मंडी: करसोग में भीषण गर्मी के कहर से ग्रामीणों पर चौतरफा मार पड़ने लगी है. इस बार प्री मानसून सीजन में सामान्य से बहुत कम हुई. कम बारिश होने से क्षेत्र में पहली बार छोटी-छोटी खड्डों में पानी खत्म हो गया है, जिससे किसानों के सामने खेतों में लगाई गई फसलों की सिंचाई का संकट पैदा हो गया है.
यही नहीं पिछले कई दिनों से लगातार चढ़ रहे पारे से क्षेत्र में सदियों पुराने पानी के स्त्रोत भी सूखने लगे हैं. इससे अब लोगों के सामने पीने के पानी किल्लत पैदा हो गई है. जेंस गांव के युवा किसान कौशल कुमार का कहना है कि भीषण गर्मी के कारण उनके क्षेत्र में पहली खड्ड सूखी है, जिस कारण अब खेतों में सिंचाई करने के लिए दूर से बाल्टियों और डिब्बों में पानी लाना पड़ रहा है.हालांकि मौसम विभाग किसानों के लिए अच्छी खबर दे रहा है. विभाग ने आने वाले दिनों में तेज हवाएं चलने के साथ बारिश की भी संभावना जताई है, जिससे लोगों को चिलचिलाती गर्मी और पानी की दिक्कत से भी छुटकारा मिल सकता है.
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जंगलों में आग से और बड़ी समस्या
सोलन और सिरमौर समेत करसोग के कई क्षेत्रों में जंगलों में आए दिन आगजनी की घटनाएं हो रही हैं. जिससे वातावरण तो प्रदूषित होने के साथ-साथ वन संपदा को भी भारी नुकसान हो रहा है. आग लगने वाली जगह के आसपास के पेयजल स्त्रोत भी सूख रहे हैं और भीषण गर्मी में तापमान में और अधिक बढ़ोतरी हो रही है.