शिमला: छात्र अभिभावक मंच ने शिमला के कुछ निजी स्कूलों द्वारा फरवरी 2023 में 10वीं व 12वीं कक्षा के छात्रों की विशेष कक्षाएं आयोजित करने के बदले प्रति छात्र 3000 रुपये अतिरिक्त फीस वसूलने के निर्णय की कड़ी निंदा की है. मंच का मानना है कि यह छात्रों व अभिभावकों की खुली लूट है. मंच ने चेताया है कि अगर निजी स्कूलों द्वारा इस निर्णय को वापस न लिया गया तो मंच आंदोलन तेज करेगा व शिक्षा निदेशालय का घेराव करने से भी नहीं चूकेगा. मंच ने उच्चतर शिक्षा से निजी स्कूलों की मनमानी लूट पर रोक लगाने की मांग की है. (chhatra abhibhavak manch accuses private schools) (chhatra abhibhavak manch protest in himachal)
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने उच्चतर शिक्षा निदेशक व अन्य शिक्षा अधिकारियों से निजी स्कूलों द्वारा गैर कानूनी अतिरिक्त फीस वसूलने के इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने व कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि निजी स्कूलों के इस प्रकार के निर्णय से स्पष्ट है कि निजी स्कूल मनमानी लूट व तानाशाही कर रहे हैं. निजी स्कूल लगातार प्रदेश सरकार के निर्णयों, शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों, उच्चतम व उच्च न्यायालयों के आदेशों की अवहेलना करते रहे हैं, लेकिन इन पर सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है जिससे निजी स्कूलों को मनमानी लूट करने की खुली आजादी मिली हुई है. (private schools of himachal)
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि, निजी स्कूलों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि पूरे साल की फीस वसूलने के बावजूद भी विशेष कक्षाएं आयोजित करने के नाम पर 10वीं व 12वीं कक्षा के छात्रों से 3000 रुपये अतिरिक्त फीस वसूलने की अधिसूचनाएं जारी की जा रही हैं व इसे जमा करने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा है. शिक्षा विभाग के निर्देशों व कानून के अनुसार छात्रों व अभिभावकों से तय वार्षिक फीस के अलावा अतिरिक्त फीस नहीं वसूली जा सकती है. (demand of chhatra abhibhavak manch)
उन्होंने कहा कि, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में ही इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि निजी स्कूलों द्वारा नियमित टयूशन फीस के अलावा किसी भी तरह के अन्य चार्ज व अतिरिक्त फीस वसूली नहीं की जा सकती है. इसके बावजूद शिमला के कई निजी स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं जोकि तर्कसंगत नहीं है. इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है. अभिभावक हर वर्ष निजी स्कूलों द्वारा की जाने वाली बेइंतहा फीस वृद्धि से पहले ही पीड़ित व परेशान हैं. इस प्रकार की हजारों रुपये की विशेष फीस से अभिभावक मानसिक तौर पर और ज्यादा दबाव में आएंगे. सबको मालूम है कि सरकारी स्कूलों के अंदर भी 10वीं व 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षाओं के मद्देनजर अध्यापकों द्वारा अपने स्तर पर विशेष कक्षाएं आयोजित की जाती हैं परंतु इसकी एवज में कोई अतिरिक्त फीस नहीं वसूली जाती है.
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक ने कहा कि, निजी स्कूल प्रबंधन मनमानी लूट करने के लिए प्रति छात्र 3000 रुपये अतिरिक्त वसूली कर रहे हैं. इस तरह से एक ही महीने में लाखों रुपए की मुनाफाखोरी कर रहे हैं. ऐसे स्कूलों पर शिक्षा विभाग द्वारा तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए व इनके द्वारा जारी अतिरिक्त फीस वसूली के संदर्भ में जारी ऐसी अधिसूचनाओं को जल्द से जल्द रद्द करवाना चाहिए. ये विशेष कक्षाएं उसी सत्र में आयोजित की जा रही हैं जिसके लिए छात्र व अभिभावक पहले ही हजारों रुपए की भारी-भरकम फीस निजी स्कूल प्रबंधनों को दे चुके हैं. ऐसे में फरवरी 2023 में 10वीं व 12वीं कक्षाओं के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करने की एवज में 3000 रुपये अतिरिक्त फीस प्रति छात्र वसूलना गैर कानूनी व शिक्षा विरोधी कदम है.
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