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जलप्रलय झेलने के बाद भी सुरक्षित पंचवक्त्र महादेव मंदिर, तूफान से शिवालय को नहीं हुआ कोई नुकसान

मंडी शहर में ब्यास नदी के तट पर बना यह प्राचीन मंदिर जलप्रलय झेलने के बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित है. जलप्रलय में डूबे पंचवक्त्र महादेव मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

जलप्रलय झेलने के बाद भी सुरक्षित पंचवक्त्र महादेव मंदिर
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Published : Aug 19, 2019, 2:23 PM IST

मंडी: ब्यास नदी में आया भीषण जलप्रलय ने जहां भारी तबाही मचाई हुई है. वहीं इस जलप्रलय में डूबे प्राचीन पंचवक्त्र मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. मंडी शहर में ब्यास नदी के तट पर बना यह प्राचीन मंदिर जलप्रलय झेलने के बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित है.

मंदिर के बाहर लगी चारदीवारी को नुकसान जरूर पहुंचा है लेकिन मंदिर सुरिक्षत है. मंदिर का 30 प्रतिशत से अधिक भाग भीषण जलप्रलय में डूब गया था. ब्यास नदी का जलस्तर घटा तो मंदिर परिसर सिल्ट से भरा हुआ नजर आया. लेकिन मंदिर का भवन पूरी तरह से सुरक्षित है.

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बता दें कि यह मंदिर सदियों पुराना है और इसे मंडी के राजा ने बनवाया था. मंदिर में भगवान शिव के पंचवक्त्र रूप की पूजा की जाती है. इस मंदिर को भारतीय पुरारतत्व विभाग ने अपने अधीन ले रखा है.

वहीं मंडी जिला में मौसम के मिजाज की बात करें तो जिला में ब्यास नदी का जलस्तर तो घट गया है लेकिन मौसम का खतरा अभी भी बरकरार है. बीते दो दिनों में हुई भारी बारिश के कारण और पंडोह डैम के गेट खोले जाने के कारण ब्यास नदी के जलस्तर में भारी इजाफा हो गया था.

ये भी पढ़ें: लाहौल घाटी में दो दशक बाद अगस्त में बर्फबारी, मनाली-लेह मार्ग पर सेना के जवान समेत फंसे 500 लोग

मौसम विभाग ने सोमवार को भी जिला में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है. वहीं, 21 अगस्त तक इसी प्रकार की बारिश की संभावना जताई गई है. जिला से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे की बात करें तो चंडीगढ़ मनाली को छोड़कर बाकी सभी हाईवे सामान्य है.

बता दें कि दवाड़ा के पास एनएच क्षतिग्रस्त हुआ है और इसकी बहाली में काफी समय लग सकता है. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला में अलर्ट जारी किया गया है और ऐसे में लोगों को ऐतिहात बरतने की जरूरत है. उन्होंने आपदा के समय प्रशासन द्वारा दिए गए नंबरों पर संपर्क करने का आह्वान किया है.

मंडी: ब्यास नदी में आया भीषण जलप्रलय ने जहां भारी तबाही मचाई हुई है. वहीं इस जलप्रलय में डूबे प्राचीन पंचवक्त्र मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. मंडी शहर में ब्यास नदी के तट पर बना यह प्राचीन मंदिर जलप्रलय झेलने के बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित है.

मंदिर के बाहर लगी चारदीवारी को नुकसान जरूर पहुंचा है लेकिन मंदिर सुरिक्षत है. मंदिर का 30 प्रतिशत से अधिक भाग भीषण जलप्रलय में डूब गया था. ब्यास नदी का जलस्तर घटा तो मंदिर परिसर सिल्ट से भरा हुआ नजर आया. लेकिन मंदिर का भवन पूरी तरह से सुरक्षित है.

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बता दें कि यह मंदिर सदियों पुराना है और इसे मंडी के राजा ने बनवाया था. मंदिर में भगवान शिव के पंचवक्त्र रूप की पूजा की जाती है. इस मंदिर को भारतीय पुरारतत्व विभाग ने अपने अधीन ले रखा है.

वहीं मंडी जिला में मौसम के मिजाज की बात करें तो जिला में ब्यास नदी का जलस्तर तो घट गया है लेकिन मौसम का खतरा अभी भी बरकरार है. बीते दो दिनों में हुई भारी बारिश के कारण और पंडोह डैम के गेट खोले जाने के कारण ब्यास नदी के जलस्तर में भारी इजाफा हो गया था.

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मौसम विभाग ने सोमवार को भी जिला में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है. वहीं, 21 अगस्त तक इसी प्रकार की बारिश की संभावना जताई गई है. जिला से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे की बात करें तो चंडीगढ़ मनाली को छोड़कर बाकी सभी हाईवे सामान्य है.

बता दें कि दवाड़ा के पास एनएच क्षतिग्रस्त हुआ है और इसकी बहाली में काफी समय लग सकता है. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला में अलर्ट जारी किया गया है और ऐसे में लोगों को ऐतिहात बरतने की जरूरत है. उन्होंने आपदा के समय प्रशासन द्वारा दिए गए नंबरों पर संपर्क करने का आह्वान किया है.

Intro:मंडी। ब्यास नदी में आए भीषण जलप्रलय ने जहां भारी तबाही मचाई वहीं इस जलप्रलय में डूबे प्राचीन पंचवक्त्र मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मंडी शहर में ब्यास नदी के तट पर बना यह प्राचीन मंदिर जलप्रलय झेलने के बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित है। मंदिर के बाहर लगी चारदीवारी को नुकसान जरूर पहुंचा है लेकिन मंदिर सुरिक्षत है। मंदिर को 30 प्रतिशत से अधिक का भाग पिछले कल आए भीषण जलप्रलय में डूब गया था। आज जब ब्यास नदी का जलस्तर घटा तो मंदिर परिसर सिल्ट से भरा हुआ नजर आया। लेकिन मंदिर का भवन पूरी तरह से सुरक्षित है।Body: बता दें कि यह मंदिर सदियों पुराना है और इसे मंडी के राजा ने बनवाया था। मंदिर में भगवान शिव के पंचवक्त्र रूप की पूजा की जाती है। इस मंदिर को भारतीय पुरारतत्व विभाग ने अपने अधीन ले रखा है।
वहीं मंडी जिला में मौसम के मिजाज की बात करें तो जिला में ब्यास नदी का जलस्तर तो घट गया है लेकिन मौसम का खतरा अभी भी बरकरार है। बीते दो दिनों में हुई भारी बारिश के कारण और पंडोह डैम के गेट खोले जाने के कारण ब्यास नदी के जलस्तर में भारी ईजाफा हो गया था और नदी के पानी ने जमकर तांडव किया था। कईयों के घरों में पानी घुस गया था और नदी किनारे पार्क किए गए वाहन इसके तेज बहाव में बह गए थे। आज सुबह मंडी जिला में मौसम थोड़ी देर के लिए साफ रहा और उसके बाद फिर से घने बादल छा गए। वहीं जिला के अधिकतर स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने आज भी जिला में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है। वहीं 21 अगस्त तक इसी प्रकार की बारिश की संभावना जताई गई है। जिला से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे की बात करें तो चंडीगढ़ मनाली को छोड़कर बाकी सभी हाईवे पूरी तरह से सुचारू हैं। दवाड़ा के पास यह एनएच क्षतिग्रस्त हुआ है और इसकी बहाली में काफी समय लग सकता है। वहीं अन्य मार्गों को खोलने का कार्य भी युद्धस्तर पर चला हुआ है। जिला के सभी शिक्षण संस्थान आज खुले हैं और वहां पर कोई अवकाश घोषित नहीं किया गया है। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला में आज भी अलर्ट जारी किया गया है और ऐसे में लोगों को ऐहतिआत बरतने की जरूरत है। उन्होंने आपदा के समय प्रशासन द्वारा दिए गए नंबरों पर संपर्क करने का आहवान किया है।
Conclusion:
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