शिमला: हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार 14 मार्च से शुरू हो रहा है. उससे ठीक एक दिन पहले यानी आज सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता राजधानी शिमला में सड़कों पर उतरेंगे. दोनों ही दलों के नेता राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के पास गुहार लगाएंगे. मामला ये है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने पूर्व सरकार के समय खोले गए कई संस्थान डी-नोटिफाई कर दिए हैं. सरकार के इस फैसले का BJP निरंतर विरोध कर रही है. भाजपा ने प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं.
इसी कड़ी में शिमला में भी भाजपा का विरोध प्रदर्शन होगा. ये विरोध प्रदर्शन जिला भाजपा शिमला के बैनर तले होगा. आक्रोश रैली शिमला के नाज पर दोपहर बाद एक बजे से शुरू होगी. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व अन्य विधायक इस आक्रोश रैली में शामिल होंगे. शेर ए पंजाब शिमला से सेंट्रल टेलीग्राफ चौक यानी CTO तक रैली का आयोजन होगा. CTO चौक पर नेता प्रतिपक्ष व अन्य नेता रैली को संबोधित करेंगे. इसके बाद भाजपा नेता शाम चार बजे राजभवन जाएंगे और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे.
वहीं, प्रदेश भर में कांग्रेस भी अडानी समूह को लाभ पहुंचाने और महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन कर रही है. सोमवार को ही कांग्रेस भी राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगी और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन सौंपा जाएगा. कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई बढ़ी है. कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर हो रहे हैं.
कांग्रेस राजभवन का घेराव करेगी. कांग्रेस का आरोप है कि अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए एलआईसी व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर दबाव बना रही है. इन परिस्थितियों में बजट सत्र हंगामेदार होगा. भाजपा बजट सत्र में सुखविंदर सिंह सरकार को संस्थान डी-नोटिफाई करने पर घेरेगी. साथ ही गारंटियों को लागू न करने पर भी हमला करेगी. इस हंगामें की शुरुआत सड़क से हो गई है और सदन तक पहुंचेगी.
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