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तत्तापानी में श्मशानघाट पर राजनीति करने का आरोप, लोगों ने दिया अल्टीमेटम शिफ्ट किया तो उतरेंगे सड़कों पर

लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर इस श्मशानघाट को जबरन बदलने का प्रयास किया गया तो 4 पंचायतों की जनता सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन करेगी. इससे पहले भी एक बार श्मशानघाट को यहां से बदलने का प्रयास किया गया, जिस पर लोग भड़क गए थे.

तत्तापानी (फाइल फोटो)
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Published : May 4, 2019, 7:56 PM IST

करसोगः करसोग के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल तत्तापानी श्मशानघाट को अन्य स्थान पर बदलने के लिए फिर से राजनीतिक दवाब डाला जा रहा है, जिससे श्मशानघाट पर नया विवाद पैदा हो गया है. जनता ने इस बात की भनक लगते ही प्रशासन को सड़कों पर उतरने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है.

tattapani
तत्तापानी (फाइल फोटो)

लोगों ने दो टूक चेतावनी दी है कि अगर इस श्मशानघाट को जबरन बदलने का प्रयास किया गया तो 4 पंचायतों की जनता सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन करेगी. इससे पहले भी एक बार श्मशानघाट को यहां से बदलने का प्रयास किया गया, जिस पर तत्तापानी सहित साथ लगती पंचायत के लोग भड़क गए थे और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रशासन के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी.

पढ़ेंः चंबा में गली-सड़ी हालत में मिला युवक का शव, मौके पर MLA और ग्रामीणों में हुई जमकर बहस

प्रशासन ने जनभावना को देखते हुए अधिकारियों को मौके पर भेज कर मामले को सुलझाया था, लेकिन अब फिर से श्मशानघाट को बदले जाने पर राजनीति शुरू हो गई है. इन पंचायतों में रहने वाले गरीब लोग जो पैसे के अभाव में हरिद्वार नहीं जा सकते हैं, वे तत्तापानी में ही सतलुज नदी में अस्थियों का विसर्जन करते हैं. अब कुछ लोग इस शमशानघाट को अन्य स्थान पर बदले जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसकी सूचना लगते ही जनता ने विरोध करना शुरू कर दिया है.

ग्राम सभा मे भी हुआ था प्रस्ताव पारित

तत्तापानी में पहले भी श्मशानघाट के बदले जाने के निर्णय पर विवाद उपजा था, जिसको देखते हुए इस मामले पर एसडीएम करसोग को हस्तक्षेप करना पड़ा था. सबसे पहले मामले को सुलझाने के लिए 2017 में तहसीलदार व बीडीओ को तत्तापानी भेजा गया था. अधिकारियों ने लोगों की बातों को सुनते हुए विवाद को शांता किया था.

वार्ड पंच दिनेश कुमार

इसके बाद श्मशानघाट को लेकर राजनीति शुरू हो गई. कुछ लोगों ने फिर से श्मशानघाट को बदलने के लिए राजनीतिक दवाब डालना शुरू कर दिया. जिसको देखते हुए 9 अप्रैल को तत्तापानी पंचायत में बीडीओ व नायब तहसीदार की उपस्थिति में विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्राम सभा ने अधिकारियों ने के सामने सर्वसम्मति से श्मशानघाट को अन्य स्थान के लिए न बदलने का निर्णय लिया था.

इसके बाद कुछ दिनों तक मामला फिर से कुछ शांत रहा, लेकिन अब फिर से श्मशानघाट को बदलने पर राजनीति शुरू हो गई है. ऐसे में जनता भड़क गई है. तत्तापानी के पूर्व उपप्रधान प्रेम वर्मा व वार्ड सदस्य दिनेश शर्मा का कहना है कि ग्राम सभा में सर्वसम्मति बनने के बाद भी कुछ शरारती तत्व श्मशानघाट को बदलने का प्रशासन पर राजनीतिक दवाब डाल रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर जनता की इच्छा के विरुद्ध इस श्मशानघाट को बदला गया तो 4 पंचायतों की जनता सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेगी.

करसोगः करसोग के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल तत्तापानी श्मशानघाट को अन्य स्थान पर बदलने के लिए फिर से राजनीतिक दवाब डाला जा रहा है, जिससे श्मशानघाट पर नया विवाद पैदा हो गया है. जनता ने इस बात की भनक लगते ही प्रशासन को सड़कों पर उतरने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है.

tattapani
तत्तापानी (फाइल फोटो)

लोगों ने दो टूक चेतावनी दी है कि अगर इस श्मशानघाट को जबरन बदलने का प्रयास किया गया तो 4 पंचायतों की जनता सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन करेगी. इससे पहले भी एक बार श्मशानघाट को यहां से बदलने का प्रयास किया गया, जिस पर तत्तापानी सहित साथ लगती पंचायत के लोग भड़क गए थे और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रशासन के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी.

पढ़ेंः चंबा में गली-सड़ी हालत में मिला युवक का शव, मौके पर MLA और ग्रामीणों में हुई जमकर बहस

प्रशासन ने जनभावना को देखते हुए अधिकारियों को मौके पर भेज कर मामले को सुलझाया था, लेकिन अब फिर से श्मशानघाट को बदले जाने पर राजनीति शुरू हो गई है. इन पंचायतों में रहने वाले गरीब लोग जो पैसे के अभाव में हरिद्वार नहीं जा सकते हैं, वे तत्तापानी में ही सतलुज नदी में अस्थियों का विसर्जन करते हैं. अब कुछ लोग इस शमशानघाट को अन्य स्थान पर बदले जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसकी सूचना लगते ही जनता ने विरोध करना शुरू कर दिया है.

ग्राम सभा मे भी हुआ था प्रस्ताव पारित

तत्तापानी में पहले भी श्मशानघाट के बदले जाने के निर्णय पर विवाद उपजा था, जिसको देखते हुए इस मामले पर एसडीएम करसोग को हस्तक्षेप करना पड़ा था. सबसे पहले मामले को सुलझाने के लिए 2017 में तहसीलदार व बीडीओ को तत्तापानी भेजा गया था. अधिकारियों ने लोगों की बातों को सुनते हुए विवाद को शांता किया था.

वार्ड पंच दिनेश कुमार

इसके बाद श्मशानघाट को लेकर राजनीति शुरू हो गई. कुछ लोगों ने फिर से श्मशानघाट को बदलने के लिए राजनीतिक दवाब डालना शुरू कर दिया. जिसको देखते हुए 9 अप्रैल को तत्तापानी पंचायत में बीडीओ व नायब तहसीदार की उपस्थिति में विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्राम सभा ने अधिकारियों ने के सामने सर्वसम्मति से श्मशानघाट को अन्य स्थान के लिए न बदलने का निर्णय लिया था.

इसके बाद कुछ दिनों तक मामला फिर से कुछ शांत रहा, लेकिन अब फिर से श्मशानघाट को बदलने पर राजनीति शुरू हो गई है. ऐसे में जनता भड़क गई है. तत्तापानी के पूर्व उपप्रधान प्रेम वर्मा व वार्ड सदस्य दिनेश शर्मा का कहना है कि ग्राम सभा में सर्वसम्मति बनने के बाद भी कुछ शरारती तत्व श्मशानघाट को बदलने का प्रशासन पर राजनीतिक दवाब डाल रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर जनता की इच्छा के विरुद्ध इस श्मशानघाट को बदला गया तो 4 पंचायतों की जनता सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेगी.


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Date: Sat, May 4, 2019, 1:30 PM
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तत्तापानी से शमशानघाट शिफ्ट करने को फिर डाला जा रहा राजनीतिक दवाब
भनक लगते ही लोगों का प्रशासन को अल्टीमेटम,  श्मशाघाट बदला तो सड़कों पर उतरेगी जनता

करसोग

करसोग के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल तत्तापानी श्मशानघाट को अन्य स्थान पर बदलने के लिए फिर से राजनीतिक दवाब डाला जा रहा है।  जिस से श्मशानघाट पर नया विवाद पैदा हो गया है।  जनता ने इस बात की भनक लगते ही प्रशासन को सड़कों पर उतरने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है
   लोगों ने दो टूक चेतावनी दी है कि अगर इस श्मशानघाट को जबरन बदलने का प्रयास किया गया तो चार पंचायतों की जनता सड़क पर बैठ कर धरना प्रदर्शन करेगी। इससे पहले भी एक बार श्मशानघाट को यहाँ से बदलने का प्रयास किया गया जिस पर था।तत्तापानी सहित साथ लगती पंचायत के लोग भड़क गए थे और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रशासन के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। प्रशासन ने जनभावना को देखते हुए अधिकारियों को मौके पर भेज कर मामले को सुलझाया था, लेकिन अब फिर से श्मशानघाट को बदले जाने पर राजनीति शुरू हो गई है। तत्तापानी सतलुज नदी के साथ लगता क्षेत्र है। यहां जगह जगह पर जमीन से गर्म पानी निकलने के साथ कई मंदिर भी है। लोगों की इस क्षेत्र से धार्मिक आस्था भी जुड़ी है। इसलिए धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी को करसोग क्षेत्र का हरिद्वार भी कहा जाता है। सदियों से यहां बने श्मशानघाट को तत्तापानी सहित सांविधार, साहज़ व सौझा पंचायत की जनता प्रयोग में लाती है। इन पंचायतों में रहने वाले गरीब लोग जो पैसे के अभाव में हरिद्वार नहीं जा सकते हैं, वे तत्तापानी में ही सतलुज नदी में अस्थियों का विसर्जन करते हैं।  अब कुछ लोग इस श्मशानघाट को अन्य स्थान पर बदले जाने के लिए प्रयास कर रहे है। जिसकी सूचना लगते ही जनता ने विरोध करना शुरू कर दिया है। 

ग्राम सभा मे भी हुआ था प्रस्ताव पारित:

तत्तापानी में पहले भी श्मशानघाट के बदले जाने के निर्णय पर विवाद उपजा था। जिसको देखते हुए इस मामले पर एसडीएम करसोग को हस्ताक्षेप करना पड़ा था। सबसे पहले मामले को सुलझाने के लिए वर्ष 2017 में तहसीलदार व बीडीओ को तत्तापानी भेजा गया था। अधिकारियों ने जन लोगों की बातों को सुनते हुए विवाद को शान्त किया था। इसके बाद श्मशानघाट को लेकर राजनीति शुरू हो गई। कुछ लोगों ने फिर से शमशानघाट को बदलने के लिए राजनीतिक दवाब डालना शुरू कर दिया। जिसको देखते हुए पिछले महीने 9 अप्रेल को तत्तापानी पंचायत में बीडीओ व नायब तहसीदार की उपस्थिति में विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया। जिसमें ग्राम सभा ने अधिकारियों ने के सामने सर्वसम्मति से  श्मशानघाट को अन्य स्थान के लिए न बदलने का निर्णय लिया था। इसके बाद कुछ दिनों तक मामला फिर से कुछ शांत रहा, लेकिन अब फिर से श्मशानघाट को बदलने पर राजनीति शुरू हो गई है। ऐसे में जनता भड़क गई है। तत्तापानी के पूर्व उपप्रधान प्रेम वर्मा व वार्ड सदस्य दिनेश शर्मा का कहना है कि ग्राम सभा में सर्वसम्मति बनने के बाद भी कुछ शरारती तत्व श्मशानघाट को बदलने का प्रशासन पर राजनीतिकबदवाब दाल रहे है। जिसे सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जनता की इच्छा के विरुद्ध इस श्मशानघाट को बदला गया तो चार पंचायतों की जनता सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेगी। 
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