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सेब सीजन के लिए तैयारियां शुरू, सीएम ने की समीक्षा बैठक

हिमाचल प्रदेश में शुरू होने वाले सेब सीजन के लिए सीएम जयराम ने तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम जयराम ने सभी विभागीय अधिकारियों को व्यापक प्रबंध करने के निर्देश जारी किए. साथ ही कहा कि इस बार राज्य के किसानों को फायदा होगा क्योंकि बाकी जगह कोविड-19 के कारण सेब उत्पादन में मुश्किल होगी.

cm jairam thakur
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Published : Jun 27, 2020, 10:21 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 3:38 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सेब सीजन की तैयारियों की समीक्षा बैठक की शनिवार को अध्यक्षता की. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सेब सीजन के लिए परिवहन और दूसरी व्यापक व्यवस्थाएं की जानी चाहिए. जिससे कोविड-19 महामारी बीच बागवानों को अपने उत्पाद मण्डियों तक ले जाने में असुविधा का सामना न करना पड़े.

1.20 करोड़ कार्टन हैं तैयार किए जा चुके

मुख्यमंत्री ने कहा कि फल उत्पादकों की सुविधा के लिए एचपीएमसी ने पैकेजिंग सामग्री जैसे कार्टन्स, सैपरेटर्स, ट्रे और अन्य संबंधित सामग्रियों की आपूर्ति के लिए 26 फर्में सूचीबद्ध की हैं. इन फर्मों की ओर से लगभग 1.20 करोड़ कार्टन तैयार किए जा चुके हैं.

आजादपुर मंडी और सोनीपत की गनौर मंडी में मिलेगी बिक्री सुविधा

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश बागवानी विभाग ने नई दिल्ली की आजादपुर मंडी और हरियाणा के सोनीपत की गनौर मंडी में उत्पादकों के लिए बिक्री सुविधा की व्यवस्था की है. लगभग 1.17 लाख मीट्रिक टन क्षमता के सीए स्टोर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सरकारी और निजी क्षेत्रों में चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा बागवानों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 32 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.

कानून व्यवस्था व सड़क सुविधा का रखें विशेष ध्यान

वहीं, लोक निर्माण विभाग को सेब उत्पाद क्षेत्रों में सड़कों और सम्पर्क मार्गों का उचित रख-रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जिससे वाहनों की आवाजाही सुचारू रहे. सेब के सीजन के दौरान कानून व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए और विभिन्न स्थानों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाने चाहिए, जिससे ट्रकों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की जा सके.

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि विभाग को उन ठेकेदारों के साथ बैठक भी करनी चाहिए, जो श्रमिकों को वापिस लाने के प्रयास कर रहे हैं. बागवानों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए, ताकि श्रमिकों की कमी के कारण बागवानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.

किसानों को क्लर स्प्रे के उपयोग से बचने के लिए भी प्रेरित किया जाए, क्योंकि इससे न केवल उन्हें अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी और साथ ही श्रमिकों की समस्या भी हल करने में मदद मिलेगी.

मजदूरों की हो वैकल्पिक व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाली श्रमिकों पर निर्भरता से बचना चाहिए. मजदूरों की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए. यदि आवश्यक हो तो राज्य सरकार देहरादून और अन्य स्थानों तक बसें भेजने पर भी विचार कर सकती है, जिससे नेपाली श्रमिकों को राज्य में लाया जा सके. राज्य में श्रमिकों को लाने के लिए नेपाल के सीमावर्ती जिलों के प्रशासन से भी बात की जानी चाहिए.

राज्य के किसानों को उनकी उपज का मिलेगा उचित मूल्य

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा क्योंकि इस वर्ष कोविड-19 संकट के कारण अन्य देशों से सेब का आयात इस वर्ष संभव नहीं होगा. यह बहुत आवश्यक है कि सेब को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए. राज्य के विभिन्न हिस्सों से सेब उत्पादक क्षेत्रों में श्रमिक लाने के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए. इससे न केवल नेपाली श्रमिकों पर उत्पादकों की निर्भरता कम होगी, बल्कि बागवानी करने वालों को भी सुविधा मिलेगी. एपीएमसी कृषि बाजार के पदाधिकारियों के आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा और संबंधित जिला अधिकारी उन्हें ट्रांजिट पास जारी करेंगे. एपीएमसी को सभी मण्डियों और व्यक्तिगत यार्डों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करना सुनिश्चित करेगा.

बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने दी जानकारी

बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बागवानी उद्योग से प्रतिवर्ष प्रदेश की आर्थिकी में 5000 करोड़ रुपये का योगदान होता है. मौजूदा सेब सीजन के दौरान लगभग 5.83 लाख मीट्रिक टन सेब उत्पादन की उम्मीद है.

राज्य सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब का समर्थन मूल्य 8 रुपये से बढ़ाकर 8.50 रुपये प्रति किलोग्राम किया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में एंटी हेल नेट संरचना के निर्माण को प्रोत्साहित के लिए कुशे योजना शुरू की है.

मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद किया कि बागवानी उत्पादकों को उनके उत्पाद के विपणन में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. उत्पाद के परिवहन, श्रमिकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी मुख्यमंत्री से आग्रह किया. सिरमौर व चंबा जिलों से वैकल्पिक श्रमिक उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जांए. साथ ही सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मार्केट यार्डों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने की आवश्यकता पर बल दिया.

हिमफैड अध्यक्ष गणेश दत्त

वहीं, हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने कहा कि सेब की खरीद के लिए सरकार के स्थापित क्लेक्शन एंड प्रोक्योरमेंट केन्द्रों में होमगार्ड के जवानों को तैनात किए जाने की बात कही. निदेशक बागवानी डाॅ. एमएम शर्मा ने कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत सेब को मण्डियों तक पहुंचाने की तैयारियों के संबंध में एक विस्तृत प्रस्तुति दी.

पढ़ें: आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल: जंगलों में बने दड़बों में 6 महीने बिताते हैं ये पशुपालक

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सेब सीजन की तैयारियों की समीक्षा बैठक की शनिवार को अध्यक्षता की. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सेब सीजन के लिए परिवहन और दूसरी व्यापक व्यवस्थाएं की जानी चाहिए. जिससे कोविड-19 महामारी बीच बागवानों को अपने उत्पाद मण्डियों तक ले जाने में असुविधा का सामना न करना पड़े.

1.20 करोड़ कार्टन हैं तैयार किए जा चुके

मुख्यमंत्री ने कहा कि फल उत्पादकों की सुविधा के लिए एचपीएमसी ने पैकेजिंग सामग्री जैसे कार्टन्स, सैपरेटर्स, ट्रे और अन्य संबंधित सामग्रियों की आपूर्ति के लिए 26 फर्में सूचीबद्ध की हैं. इन फर्मों की ओर से लगभग 1.20 करोड़ कार्टन तैयार किए जा चुके हैं.

आजादपुर मंडी और सोनीपत की गनौर मंडी में मिलेगी बिक्री सुविधा

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश बागवानी विभाग ने नई दिल्ली की आजादपुर मंडी और हरियाणा के सोनीपत की गनौर मंडी में उत्पादकों के लिए बिक्री सुविधा की व्यवस्था की है. लगभग 1.17 लाख मीट्रिक टन क्षमता के सीए स्टोर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सरकारी और निजी क्षेत्रों में चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा बागवानों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 32 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.

कानून व्यवस्था व सड़क सुविधा का रखें विशेष ध्यान

वहीं, लोक निर्माण विभाग को सेब उत्पाद क्षेत्रों में सड़कों और सम्पर्क मार्गों का उचित रख-रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जिससे वाहनों की आवाजाही सुचारू रहे. सेब के सीजन के दौरान कानून व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए और विभिन्न स्थानों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाने चाहिए, जिससे ट्रकों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की जा सके.

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि विभाग को उन ठेकेदारों के साथ बैठक भी करनी चाहिए, जो श्रमिकों को वापिस लाने के प्रयास कर रहे हैं. बागवानों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए, ताकि श्रमिकों की कमी के कारण बागवानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.

किसानों को क्लर स्प्रे के उपयोग से बचने के लिए भी प्रेरित किया जाए, क्योंकि इससे न केवल उन्हें अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी और साथ ही श्रमिकों की समस्या भी हल करने में मदद मिलेगी.

मजदूरों की हो वैकल्पिक व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाली श्रमिकों पर निर्भरता से बचना चाहिए. मजदूरों की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए. यदि आवश्यक हो तो राज्य सरकार देहरादून और अन्य स्थानों तक बसें भेजने पर भी विचार कर सकती है, जिससे नेपाली श्रमिकों को राज्य में लाया जा सके. राज्य में श्रमिकों को लाने के लिए नेपाल के सीमावर्ती जिलों के प्रशासन से भी बात की जानी चाहिए.

राज्य के किसानों को उनकी उपज का मिलेगा उचित मूल्य

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा क्योंकि इस वर्ष कोविड-19 संकट के कारण अन्य देशों से सेब का आयात इस वर्ष संभव नहीं होगा. यह बहुत आवश्यक है कि सेब को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए. राज्य के विभिन्न हिस्सों से सेब उत्पादक क्षेत्रों में श्रमिक लाने के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए. इससे न केवल नेपाली श्रमिकों पर उत्पादकों की निर्भरता कम होगी, बल्कि बागवानी करने वालों को भी सुविधा मिलेगी. एपीएमसी कृषि बाजार के पदाधिकारियों के आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा और संबंधित जिला अधिकारी उन्हें ट्रांजिट पास जारी करेंगे. एपीएमसी को सभी मण्डियों और व्यक्तिगत यार्डों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करना सुनिश्चित करेगा.

बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने दी जानकारी

बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बागवानी उद्योग से प्रतिवर्ष प्रदेश की आर्थिकी में 5000 करोड़ रुपये का योगदान होता है. मौजूदा सेब सीजन के दौरान लगभग 5.83 लाख मीट्रिक टन सेब उत्पादन की उम्मीद है.

राज्य सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब का समर्थन मूल्य 8 रुपये से बढ़ाकर 8.50 रुपये प्रति किलोग्राम किया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में एंटी हेल नेट संरचना के निर्माण को प्रोत्साहित के लिए कुशे योजना शुरू की है.

मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद किया कि बागवानी उत्पादकों को उनके उत्पाद के विपणन में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. उत्पाद के परिवहन, श्रमिकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी मुख्यमंत्री से आग्रह किया. सिरमौर व चंबा जिलों से वैकल्पिक श्रमिक उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जांए. साथ ही सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मार्केट यार्डों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने की आवश्यकता पर बल दिया.

हिमफैड अध्यक्ष गणेश दत्त

वहीं, हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने कहा कि सेब की खरीद के लिए सरकार के स्थापित क्लेक्शन एंड प्रोक्योरमेंट केन्द्रों में होमगार्ड के जवानों को तैनात किए जाने की बात कही. निदेशक बागवानी डाॅ. एमएम शर्मा ने कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत सेब को मण्डियों तक पहुंचाने की तैयारियों के संबंध में एक विस्तृत प्रस्तुति दी.

पढ़ें: आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल: जंगलों में बने दड़बों में 6 महीने बिताते हैं ये पशुपालक

Last Updated : Jun 28, 2020, 3:38 PM IST
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