शिमला: ब्लैक फंगस से आईजीएमसी में 2 मरीजों की मौत हो गई. एक महिला व एक पुरुष ने अस्पताल में शुक्रवार की रात दम तोड़ दिया. मृतकों में एक शिमला के लक्कड़ बाजार और दूसरा हमीरपुर के अवाहदेवी का रहने वाला मरीज शामिल है. दोनों को आईजीएमसी में 28 मई को एडमिट करवाया गया था. अब तक प्रदेश में ब्लैक फंगस से 10 मरीजों की मौत हो चुकी है. छह मरीजों की मौत आईजीएमसी में हुई है, जबकि चार टांडा मेडिकल कॉलेज में हुई है.
आईजीएमसी में अब तक ब्लैक फंगस के 12 मरीजों को अस्पताल लाया गया है. इलाज के दौरान 6 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबि तीन मरीज अभी भी यहां पर एडमिट हैं. दो मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी कर दी गई है, जबकि एक मरीज को पीजीआई रेफर किया गया था. हालांकि राहत की बात है कि बीते कई दिनों से ब्लैक फंगस का आईजीएमसी में नया मामला नहीं आया है. डॉक्टरों का कहना है कि होम आइसोलेशन में रह रहे बीपी, शुगर के मरीज अपना खास ख्याल रखें. ऐसे मरीजों में ब्लैक फंगस होने की अधिक संभावना है.
एक से दूसरे में नहीं फैलता ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस एक गंभीर बीमारी है. समय पर इलाज ना मिलने के कारण मरीज की मौत हो सकती है. ब्लैक फंगस का डेथ रेट कोरोना वायरस से ज्यादा है. राहत की बात ये है कि यह एक मरीज से दूसरे मरीज में नहीं फैलता है. कमजरो इम्यूनिटी के मरीजों को यह जल्दी अपनी चपेट में लेता है.
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