीएम जयराम ठाकुर ने निजी तौर पर 15वें वित्तायोग के अध्यक्ष एनके सिंह से भी उठाया था.

हिमाचल को कुछ न मिला

रेल कनेक्टिविटी हिमाचल की एक अन्य उम्मीद थी. बड़े राज्यों को तो कई कुछ मिला, लेकिन हिमाचल को कुछ न मिला. रेलवे को लेकर पश्चिम बंगाल, असम व तमिलनाडू का उल्लेख जोर-शोर से हुआ है. हिमाचल में किसी नई रेललाइन को बिछाने का उल्लेख नहीं है. सिर्फ पहले से चल रही योजनाओं पर ही बजट में ध्यान देने की बात कही गई है. एयरपोर्ट और नेशनल हाइवे प्रोजैक्ट में भी हिमाचल के हाथ खाली रहे हैं.

बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने टैक्सटाइल पार्क खोलने की घोषणा की है. इससे हिमाचल आशा कर सकता है. सीएम जयराम ठाकुर भी कह रहे हैं कि बजट में घोषित टैक्सटाइल पार्क हासिल करने के लिए उनकी सरकार कोशिश करेगी. हालांकि देश के पिछड़े जिलों में शामिल हिमाचल के चंबा जिला को आने वाले समय में ग्रांट मिलने से लाभ मिलेगा.

उद्योग जगत को थोड़ी राहत

बजट से उद्योग जगत को थोड़ी राहत मिली है. यह बजट भविष्य में भी उद्योग जगत के लिए रियायतें जारी रहने का संकेत कर रहा है. इसी तरह श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन योजना शुरू करने की घोषणा से असंगठित क्षेत्र में सेवाएं देने वाले करीब 1 लाख कामगारों को लाभ मिलेगा.

एमएसएमई सेक्टर को बजट में घोषित राहतों से हिमाचल में उद्योगों को फायदा होने की आशा बंधी है. आयकर की सीमा को न बढ़ाए जाने से कर्मचारियों के हाथ निराशा लगी है. बजट को लेकर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा के डबल इंजन का दावा पूरी तरह झूठा निकला है. बजट में प्रदेश की किसी भी योजना का कोई उल्लेख नहीं है. रेल विस्तार की दृष्टि से प्रदेश की अनदेखी हुई है.

अनुराग ठाकुर का कहना है कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है

इस तरह बजट पूरी तरह से दिशाहीन और बेरोजगारी को बढ़ाने वाला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि बजट सभी वर्गों को राहत देने वाला है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है. कोरोना काल में जान बचाने का काम सबसे जरूरी था और अब अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए ये बजट महत्वपूर्ण है. मनरेगा का बजट 73 हजार करोड़ है. कृषि पर भी ध्यान दिया है. कृषि सेस लगाया गया है.

'कर्मचारियों ने ना कुछ खोया और ना ही कुछ पाया'

उन्होंने कहा कि आंकड़ों से साफ है कि हर तिमाही में ग्रोथ दर्ज की गई है. चार महीने से जीएसटी क्लेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक है. वहीं, हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि इस बजट से कर्मचारियों ने ना कुछ खोया और ना ही कुछ पाया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को आयकर छूट की सीमा में बढ़ोतरी की आशा थी. जिला शिमला पैंशनर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने बजट को निराशाजनक बताया है.

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