शिमलाः जयराम सरकार के तीसरे बजट में हैल्थ सेक्टर पर भी खास फोकस किया गया है. बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 3009 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इसमें से 307 करोड़ रुपए आयुर्वेद विभाग पर खर्च होंगे.
बजट में टीबी रोग को जड़ से मिटाने, महिलाओं में बढ़ते स्तन कैंसर को रोकने सहित एचआआईवी की रोकथाम के लिए केंद्र खोलने का प्रावधान है. इसी तरह एनिमिया को दूर करने और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने समेत कई बीमारियों को रोकने के लिए योजनाओं और धन की व्यवस्था की गई है.
साथ ही टीबी को रोकने के लिए क्षयरोग निवारण योजना को लागू किया गया है. इस योजना के तहत दवा प्रतिरोधी तपेदिक के लिए डायग्नोस्टिक सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा. यह सुविधाएं फिलहाल आईआरएल टांडा में ही उपलब्ध है, इन योजनाओं को अब मेडिकल कॉलेज में टांडा में भी उपलब्ध करवाया जाना है.
इसके अलावा सभी मल्टी ड्रग प्रतिरोधी क्षय रोगियों को इस योजना के तहत 15,00 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक व्यापक आईटी प्रणाली 'हिमरोग्याट' विकसित की जाएगी.
इसके तहत सभी नागरिकों को यूनिक स्वास्थ्य आईडी दी जाएगी. इस आईडी से प्रदेश के लोगों को आसानी से कई सुविधाएं मिलेगी. सभी जिला अस्पतालों में मेमोग्राफी मशीनें लगाने का प्रावधान किया गया है. किशोरियों और महिलाओं के लिए स्वस्थ व सशक्त किशोरीात्व एवं मातृत्व योजना प्रारंभ करने की घोषणा भी की गई है.
एचआईवी की रोकथाम के लिए सरकार ने बजट में तीन और एआरटी केंद्र खोलने की घोषणा की है. यह एआरटी केंद्र डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन, मेडिकल कॉलेज चंबा और मेडिकल कॉलेज नैरचौक में खोले जाएंगे.
वर्तमान में प्रदेश में 6 एआरटी केंद्र हैं. प्रदेश सरकार अस्पतालों में आने वाले बेसहारा मरीजों के लिए सम्मान योजना शुरू करेगी.
राज्य में जननी सुरक्षा योजना के तहत एससी, एसटी व बीपीएल परिवारों की गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 600 व शहरी क्षेत्रों में 400 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती है.
अब सभी वर्गों की महिलओं की प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव के लिए भी ऐसी प्रोत्साहन राशि आशा वर्कर को दी जाएगी. इसके अलावा बजट में निशुल्क दवाओं के लिए 100 करोड़ का प्रावधान है.
बजट में की गई अन्य स्वास्थ्य घोषणाएं इस प्रकार हैंः
10 स्वास्थ्य संस्थानों में एकीकृत निरोग क्लीनिक खोले जांएगे. आनुवांशिक रोग रोकने को स्कूलों में बच्चों की जांच होगी.
सहारा योजना की राशि दो हजार से बढकर हुई तीन हजार कर दी गई. टांडा अस्पताल में आधुनिक बाल चिकित्सा केंद्र खोला जाएगा. दूर दराज के क्षेत्रों में खुलेंगे 10 मोबाइल स्वास्थ्य सेंटर शुरू किए जाएंगे.
इसके साथ ही 100 पुरानी एंबुलेंस भी बदली जाएंगी और 60 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को निशुल्क आयुर्वेदिक दवाएं मिलेंगी.