शिमला: देश दुनिया में कोरोना कहर बरपा रहा है. आए दिन सैंकड़ो लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं और रोजाना 10 के लगभग मौतें प्रदेश में हो रही हैं.
वहीं, कोरोना का एक सकारात्मक पहलू भी सामने आया है. कोरोना के कारण लोग खुद भी और बच्चों को भी एहतियात बरता रहे हैं. ऐसे में बच्चे कई अन्य बीमारियों से बच रहे हैं. ये खुलासा आईजीएमसी के बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. अश्वनी सूद ने किया है.
डॉ. अश्वनी सूद ने बताया कि बीते साल तक इस समय तक बच्चो में निमोनिया के मामले काफी संख्या में आते थे, लेकिन इस साल अब तक 7 से 8 मामले बच्चो में निमोनिया के आईजीएमसी में आए हैं. उनका कहना था कि कोरोना के दौरान लोगों ने अपने बच्चो को बचा के रखा और घर में ही रखा.
उनका कहना था स्कूल बंद होने के कारण भी बच्चे सुबह बाहर नहीं निकलते हैं. क्योंकि बच्चे स्कूल जाने के लिए सुबह जल्दी उठते हैं और ठंड में सुबह जल्दी स्कूल जाना पड़ता था. जिससे भी बच्चे ठंड से बीमार हो जाते थे और उन्हें निमोनिया हो जाता था, लेकिन कोरोना सकंट के कारण जब सब कुछ बंद है.
वहीं, अभिभावक भी अपने बच्चों को घर में ही रखते हैं जिससे बच्चे बीमार होने से बचे हुए हैं. डॉ. सूद ने बताया कि इस बार बच्चों में स्वाइन फ्लू का मामला भी सामने नहीं आया है. कोरोना के कारण अधिक फोकस कोरोना पर है क्योंकि लक्षण एक जैसे ही हैं. ऐसे में स्वाइन फ्लू के बजाए कोरोना के टेस्ट करवाया जा रहे हैं.
डॉ सूद का कहना था कि अभी आगे सर्दियों में बच्चों को और बचाकर रखने की जरूरत है, नहीं तो बच्चे संक्रमण का शिकार हो सकते हैं.