मंडी: द्रंग विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मासड़ और शिवाबदार के आधा दर्जन गांवों को सीधे नेशनल हाईवे के साथ जोड़ने के लिए स्प्रेई गांव के पास बनाया गया पुल बीती 9 जुलाई को ब्यास नदी में आई बाढ़ की भेंट चढ़ गया था. इस पुल के टूट जाने से अब इन दो पंचायतों की आबादी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. प्रभावित गांवों में ग्राम पंचायत मासड़ का स्प्रेई, अप्पर स्प्रेई और चिन्हा गांव जबकि ग्राम पंचायत शिवाबदार के दो गांव शामिल हैं. यहां के लोगों को इससे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है. वे पुल क्रॉस करते ही सीधे नेशनल हाईवे पर पहुंच जाते थे और उसके बाद मंडी या पंडोह की तरफ निकल पड़ते थे.
रोजाना स्कूल, कॉलेज, कार्यालयों और दिहाड़ीदारों के लिए यह पुल किसी वरदान से कम नहीं था, लेकिन पुल टूट जाने के बाद अब इन्हें 8 से 10 किमी का सफर तय करके नेशनल हाईवे पर पहुंचना पड़ रहा है. पंडोह के पास भी लाल पुल टूट गया है जिस कारण ग्रामीणों को पहले पंडोह डैम के साथ लगते कैंची मोड़ के पास पहुंचना पड़ रहा है और उसके बाद पंडोह और मंडी के लिए जाना पड़ रहा है. यदि पैदल जाना है तो जागर गांव के पास लकड़ी से बने पुल पर जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है.
स्थानीय निवासी सतीश राणा, हेमराज और देवेंद्र शर्मा ने बताया कि पुल टूट जाने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव के बच्चे, बुजुर्ग और रोजाना आने-जाने वाले इससे खासे प्रभावित हो रहे हैं. गांव के लोगों की जमीनें ब्यास नदी के दोनों तरफ है. रिश्तेदारी और देवी-देवताओं के मंदिर भी आमने-सामने हैं जहां पर लोगों को आए दिन आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अब पुल टूट जाने के कारण यह सारी व्यवस्थाएं बाधित हो रही हैं. इन्होंने सरकार से इस पुल के स्थान पर जल्द से जल्द नया पुल बनाने की गुहार लगाई है.