शिमलाः ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में शनिवार को शिमला एप्पल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा. एप्पल फेस्टिवल में प्रदेश के बागवान अलग-अलग किस्म के सेब प्रदर्शनी में लेकर आए थे. कोटखाई के बागवान प्रेम चौहान सेब की एक ऐसी नई किस्म तैयार कर इस प्रदर्शनी में लेकर आए थे जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया.
बागवान प्रेम चौहान इस प्रदर्शनी मे सेब की नई किस्म एप्स वैरायटी लेकर पहुंचे थे. बागवान प्रेम चौहान ने एप्स वैरायटी का पेटेंट भी भारत सरकार के पास रिजिस्टर्ड करने के लिए भेजा है. प्रेम चौहान ने बताया कि उन्होंने सेब की जो नई किस्म तैयार की है वह उनकी अपनी खोज है और यहां तक कि इस वैरायटी के सेब के लिए अब विदेशों में भी डिमांड उनके पास आ रही है.
प्रेम चौहान का दावा है कि यह एप्स वैरायटी का सेब अमेरिकी सेब को भी पछाड़ रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पास दुबई से इस सेब को खरीदने के लिए डिमांड आ रही है, लेकिन अभी इसकी पैदावार कम होने के चलते वह उसे बाहर विदेशों में एक्सपोर्ट नहीं कर सकते हैं.
आगामी तीन से चार सालों में उनके पास इस एप्स वैरायटी के सेब की बल्क में पैदावार होगी जिसके बाद वह इसे बाहर भी सेल करेंगे. सालों से बागवानी कर रहे प्रेम चौहान को सेब की इस वैरायटी को तैयार करने में 19 साल लगे और 13 साल ने उन्हें इसका परिणाम मिलना शुरू हो गया था.
उनकी इच्छा है कि इस सेब को कॉमर्शियली उगाया जाए जिसके लिए उन्होंने इस वैरायटी का पेटेंट भी भारत सरकार के पास रिजिस्टर्ड करने के लिए भेजा है. प्रेम चौहान ने बताया कि उन्हें इस सेब के 25 से 30 किलो के बॉक्स का होलसेल में रेट 4800 के करीब मिला है. जबकि रिटेल में इसकी कीमत हजार रुपये किलो तक कि भी आंकी जा रही है.
आज के दौर में सेब की ट्रेडिशनल फार्मिंग के मेथड को बदलने की जरूरत है. वह एक हैक्टेयर जमीन पर 12 हजार पौधे लगाकर बागवानी कर रहे हैं और जिन बागवानों के पास जमीन कम है उन्हें भी नए तरिके से बागवानी करने की सलाह दे रहे हैं. यह अपने बगीचों में साल के 350 दिन काम करने के बाद सेब की यह वैरायटी इजाद की है.