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नौबाही देवी मंदिर की हालत दयनीय, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

नौबाही माता का मंदिर पिछले 12 सालों से सरकार द्वारा अधिगृहित कर प्रशासन की देख-रेख में है. सावन मास, नवरात्र और त्योहारों में हजारों लोग मंदिर में मत्था टेकने आते हैं. मंदिर में चारों ओर अव्यवस्था का आलम है. इससे प्रदेश सरकार का मंदिरों व धरोहरों को सहेजने के प्रति गंभीरता जगजाहिर हो गई है

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Published : Aug 14, 2019, 5:56 PM IST

नौबाही माता मंदिर

मंडी: जिला के उपमंडल सरकाघाट के प्रसिद्ध प्राचीन शक्तिपीठ नौबाही देवी मंदिर में चारों ओर अव्यवस्था का आलम है. इससे प्रदेश सरकार का मंदिरों व धरोहरों को सहेजने के प्रति गंभीरता जगजाहिर हो गई है. मंदिर की छत से लगातार पानी टपकता है. इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से शीश नवाने आए भक्तों में प्रदेश सरकार व मंदिर प्रबंधन के प्रति रोष देखने को मिलता है.

मंदिर परिसर में बने राधाकृष्ण मंदिर के दान पात्र पर भी छत से पानी टपक रहा है. हैरानी इस बात की है कि मंदिर प्रबंधन ने दान पात्र को छुपाने के लिए उस पर प्लास्टिक का लिफाफा लगा रखा है. वहीं, मंदिर परिसर में बने दो कमरों में दरारें भी पड़ गई हैं. इसके कारण यह कमरे कभी भी गिर कर जान-माल का नुकसान कर सकते हैं.

Naubahi Devi Temple
नौबाही देवी मंदिर की हालत दयनीय, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

बता दें कि नौबाही माता का मंदिर पिछले 12 सालों से सरकार द्वारा अधिगृहित कर प्रशासन की देख-रेख में है. सावन मास, नवरात्र और त्योहारों में हजारों लोग मंदिर में मत्था टेकने आते हैं. मंदिर अधिकारी तहसीलदार सरकाघाट द्वारा स्थानीय लोगों की समिति बनाई है, जो प्रशासन को समय-समय पर मंदिर में निर्माण कार्य करने, साज सज्जा, रंगरोगन करने व श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के सुझाव देती हैं.

वीडियो

लोगों का कहना है कि मंदिर में हर वर्ष 7 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं अगर श्रद्धालु मंदिर में एक रुपये भी दान पात्र में डालता है तो वर्ष में 7 लाख राशि बनती है अगर प्रति श्रद्धालु 10 रुपये भी दान पात्र में डालें तो वर्ष में 70 लाख राशि बनती है लेकिन उसके बाबजूद भी प्रशासन मंदिर का रख रखाव नहीं करती.

मंदिर अधिकारी एवं तहसीलदार सरकाघाट दीनानाथ ने कहा कि चार दिन पहले ही उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया है. दीनानाथ ने कहा कि समस्या को लेकर शीघ्र ही मंदिर का दौरा कर सारी स्थिति का जायजा लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: चलती बस पर पत्थर गिरने से मची अफरा तफरी, बड़ा हादसा होने से टला

मंडी: जिला के उपमंडल सरकाघाट के प्रसिद्ध प्राचीन शक्तिपीठ नौबाही देवी मंदिर में चारों ओर अव्यवस्था का आलम है. इससे प्रदेश सरकार का मंदिरों व धरोहरों को सहेजने के प्रति गंभीरता जगजाहिर हो गई है. मंदिर की छत से लगातार पानी टपकता है. इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से शीश नवाने आए भक्तों में प्रदेश सरकार व मंदिर प्रबंधन के प्रति रोष देखने को मिलता है.

मंदिर परिसर में बने राधाकृष्ण मंदिर के दान पात्र पर भी छत से पानी टपक रहा है. हैरानी इस बात की है कि मंदिर प्रबंधन ने दान पात्र को छुपाने के लिए उस पर प्लास्टिक का लिफाफा लगा रखा है. वहीं, मंदिर परिसर में बने दो कमरों में दरारें भी पड़ गई हैं. इसके कारण यह कमरे कभी भी गिर कर जान-माल का नुकसान कर सकते हैं.

Naubahi Devi Temple
नौबाही देवी मंदिर की हालत दयनीय, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

बता दें कि नौबाही माता का मंदिर पिछले 12 सालों से सरकार द्वारा अधिगृहित कर प्रशासन की देख-रेख में है. सावन मास, नवरात्र और त्योहारों में हजारों लोग मंदिर में मत्था टेकने आते हैं. मंदिर अधिकारी तहसीलदार सरकाघाट द्वारा स्थानीय लोगों की समिति बनाई है, जो प्रशासन को समय-समय पर मंदिर में निर्माण कार्य करने, साज सज्जा, रंगरोगन करने व श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के सुझाव देती हैं.

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लोगों का कहना है कि मंदिर में हर वर्ष 7 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं अगर श्रद्धालु मंदिर में एक रुपये भी दान पात्र में डालता है तो वर्ष में 7 लाख राशि बनती है अगर प्रति श्रद्धालु 10 रुपये भी दान पात्र में डालें तो वर्ष में 70 लाख राशि बनती है लेकिन उसके बाबजूद भी प्रशासन मंदिर का रख रखाव नहीं करती.

मंदिर अधिकारी एवं तहसीलदार सरकाघाट दीनानाथ ने कहा कि चार दिन पहले ही उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया है. दीनानाथ ने कहा कि समस्या को लेकर शीघ्र ही मंदिर का दौरा कर सारी स्थिति का जायजा लिया जाएगा.

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Intro:लोकेशन मंडी/सरकाघाट
स्लग :
मंडी जिला के प्रसिद्ध प्राचीन शक्तिपीठ नौबाही देवी मंदिर में चारों ओर अव्यवस्था का आलम,
प्रदेश सरकार का मंदिरों व धरोहरों को सहेजने के प्रति गंभीरता हुई जगजाहिर,
मंदिर के गर्भगृह की छत से लगातार टपक रहा पानी, छत गिरने की कगार पर,
मंदिर परिसर में बने कमरों की स्थिति भी दयनीय, कमरों में पड़ी दरारें,
कमरों में दरारे आने से कभी भी गिर सकते कमरे हो सकता है जानमाल का नुकसान.
प्रसाशन ने कहा मंदिर का दौरा कर लिया जायेगा स्थिति का जायजा।Body:मंडी/सरकाघाट (नितेश सैनी)

एकर : हिमाचल के छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी को प्रसिद्ध प्राचीन शक्तिपीठो के लिए प्रदेश ही नहीं बल्कि देश-विदेश में प्रसिद्ध माना जाता है लेकिन उस छोटी काशी मंडी के ही मंदिरों की हालत दयनीय हो जाये तो उस से बड़ी और कोई बात नहीं हो सकती. मामला मंडी जिला के उपमंडल सरकाघाट के प्रसिद्ध प्राचीन शक्तिपीठ नौबाही देवी मंदिर में चारों ओर अव्यवस्था का आलम है। इससे प्रदेश सरकार का मंदिरों व धरोहरों को सहेजने के प्रति गंभीरता जगजाहिर हो गई है। मंदिर के गर्भगृह की छत से लगातार पानी टपकने से गिरने की कगार तक पहुंच गई है। इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से शीश नवाने आए भक्तों में प्रदेश सरकार व मंदिर प्रबंधन के खिलाफ गहरा रोष व्याप्त है। नबाही गांव में स्थित मंदिर में माता के दर्शन करने आए भक्त छत से लगातार टपक रहे पानी के कारण काफी परेशानी झेल रहे है। मंदिर परिसर में बने राधाकृष्ण मंदिर के दान पात्र पर भी छत से पानी टपक रहा है। हैरानी की बात यह है कि मंदिर प्रबंधन द्वारा अपनी नालायकी छुपाने के लिए दान पात्र के ऊपर प्लास्टिक का लिफाफा रखकर उसकी पानी से रक्षा की जा रही है।
वहीं मंदिर परिसर में बने दो कमरों की स्थिति भी दयनीय है और कमरों में दरारें भी पड़ गई हैं। इसके कारण यह कमरे कभी भी गिर कर जान व माल का नुकसान कर सकते हैं। नौबाही माता का मंदिर पिछले 12 सालों से सरकार द्वारा अधिगृहित कर प्रशासन की देख-रेख में है, लेकिन प्रशासन आज तक मंदिर के मुख्यद्वार में नौबाही माता का एक साइन बोर्ड तक नहीं लगा सका है। मंदिर में सावन मास, नवरात्र और त्योहारों में हजारों लोग मंदिर में माथा टेकने आते हैं। हालांकि मंदिर अधिकारी तहसीलदार सरकाघाट द्वारा स्थानीय लोगों की समिति बनाई है, जो प्रशासन को समय-समय पर मंदिर में निर्माण कार्य करने, साज सज्जा, रंगरोगन करने व श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के सुझाव देती हैं, लेकिन किसी भी सदस्य का ध्यान मंदिर की छत तक न जाने से लोगों में नाराजगी है। लोगो का कहना है की मंदिर में हर वर्ष 7 लाख से अधिक श्रदालु दर्शन करने पहुचते है अगर श्रदालु मंदिर में एक रुपया भी दान पात्र में डालता हो तो वर्ष में 7 लाख राशी बनती है अगर प्रति श्रदालु 10 रुपया भी दान पात्र में डाले तो वर्ष में 70 लाख राशी बनती है लेकिन उस के बाबजूद भी प्रसाशन मंदिर का रख रखाव करना भूल गया है. स्थानीय लोगों विनोद कुमार, रामलाल, रमेश कुमार, नरेश कुमार, मनोहर लाल, राधेश्याम, भीम सिंह, हरिराम, ललित जम्वाल सहित अन्य लोगों ने मंदिर प्रशासन से गर्भगृह की छत,लेंटर व कमरों की तुरंत मरम्मत करने की मांग की है।

बॉक्स :
वहीं प्राचीन शक्तिपीठ नौबाही देवी मंदिर में लाखों रुपए खर्च करके बनाए शौचालयों में काफी समय से ताला लटका है। शौचालय बंद रहने से मंदिर की स्वच्छता चरमरा गई है। इन शौचालयों का प्रयोग श्रद्धालु करते है, लेकिन शौचालय बंद रहने से श्रद्धालुओं को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। श्रद्धालूओं को शौच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

बाइट 01 : स्थानीय निवासी

बाइट 02 : स्थानीय निवासी ललित जम्वालConclusion:बयान :
मंदिर अधिकारी एवं तहसीलदार सरकाघाट दीनानाथ से जब दूरभाष के माध्यम से बात हुई तो उन्होंने कहा की चार दिन पूर्व ही मेरे द्वारा कार्यभार ग्रहण किया है। समस्या को लेकर शीघ्र ही मंदिर का दौरा कर सारी स्थिति का जायजा लिया जाएगा।
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