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लाहौल स्पीति में खुलेगा बौद्ध अध्ययन केंद्र, सरकार से मिली सैद्धांतिक मंजूरी: मारकंडा - जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकंडा

दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों और धर्म के अध्ययन में रुचि रखने वालों के लिए लाहौल स्पीति में बौद्ध अध्ययन केंद्र की स्थापना होने वाली है. ये बात जयराम सरकार में तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कही है.

Ramlal Markanda
तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकंडा
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Published : Oct 14, 2020, 5:39 PM IST

शिमला: दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों और धर्म के अध्ययन में रुचि रखने वालों के लिए लाहौल स्पीति में बौद्ध अध्ययन केंद्र की स्थापना होने वाली है. ये बात जयराम सरकार में तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कही है. उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति के पोह में बौद्ध अध्ययन केंद्र जल्द ही स्थापित होगा.

इसके लिए केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर अध्ययन केंद्र के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है. अध्ययन केंद्र की स्थापना पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च आएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने भूमि भी चिन्हित कर दी है. केंद्र सरकार का सांस्कृतिक मंत्रालय इसके लिए धन मुहैया कराएगा.

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अटल टनल रोहतांग के शुभारंभ से लाहौल स्पीति में एक तरफ जहां प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने के लिए देश दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों की आमद बढ़ेगी. वहीं, अब धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है. बौद्ध अध्ययन केंद्र स्थापित होने से पूरे विश्व से रिसर्चर लाहौल स्पीति आएंगे.

इसके अलावा धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि यह अध्ययन केंद्र लाहौल स्पीति जिला में ताबो पंचायत के पोहा गांव में स्थापित होगा. प्रदेश सरकार लगातार इस गांव में अध्ययन केंद्र खोलने की कोशिश कर रही है. इसके लिए केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद रास्ता साफ हो गया है.

डॉक्टर मारकंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जल्द ही बौद्ध अध्ययन केंद्र का शिलान्यास करेंगे. शिलान्यास के मौके पर महामहिम दलाई लामा को भी आमंत्रित किया जाएगा. ताबो को हिमाचल की अजंता के नाम से जाना जाता है.ताबो में 1000 साल से पुराना बौद्ध गोम्पा है. गोम्पा में दुर्लभ भित्ति चित्र और पेंटिंग मौजूद हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इससे संरक्षित धरोहर घोषित किया हुआ है.

प्रदेश सरकार करीब एक दशक पहले से यहां अध्ययन केंद्र खोलने की कोशिश कर रही है. डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि अटल रोहतांग टनल शुरू हो जाने से अब भारी मात्रा में पर्यटक घाटी का रुख कर रहे हैं. उन्होंने पर्यटकों से घाटी में साफ सफाई बनाए रखने का निवेदन भी किया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद घाटी के लोगों के लिए यह बहुत बड़ा मौका है. इससे लोगों की जिंदगी काफी आसान होगी और यहां 12 महीने आवाजाही हो सकेगी.

डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि टनल का लाभ देने के लिए एक बड़ी योजना पर तैयारी चल रही है, जिसके तहत घाटी में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा. घाटी में ऐसे स्थान विकसित किए जाएंगे, जहां पर पर्यटकों को सुविधाओं के साथ पारंपरिक संस्कृति के दर्शन भी हो सके. प्रदेश सरकार इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करेगी.

डॉ. मारकंडा ने कहा कि स्विट्जरलैंड के बाद विश्व में लाहौल स्पीति घाटी ही के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है. यहां पर अधिकतर समय बर्फ रहती है. ऐसे में विंटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की तरफ भी प्रदेश सरकार पूरी कोशिश कर रही है.

ये भी पढ़ें: शिमला से 7 महीने बाद शुरू हुई इंटर स्टेट बस सर्विस, पहले चरण में 25 रूटों पर मिलेगी सुविधा

शिमला: दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों और धर्म के अध्ययन में रुचि रखने वालों के लिए लाहौल स्पीति में बौद्ध अध्ययन केंद्र की स्थापना होने वाली है. ये बात जयराम सरकार में तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कही है. उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति के पोह में बौद्ध अध्ययन केंद्र जल्द ही स्थापित होगा.

इसके लिए केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर अध्ययन केंद्र के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है. अध्ययन केंद्र की स्थापना पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च आएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने भूमि भी चिन्हित कर दी है. केंद्र सरकार का सांस्कृतिक मंत्रालय इसके लिए धन मुहैया कराएगा.

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अटल टनल रोहतांग के शुभारंभ से लाहौल स्पीति में एक तरफ जहां प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने के लिए देश दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों की आमद बढ़ेगी. वहीं, अब धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण स्थान होने वाला है. बौद्ध अध्ययन केंद्र स्थापित होने से पूरे विश्व से रिसर्चर लाहौल स्पीति आएंगे.

इसके अलावा धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि यह अध्ययन केंद्र लाहौल स्पीति जिला में ताबो पंचायत के पोहा गांव में स्थापित होगा. प्रदेश सरकार लगातार इस गांव में अध्ययन केंद्र खोलने की कोशिश कर रही है. इसके लिए केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद रास्ता साफ हो गया है.

डॉक्टर मारकंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जल्द ही बौद्ध अध्ययन केंद्र का शिलान्यास करेंगे. शिलान्यास के मौके पर महामहिम दलाई लामा को भी आमंत्रित किया जाएगा. ताबो को हिमाचल की अजंता के नाम से जाना जाता है.ताबो में 1000 साल से पुराना बौद्ध गोम्पा है. गोम्पा में दुर्लभ भित्ति चित्र और पेंटिंग मौजूद हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इससे संरक्षित धरोहर घोषित किया हुआ है.

प्रदेश सरकार करीब एक दशक पहले से यहां अध्ययन केंद्र खोलने की कोशिश कर रही है. डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि अटल रोहतांग टनल शुरू हो जाने से अब भारी मात्रा में पर्यटक घाटी का रुख कर रहे हैं. उन्होंने पर्यटकों से घाटी में साफ सफाई बनाए रखने का निवेदन भी किया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद घाटी के लोगों के लिए यह बहुत बड़ा मौका है. इससे लोगों की जिंदगी काफी आसान होगी और यहां 12 महीने आवाजाही हो सकेगी.

डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि टनल का लाभ देने के लिए एक बड़ी योजना पर तैयारी चल रही है, जिसके तहत घाटी में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा. घाटी में ऐसे स्थान विकसित किए जाएंगे, जहां पर पर्यटकों को सुविधाओं के साथ पारंपरिक संस्कृति के दर्शन भी हो सके. प्रदेश सरकार इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करेगी.

डॉ. मारकंडा ने कहा कि स्विट्जरलैंड के बाद विश्व में लाहौल स्पीति घाटी ही के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है. यहां पर अधिकतर समय बर्फ रहती है. ऐसे में विंटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की तरफ भी प्रदेश सरकार पूरी कोशिश कर रही है.

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