शिमला: हिमाचल में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने पर बागवान सरकार के साथ सहमत नही हैं. अधिकतर बागवान इसके खिलाफ है, उनका कहना है कि राज्य में सेब को प्रति किलो की दर से बेचने की व्यवस्था सरकार करे. बागवानी सचिव अमिताभ अवस्थी की अध्यक्षता में एक बैठक शिमला में की गई जिसमें बागवान संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी. बागवानों का यह मानना था कि जब आलू और अन्य सब्जियां प्रति किलो के हिसाब से बेची जा सकती है तो सेब क्यूं नहीं.
इस बैठक में बागवानी विभाग के निदेशक संदीप कदम, प्रबंध निदेशक मार्केटिंग बोर्ड नरेश ठाकुर शामिल हुए. विभाग के साथ हुई बैठक में बागवानों का कहना था कि अगर हिमाचल यूनिवर्सल कार्टन लागू कराती है तो जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड का सेब देश की मंडियों में पहले की तरह बिकते रहने से हिमाचल के सेब को अच्छे दाम नहीं मिल पाएंगे. पहले भी इस तरह की कोशिश की गई है. इससे बागवानों पर खर्च ज्यादा पड़ेगा.
किलो के हिसाब से सेब बेचने का नियम कागजों तक सीमित- बागवानों ने एपीएमसी एक्ट को कड़ाई से लागू करने की मांग उठाई. बागवानों का कहना था कि किलो के हिसाब से सेब बेचने का नियम हिमाचल में पहले ही लागू है लेकिन यह कागजों में ही सीमित रह गया है. ऐसे में उनके लिए किलो के हिसाब से सेब बेचने की व्यस्था सरकार करे. बागवानों ने एमआईएस के रेट भी इनपुट कॉस्ट को देखते हुए नए सिरे से तय करने की मांग की. बागवानों की मानें तो बीते बीते कुछ सालों में इनपुट कॉस्ट दोगुनी हुई है, लेकिन सेब के रेट आज भी 15 साल पहले वाले मिल रहे हैं. इस दौरान बागवानों ने कार्टन पर जीएसटी कम करने, सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने, खाद बीज व दवाइयों पर सब्सिडी बहाल करने की मांग की.
सेब बागवानों ने कार्टन, कीट व फफूंद नाशकों की खरीद के लिए बागवानों की कमेटी बनाने की भी मांग की. इस बैठक में पूर्व विधायक राकेश सिंघा, फल उत्पादक संगठन के लोकेंद्र बिष्ट के अलावा शिमला, किन्नौर, कुल्लू जिला सहित प्रदेश के कई सेब उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. इस मौके पर बागवानी विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि प्रदेश की नई बागवानी नीति का मसौदा तैयार है. इसे विभाग की सेब साइट पर अपलोड किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि बागवानों को इस नीति बारे अपने सुझाव सरकार को देने चाहिए.
मार्केट में सेब किलो के हिसाब से बेचने का नियम लागू करे सरकार- बैठक में शामिल होने के बाद पूर्व विधायक एवं सेब उत्पादक राकेश सिंघा ने कहा है कि सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने को लेकर बागवान सहमत नहीं है. इसके बजाए बागवान मार्केट में प्रति किलो के हिसाब से सेब खरीदने की व्यवस्था की जानी चाहिए. उनका कहना है कि अदानी समूह भी सेब प्रति किलो के हिसाब से खरीद रहा है, यह बात अलग है कि इसके रेट को लेकर बागवान सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने बागवनों के साथ बैठक कर उनकी राय जाने की पहल की है, लेकिन इसका फायदा तभी होगा अगर सरकार बागवानों की समस्याओं को हल करने के लिए इच्छा शक्ति दिखाए.
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