सरकाघाट/मंडी: उपमंडल प्रशासन ने कोरोना महामारी को गंभीरता से नहीं लेने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. प्रशासन ने मास्क नहीं पहनने, सामाजिक दूरी को न अपनाने, भीड़ जमा करने वालों से कठोरता से निपटने का निर्णय लिया है. इसके लिए स्थानीय पंचायतों को कड़े आदेश दिए गए हैं कि वह लोगों से इन नियमों का सख्ती से पालन करवाए.
एसडीएम सरकाघाट ने नगर परिषद, स्वास्थ्य विभाग और पंचायतों को आदेश दिए हैं कि वह इन नियमों सही तरीके से लागू करवाने में भूमिका निभाएं. जिस पंचायत और वार्ड में इन नियमों का लोग बेहतर तरीके से पालन करते दिखेंगे उन पंचायतों को सम्मानित भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से उपमंडल की सभी पंचायतों में जागरूकता अभियान चला कर मास्क की अनिवार्यता के बारे समझाया जाएगा.
फिर भी लोग मास्क के बिना सार्वजनिक स्थानों में घूमते पाए गए, तो प्रशासन सख्ती कर उनको जुर्माने करने पर विवश होगा. कोरोना के लक्षण लगे वह बिना देरी अपना टेस्ट करवाए, ताकि विलंब होने पर वेंटिलेटर तक की जरूरत न पड़े. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए अपने आप भी मास्क लगाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें. अवहेलना करने वालों से निपटने के लिए एसएचओ को अधिकार दिए गए हैं कि वह सख्ती से ऐसे लोगों से निपटें.
इस लड़ाई में लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायती राज संस्थान के पदाधिकारियों, नगर पंचायत, स्वयं सेवी संस्थाओं, महिला मंडलों, युवा मंडलों, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी आदि का सक्रिय सहयोग लिया जाएगा. जनता से उन्होंने आग्रह किया है कि और सामुदायिक समारोहों में भाग न लें, शादी आदि में जाने से बचें दूसरों को भी जाने से रोकें.
संक्रमित मरीजों से दिन में एक बार जरूर बात करें डॉक्टर
एसडीएम सरकाघाट जफर इकबाल ने बीएमओ को आदेश दिए कि वह सुनिश्चित करें कि क्षेत्र में जो भी संक्रमित मरीज हैं, उनका हाल चाल जानने के लिए डॉक्टर दिन में एक बार उनसे बात जरूर करें. हो सके तो मरीजों का नंबर सेव करें ताकि मरीज अगर अधिक गंभीर हो तो तुरंत उसे उपचार दिया जा सके. इस तरह से हम कोरोना को किसी की जिंदगी नहीं लेने देंगे.
पहले से बीमार और बूढें लोगों को समझाएं आशा वर्कर
एसडीएम सरकाघाट ने बीएमओ को यह बात सुनिश्चत करने को कहा कि आशा वर्कर के पास क्षेत्र के ऐसे लोग जो 60 साल से अधिक उम्र के हैं और ऐसे लोग जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, उनका डाटा है. आशा वर्कर उनको जागरुक करें कि वह घर से बाहर न निकलें, क्योंकि कोरोना से उनकी जान को अधिक खतरा है.
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