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राजधानी में दिखी बैसाखी और खालसा पंथ की धूम, गुरुद्वारा साहिब में दिनभर चला शबद कीर्तन का दौर

शिमला में बैसाखी और खालसा पंथ की धूम. गुरुद्वारा साहिब में गुरु गोबिंद सिंह के उपदेशों को किया गया याद. दिनभर चला शबद कीर्तन का दौर.

राजधानी में दिखी बैसाखी और खालसा पंथ की धूम
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Published : Apr 14, 2019, 9:56 PM IST

शिमला: राजधानी में खालसा पंथ का 320वां सिरजना दिवस और बैशाखी पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर राजधानी के मुख्य गुरुद्वारे में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गरुद्वारा साहिब में दिनभर शबद कीर्तन का आयोजन चलता रहा, जिसमें भारी संख्या में संगत ने शिरकत की.

राजधानी में दिखी बैसाखी और खालसा पंथ की धूम

इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह के सिक्ख धर्म को दिए गए उपदेशों को याद किया गया. गुरुद्वारे में अलग-अलग रागी जत्थे शबद कीर्तन करने के लिए बुलाए गए थे, जिन्होंने गुरु वचनों के साथ संगत को निहाल किया. इन रागी जत्थों में श्री दरबार साहिब अमृतसर से हजूरी रागी जत्था करणजीत सिंह, शिमला से सुखजिंदर सिंह, मुख्य ग्रन्थी हरजीत सिंह, मीत ग्रन्थी जसविंदर सिंह और शिमला के ही अन्य रागी जत्थों ने शबद कीर्तन किया. इसके साथ ही गुरुद्वारा साहिब में अरदास और पाठ भी किया गया.

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राजधानी में दिखी बैसाखी और खालसा पंथ की धूम

गुरु सिंह सभा के महासचिव सेवा सिंह ने सभी प्रदेशवासियों को खालसा पंथ के 320वें सिरजना दिवस और बैशाखी की बधाई दी. उन्होंने कहा कि सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने बैशाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखी थी. इस पंथ ने गुरु गोबिंद सिंह के लोगों को धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव छोड़ कर मानवीय भावनाओं और भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश दिया और उसी संदेश को आज भी जन जन तक पहुंचाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस अवसर पर गुरुद्वारे में लंगर का भी आयोजन किया गया.

शिमला: राजधानी में खालसा पंथ का 320वां सिरजना दिवस और बैशाखी पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर राजधानी के मुख्य गुरुद्वारे में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गरुद्वारा साहिब में दिनभर शबद कीर्तन का आयोजन चलता रहा, जिसमें भारी संख्या में संगत ने शिरकत की.

राजधानी में दिखी बैसाखी और खालसा पंथ की धूम

इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह के सिक्ख धर्म को दिए गए उपदेशों को याद किया गया. गुरुद्वारे में अलग-अलग रागी जत्थे शबद कीर्तन करने के लिए बुलाए गए थे, जिन्होंने गुरु वचनों के साथ संगत को निहाल किया. इन रागी जत्थों में श्री दरबार साहिब अमृतसर से हजूरी रागी जत्था करणजीत सिंह, शिमला से सुखजिंदर सिंह, मुख्य ग्रन्थी हरजीत सिंह, मीत ग्रन्थी जसविंदर सिंह और शिमला के ही अन्य रागी जत्थों ने शबद कीर्तन किया. इसके साथ ही गुरुद्वारा साहिब में अरदास और पाठ भी किया गया.

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राजधानी में दिखी बैसाखी और खालसा पंथ की धूम

गुरु सिंह सभा के महासचिव सेवा सिंह ने सभी प्रदेशवासियों को खालसा पंथ के 320वें सिरजना दिवस और बैशाखी की बधाई दी. उन्होंने कहा कि सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने बैशाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखी थी. इस पंथ ने गुरु गोबिंद सिंह के लोगों को धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव छोड़ कर मानवीय भावनाओं और भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश दिया और उसी संदेश को आज भी जन जन तक पहुंचाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस अवसर पर गुरुद्वारे में लंगर का भी आयोजन किया गया.

Intro:राजधानी शिमला में खालसा पंथ का 320वा सिरजना दिवस ओर बैशाखी का पर्व सिक्ख समुदाय ने बड़ी ही धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर राजधानी के मुख्य गुरुद्वारे गुरुद्वारा साहिब में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गुरुद्वारे में दिनभर शब्दकीर्तन का आयोजन चलता रहा जिसमें भारी संख्या में संगत ने शिरकत की। इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह के सिक्ख धर्म को दिए गए उपदेशों को याद किया गया।


Body:इस अवसर पर गुरुद्वारे में अलग-अलग रागी जत्थे शब्द कीर्तन करने के लिए बुलाए गए थे जिन्होंने गुरु वचनों के साथ संगत को निहाल किया। इन रागी जत्थों में श्री दरबार साहिब अमृतसर से हजूरी रागी जत्था करणजीत सिंह,शिमला से सुखजिंदर सिंह,मुख्य ग्रन्थी हरजीत सिंह,मीत ग्रन्थी जसविंदर सिंह,सिक्ख स्त्री सतिसंग सभा शिमला ओर अन्य शिमला के ही रागी जत्थों ने शब्द कीर्तन किया और संगत को निहाल किया। इसके साथ ही गुरुद्वारा साहिब में अरदास ओर पाठ भी किया गया।


Conclusion:गुरु सिंह सभा के महासचिव सेवा सिंह ने सभी प्रदेशवासियों को खालसा पंथ के 320वे सिरजना दिवस ओर बैशाखी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह ने बैशाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखी थी। उन्होंने कहा कि इस पंथ ने गुरु गोबिंद सिंह के लोगों को धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव छोड़ कर मानवीय भावनाओं और भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश दिया और उसी संदेश को आज भी जन जन तक पहुंचाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारे में लंगर का भी आयोजन किया गया जहां उपस्थित संगत ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।

नोट:बाइट ओर शॉट्स मेल पर चैक करे। बाइट:गुरु सिंह सभा के महासचिव सेवा सिंह
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