मंडी: जिला के क्षेत्रीय अस्ताल मंडी के नजदीक रघुनाथ के पधर में नशा निवारण एवं पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया जाएगा. यह प्रदेश का अपनी तरह का पहला मॉडल नशा निवारण एवं पुनर्वास केन्द्र होगा. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रघुनाथ का पधर में स्थित विभागीय भवन का निरीक्षण कर इसमें केन्द्र स्थापति करने को लेकर हरी झंडी दे दी है.
क्षेत्रीय अस्पताल के सभागार में मानसिक रोग अस्पताल टुटीकंडी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय पाठक ने मंडी में प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते बताया कि रघुनाथ के पधर में स्थित भवन में अगले 6-8 हफ्ते के भीतर यह केंद्र शुरू कर दिया जाएगा. 25 बिस्तरों की सुविधा से युक्त इस केंद्र को शुरू करने में लगभग 30 लाख रूपये की लागत आएगी.
इस केन्द्र में खेल, योगा, कृषि, बागवानी और अन्य गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी, ताकि नशे का शिकार हुए व्यक्ति को उपचार के दौरान इन सभी गतिविधियों से जोड़ा जा सके. डॉ. संजय पाठक ने कहा कि यह केन्द्र स्वास्थ्य विभाग के मानकों के आधार पर बनाया जाएगा और इसकी प्रक्रीया शुरू कर दी गई है.
डॉ. संजय पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस तरह के दो आदर्श केन्द्र खोलने का निर्णय लिया है, जिसमें मंडी का पहला केन्द्र है. हालांकि प्रदेश में कई जगह गैर सरकारी केन्द्र चलाए जा रहे हैं. युवाओं में नशे की बढ़ती लत चिंताजनक है. नशे की वजह से युवाओं में मानसिक परेशानी के कारण आत्महत्या की प्रवृति बढ़ती जा रही है, जो और भी ज्यादा परेशानी की बात है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को नशे से बचाने और इसकी गिरफ्त में फंसे लोगों को इस दलदल से बाहर निकालने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है. जो युवा नशे का शिकार हैं, वह नशा मुक्ति केन्द्र में अपना इलाज करवा सकते हैं.
डॉ. पाठक ने कहा कि प्रदेश में कोविड महामारी से प्रभावित लोगों की मनोस्थिति जानने के लिए सर्वे किया जाएगा. इस मोबाइल सर्वे में शिमला, मंडी और चम्बा जिला के दो लाख मोबाइल यूजर्स को शामिल किया जाएगा. उनसे नौ प्रकार की प्रश्न पूछे जाएंगे. इस सर्वे को एक महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा.